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बिहार : छूटी शराब, मिली जिंदगी, होती है तीन सौ रुपये कमाई
II संजय पांडेय II खगौल : लखनी बिगहा पंचायत के वार्ड संख्या पांच आदमपुर निवासी अयोध्या सिंह ऑटो चालक हैं. शराब पीने की ऐसी गंदी लत थी कि बीस दिनों तक ऑटो खड़ा कर लगातार शराब के नशे में धुत रहते थे. घर-परिवार की फिक्र नहीं रहती थी. खुले मैदान, सड़क या नाले में पड़े […]
II संजय पांडेय II
खगौल : लखनी बिगहा पंचायत के वार्ड संख्या पांच आदमपुर निवासी अयोध्या सिंह ऑटो चालक हैं. शराब पीने की ऐसी गंदी लत थी कि बीस दिनों तक ऑटो खड़ा कर लगातार शराब के नशे में धुत रहते थे. घर-परिवार की फिक्र नहीं रहती थी. खुले मैदान, सड़क या नाले में पड़े रहते थे.
राहगीर उन्हें घर तक पहुंचाते थे. हालात यह हो गयी थी कि दोस्त-रिश्तेदार उनसे कतराने लगे थे. आमदनी नहीं होने पर कर्ज का इतना बोझ बढ़ गया कि उसे चुकाने के लिए ऑटो बेचना पड़ा. घर-परिवार चलाने के लिए बेटा पढ़ाई छोड़ काम करने लगा. शराब के कारण रोज घर में लड़ाई-झगड़ा होता रहता था. पत्नी मंदिरों में जाकर भगवान से शराब की लत छुड़ाने के लिए मन्नत करती थी.
सीएम को धन्यवाद देती हैं अयोध्या की पत्नी
पत्नी अनिता देवी शराबबंदी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काे धन्यवाद देती हैं. वह कहती हैं कि मुख्यमंत्री मेरे लिए तो भगवान के समान हैं. शराबबंदी का कानून प्रदेश में लागू कर उन्होंने सैकड़ों-हजारों घरों की खुशियां लौटायी हैं.
हमेशा शराब के नशे में रहते थे धुत, नहीं रहती थी घर-परिवार की फिक्र
शराबबंदी होते ही जीवन में आया नया सवेरा
दो साल पूर्व जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी लागू हुई, तो उनके जीवन नया सवेरा आ गया.शराब की खरीद-बिक्री बंद होते ही उनकी शराब पीने की लत छूट गयी. आज किराये का ऑटो चला कर कर रोज चार सौ रुपये तक कि कमाई कर लेते हैं. परिवार- समाज में उनको फिर से इज्जत की नजर से देखा जाता है. घर-परिवार में खुशी लौट आयी है.
अपना ऑटो खरीदना चाहते हैं अयोध्या
अयोध्या सिंह कहते हैं कि शराब छूटते ही मेरा भविष्य सुधर गया. मेरा जीवन वापस मिल गया. बिखरा परिवार एकजुट हो गया. अब रोज काम करता हूं. पत्नी व बच्चे मेरा पूरा ख्याल रखते हैं. पहले की जिंदगी को भूल कर नयी जिंदगी से परिवार के साथ बहुत खुश हूं. अब पैसे जमा कर रहा हूं किसी तरह फिर से अपना ऑटो खरीद सकूं.
दोस्तों की गलत संगत से लगी थी शराब की लत
अयोध्या सिंह बताते हैं शराबबंदी के पहले ऑटो चलाने के दौरान दोस्तों की गलत संगत में पड़ कर शराब पीने की लत लग गयी थी. शराब के बिना रहना एक पल भी मुश्किल हो गया था. हमेशा शराब के नशे में डूबा रहता था.
अपनी कमाई का पैसा बीबी व बच्चों के भरण- पोषण पर खर्च करने के बजाय शराब में उड़ा देता था. हर दिन पत्नी से कहासुनी व झगड़ा होता रहता था. आसपास के लोग व रिश्तेदार हमसे दूर भागते थे. शराब पीकर गलत हरकतों से ग्रामीणों के साथ परिवार को भी परेशान करता था.
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