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गर्भावस्था में अधिक दवाओं के सेवन से शिशु हो रहे दिव्यांग

पटना : गर्भावस्था के दौरान प्रदेश की महिलाएं अपने को अधिक फिट रखने व डिप्रेशन को दूर करने के लिए दवाओं का सेवन कर रही हैं. नतीजा उनके बच्चों के सेहत पर इन दवाओं का बुरा असर पड़ रहा है. इसके अधिक सेवन से महिलाओं के गर्भपात या बच्चे के अविकसित होने का खतरा अधिक […]

पटना : गर्भावस्था के दौरान प्रदेश की महिलाएं अपने को अधिक फिट रखने व डिप्रेशन को दूर करने के लिए दवाओं का सेवन कर रही हैं. नतीजा उनके बच्चों के सेहत पर इन दवाओं का बुरा असर पड़ रहा है. इसके अधिक सेवन से महिलाओं के गर्भपात या बच्चे के अविकसित होने का खतरा अधिक बढ़ रहा है.
नतीजा सूबे में बच्चे अधिक दिव्यांग पैदा हो रहे हैं. प्रदेश में जन्म लेने वाले विकलांग बच्चों को लेकर डॉक्टरों ने चिंता जाहिर की है. स्वास्थ्य विभाग और कई संस्थाओं के सर्वे रिपोर्ट की माने तो प्रदेश 100 बच्चों में पांच ऐसे बच्चे हैं जो विकलांग पैदा हो रहे हैं. विभाग की ओर से विकलांग पैदा हो रहे बच्चों व माताओं की स्थिति जानने के लिए स्क्रीनिंग भी की गयी थी.
डिप्रेशन व ताकत की दवाओं का कर रहीं सेवन
स्वास्थ्य विभाग की
रिपोर्ट के अनुसार कई ऐसी महिलाएं हैं जो गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन की शिकार होती हैं. इसको दूर करने के लिए वह कई तरह की दवाओं का सेवन कर रही हैं. डॉक्टरों की माने तो गर्भावस्था में संतुलित आहार और पर्याप्त विटामिन की जरूरत होती है. लेकिन महिलाएं जरूरत से ज्यादा ताकत की दवाएं लेना पसंद कर रही हैं. ऐसे में इनमहिलाओं पर बुरा असर पड़ रहा और उनके होने वाले बच्चे दिव्यांग पैदा हो रहे हैं.
इस तरह से हो रही परेशानी
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ अमिता सिन्हा ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान पहली तिमाही में बच्चे के शरीर के अंगों का निर्माण हो रहा होता है. ऐसे में जो महिलाएं ताकत व डिप्रेशन, मानसिक दिक्कत, तनाव आदि दूर करने के लिए एंटी डिप्रेशन एंटी साइ कोटिक दवाओं को नियमित रूप से लेती रहती हैं. उनमें इन दवाओं का सीधा असर बच्चों के शरीर पर होता है. इससे वह हृदय संबंधी रोगों और बिहेवरल डिस ऑर्डर के अलावा अविकसित बच्चा जन्म लेते हैं. डॉ सिन्हा ने कहा कि हर 100 में 95 मामलों में जो बच्चे जन्मजात विकृतियों में पैदा होते हैं उसका मुख्य कारण जेनेटिक होता है. इसके अलावा पांच ऐसे भी मामले होते हैं जिनमें इसका कारण किसी रोग के लिए ली जाने वाली दवाएं हैं. इसमें एंटी डिप्रेशन व ताकत की दवाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का केस नहीं हो इसके लिए महिलाओं को रोजाना योग, साथ ही पौष्टिक खानपान लेने के साथ ही खुश रहना चाहिए.

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