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बिहार बजट सत्र : प्रदेश के खाद्य गोदामों का होगा भौतिक सत्यापन
पटना बजट सत्र : बेगूसराय व कटिहार जिलों के खाद्य गोदामों में मिली हैं गड़बड़ियां, दोषियों पर हो रही सख्त कार्रवाई पटना : विधान परिषद में खाद्य व उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में मौजूद खाद्य गोदामों का भौतिक सत्यापन कराया जायेगा. इस दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर सभी […]
पटना बजट सत्र : बेगूसराय व कटिहार जिलों के खाद्य गोदामों में मिली हैं गड़बड़ियां, दोषियों पर हो रही सख्त कार्रवाई
पटना : विधान परिषद में खाद्य व उपभोक्ता मंत्री मदन सहनी ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में मौजूद खाद्य गोदामों का भौतिक सत्यापन कराया जायेगा.
इस दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर सभी संबंधित पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. भौतिक सत्यापन तेजी से हो, इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि बेगूसराय और कटिहार जिले की खाद्य गोदामों में गड़बड़ी मिली है. इसके बाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी समेत 11 व्यक्ति और 12 वाहन मालिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गयी है.
सरकारी कर्मियों के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर आगे की कार्रवाई हो रही है. दोषी कर्मियों का सेवांत लाभ रोक दिया गया और दो पदाधिकारियों की सेवा उनके पैतृक विभाग ग्रामीण विकास विभाग में वापस करने के लिए लिखा गया है. इस मामले को रजनीश कुमार ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से उठाया था. इस दौरान सुबोध राय पूरे राज्य में घोटालेबाजी की बात उठाते हुए लगातार सरकार पर हमला कर रहे थे. मंत्री के बार-बार समझाने पर भी जब वह नहीं माने, तो कहा कि आप इतना बोल रहे है, हमको सब पता है आपके बारे में. इस पर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.
रामचंद्र भारती के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य के सभी 124 निबंधन कार्यालयों को मुख्यालय स्थित विभागीय डाटा सेंटर से जोड़ दिया गया है. डिजिटलाइजेशन के बाद दस्तावेजों के रजिस्ट्री की संख्या काफी बढ़ी है. एक जनवरी से 20 फरवरी 2018 के बीच एक लाख 38 हजार 537 दस्तावेज की रजिस्ट्री हुई है. जबकि इस दौरान पिछले वर्ष एक लाख आठ हजार 270 दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई थी. आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने कहा कि सुपौल जिले में बाढ़ के दौरान निजी नावों के परिचालन के बाद इनके भुगतान नहीं होने के मामले की जांच होगी. कोसी प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर पूरी जांच करवायी जायेगी. इस पर सदस्य कोषागार से अवैध निकासी के मामले की जांच कराने की मांग करने लगे. उप-सभापति ने कहा कि 15 दिन में इसकी जांच रिपोर्ट मंगवा ले और इसकी एक कॉपी परिषद को भी सौंप दें. इस मामले को रामवचन राय ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से उठाया था.
पटना. विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल के दौरान एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर राजद के सदस्यों ने जम कर हंगामा किया. विपक्ष को सत्ता पक्ष का भी सहयोग मिला. इस मुद्दे पर पक्ष व विपक्ष के सभी दलित विधायक एकजुट दिखे. सदन के बाहर भी इस मुद्दे पर नारेबाजी की गयी. विपक्ष इस पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया था लेकिन नियमानुकुल नहीं होने के कारण अध्यक्ष ने उसे नामंजूर कर दिया. शून्यकाल में राजद के लोग बेल में आ गये. इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. उसके बाद विपक्ष ने विधानसभा के सामने धरना दिया. धरने में सत्तारूढ़ दल के विधायक भी शामिल हुए़़ जेडीयू के श्याम रजक, ललन पासवान और बीजेपी के कई विधायक भी इस धरना में शामिल हुए और सरकार को चेतावनी दी कि दलितों को उनका हक दे.
वहीं, प्रश्नकाल से लेकर शून्यकाल तक कार्यवाही में शिक्षा और स्वास्थ्य के सवालों पर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के संजय प्रसाद ने पटना के आईजीआईएमएस संस्थान में कोबाल्ट लेजर मशीन की खरीद में घोटाला की बात उजागर करते हुए डिप्टी सीएम के इसमें शामिल होने और निगरानी में चल रही इसकी जांच को दबाने का आरोप लगाया. विधि-व्यवस्था के मामले को लेकर राबड़ी देवी और नवल किशोर यादव के बीच जोरदार नोक-झोंक हुई. बीच-बचाव में अन्य विपक्षी सदस्य भी कूद गये. उप सभापति ने मामला शांत करवा कर अल्पसूचित प्रश्नों से कार्यवाही शुरू करवायी. इसी दौरान फिर से पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि कोई कुछ बोलने का मौका विपक्ष को नहीं देता है. उप सभापति से कहा कि आप भी पक्षपात करते हैं, बोलने नहीं देते.
पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा का नया माहौल बना है. यहां शिक्षा के माहौल में क्रांति आयेगी. वे बुधवार को बिहार विधानसभा में बजट सत्र के दौरान बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद विधेयक, 2018 का प्रस्ताव पेश करने के बाद बोल रहे थे.
विधानसभा में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया. इसके लिए विपक्ष की तरफ से कुल 58 संशोधन प्रस्ताव प्रस्तावित थे, लेकिन सभी अस्वीकृत हो गये. यह परिषद राज्य में उच्चतर शिक्षा के लिए अतिरिक्त संसाधन बढ़ाने के लिए आर्थिक व्यवस्था संबंधी सुझाव देगी. विश्वविद्यालयों और स्वायत्त महाविद्यालयों द्वारा संचालित होनेवाले परीक्षा के स्तर में सुधार के लिए योजना बनायेगी.
नामांकन प्रक्रिया की भी समीक्षा करती रहेगी. साथ ही खेलकूद, शारीरिक शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को शिक्षा का मानक बनाये रखने के लिए सहायता करेगी और सुझाव देगी. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों सहित उच्चतर शिक्षण संस्थानों के विकास योजनाओं पर सुझाव देगी.साथ ही नयी योजनाएं बनायेगी. विज्ञान और प्रावैधिकी की बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध प्रदान करेगी.
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