पटना. किसी भी संस्थान के कर्मचारियों का अपने सहकर्मी और प्रबंधन से रिश्ता मधुर नहीं होगा, तो आउटपुट खराब होगा. वैसे दो और दो चार होता है, लेकिन टीम भावना में काम हो,तो दो और दो पांच होगा. इससे उत्पादकता बढ़ेगी.
उक्त बातें जेआइएमएस,नयी दिल्ली के निदेशक डॉ सतीश सेठ ने कहीं. वह शनिवार को होटल चाणक्य में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, बिहार इकाई द्वारा आयोजित वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे. डॉ सेठ ने कहा कि कंपनी का आदेश मिलने पर हर कर्मचारी को लगता है कि हमारे ऊपर बोझ डाला जा रहा है. बेईमानी हो रही है.
प्रबंधकों को इन्हीं स्थिति में काम करना होता है. इसके लिए जरूरी है कि प्रतिभा के अनुसार काम सौंपे. कर्मचारियों के बीच ऐसा माहौल बनाएं कि एक कर्मचारी दूसरे कर्मचारियों की मदद करने के साथ कंपनी पर भी पूरा ध्यान दें. उन्होंने कहा कि इन्हीं परिस्थितियों में तनाव भी होता है. समय के अनुसार ढालने की कोशिश करें. दूसरे कर्मचारियों का काम देखने की बजाय खुद का काम बेहतर ढंग से संपादित करें. इससे तनाव कम होगा. लाइफस्टाइल भी बदलना होगा. कार्यशाला को पीएचडी चैंबर के क्षेत्रीय निदेशक आरके शरण, विनोद कुमार राज व कंसलटेंट प्रेमनाथ ने भी संबोधित किया.