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बिहार : एटीएस ने रेकी कर आतंकी और नक्सली हमलों को लेकर चिह्नित किये 93 संवेदनशील स्थल
पटना : पुलिस महकमा की एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड) इकाई ने राज्य के सभी बेहद संवेदनशील स्थानों की जांच-पड़ताल कर इनकी सूची तैयार की है. ये वैसे स्थान हैं, जो मुख्य रूप से आतंकी या नक्सली हमले को लेकर संवेदनशील चिह्नित किये गये हैं. यानी आतंकियों और नक्सलियों के टारगेट पर ऐसे 93 स्थान हैं, […]
पटना : पुलिस महकमा की एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉयड) इकाई ने राज्य के सभी बेहद संवेदनशील स्थानों की जांच-पड़ताल कर इनकी सूची तैयार की है. ये वैसे स्थान हैं, जो मुख्य रूप से आतंकी या नक्सली हमले को लेकर संवेदनशील चिह्नित किये गये हैं.
यानी आतंकियों और नक्सलियों के टारगेट पर ऐसे 93 स्थान हैं, जो बेहद संवेदनशील होने के कारण इनमें सुरक्षा को लेकर विशेष बंदोबस्ती करने की जरूरत है. राज्य के अलग-अलग स्थानों पर मौजूद इन संवेदनशील स्थानों की सूची में बोधगया का महाबोधि मंदिर, गया रेलवे स्टेशन, राजगीर में कुंड, रोप-वे और अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, नालंदा खंडहर, पटना एयरपोर्ट, महावीर मंदिर, पटना जंक्शन, मुख्य सचिवालय, पटना सिटी का गुरुद्वारा, वैशाली के बौद्ध स्तूप, चंपारण के लौरिया का अशोक स्तंभ, भागलपुर में विक्रमशिला के अवशेष स्थल, लछुआर जैन मंदिर, पावापुरी जल मंदिर समेत ऐसे 93 स्थल एटीएस ने चिह्नित किये हैं. रेकी के दौरान इन स्थानों पर सुरक्षा से संबंधित जो भी कमी या चूक नजर आ रही है, उसे दूर करने की कोशिश की जा रही है.
इन स्थलों को चिह्नित करने के बाद अब इनमें सुरक्षा से जुड़े तमाम मानकों का पालन किया जा रहा है. साथ ही इन सभी स्थलों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र की जा रही है.
इसमें इन सभी स्थलों के नक्शे, वहां तक पहुंचने या अंदर दाखिल होने के सभी संभावित रास्ते, वहां की मौजूदा स्थिति, सुरक्षा के कमजोर प्वाइंट समेत सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तृत रूप से एकत्र की जा रही है. ताकि किसी आपात स्थिति या हमला होने पर तुरंत इसे नियंत्रित किया जा सके. इसके अलावा स्थलों की पूरी रेकी करके जमा की गयी विशेष जानकारी की बदौलत सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने में काफी सहूलियत होगी और स्थिति नियंत्रित को नियंत्रित करने में भी काफी कम समय लगेगा.
राज्य में चिह्नित किये गये सभी 93 संवेदनशील स्थलों की रेकी का काम चल रहा है. साथ ही इन स्थानों में सुरक्षा से संबंधित जो भी कमी महसूस की जा रही है, उसे तुरंत दूर की जायेगी. जहां जितनी संख्या में सुरक्षा बलों की जरूरत होगी, वहां इसे दूर किया जायेगा. एटीसी किसी तरह के खतरों से निबटने के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार करने में जुट हुआ है.
पारसनाथ, आईजी, एटीएस
स्थानीय लोगों को दी जायेगी सुरक्षा की ट्रेनिंग
एटीएस इन स्थानों पर तैनात या हमेशा काम करने वाले सभी स्तर के कर्मियों को भी कई मुख्य बातों की ट्रेनिंग दे रही है. इन्हें इस बात की जानकारी दी जा रही है कि किसी आपात स्थिति में माहौल को कैसे संभालें और धैर्यपूर्वक ऐतिहातन कौन-कौन से कदम उठाये जाये. अपने को सुरक्षित रखते हुए किस तरह से इसकी सूचना तुरंत सुरक्षा कर्मियों या पास के थाने को दें. तुरंत रिस्पांस क्या और कैसे हो, इसे लेकर इन सभी स्थानों के लोगों को समुचित ट्रेनिंग दी जा रही है. अगर किसी मंदिर में हमला होता है, तो वहां चौबीस घंटे रहने वाले पुरोहित से लेकर सेवादार तक, सभी को तुरंत रिस्पांस करने से संबंधित उचित और महत्वपूर्ण बातों की ट्रेनिंग दी जायेगी. इसी तरह किसी ऐतिहासिक स्थल के आसपास बसे लोगों या ग्रामीणों को भी इस तरह की ट्रेनिंग देने की योजना है. इसमें मुख्य रूप से उन लोगों कोफोकस किया जायेगा, जिनके हमला होने के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है. ट्रेनिंग की यह व्यवस्था विभागों को आंतरिक कर्मियों के लिए भी की गयी है.
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