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प्यास लगे तो आपको ढूंढ़ने से भी नहीं मिलेंगे सार्वजनिक प्याऊ
पटना : निजी छोड़िए शहर में सार्वजनिक प्याऊ का जबरदस्त अभाव है. शहर के बाजारों में सार्वजनिक प्याऊ नहीं हैं. जो हैं भी तो वे क्षतिग्रस्त हैं.यह मामला अव्यवस्था का नहीं बल्कि सरकारी एजेंसियों की असफलता का है. वे शहर में सड़कों की तरह बेहतर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था नहीं बना सकी हैं. शहर में चिलचिलाती […]
पटना : निजी छोड़िए शहर में सार्वजनिक प्याऊ का जबरदस्त अभाव है. शहर के बाजारों में सार्वजनिक प्याऊ नहीं हैं. जो हैं भी तो वे क्षतिग्रस्त हैं.यह मामला अव्यवस्था का नहीं बल्कि सरकारी एजेंसियों की असफलता का है. वे शहर में सड़कों की तरह बेहतर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था नहीं बना सकी हैं. शहर में चिलचिलाती धूप में गला सूखने पर दो घूंट भी नहीं मिलती़
मुख्य मार्गों पर नहीं है प्याऊ, ब्रांच रोड का तो सवाल ही नहीं
नगर निगम ने जिन जगहों पर प्याऊ का निर्माण कराया था. उनकी भी नियमित साफ-सफाई नहीं हो रही है. रेलवे जंक्शन के बाहर, मीठापुर बस स्टैंड से लेकर प्रमुख बाजारों पर भी प्याऊ का निर्माण नहीं किया गया है.
शहर के प्रमुख रोड मसलन बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड से लेकर बेली रोड पर भी प्याऊ नहीं बनाया गया है. इसके अलावा प्रमुख बाजार मसलन खेतान मार्केट, पटना मार्केट, हथुआ मार्केट से लेकर खुद नगर निगम के मुख्यालय मौर्या लोक में भी स्थायी प्याऊ की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं.
वर्षों से बनी हुई है स्थायी समस्या
गर्मी में हर वर्ष लोगों को प्याऊ की जरूरत पड़ती है. लेकिन प्रशासन की ओर से कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता. निगम पार्षदों की ओर से हर साल गर्मी में प्याऊ लगाने को लेकर आवाज उठायी जाती है. लेकिन निगम में हर बार पैसे का हवाला देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. प्रकाश पर्व के दौरान मिली राशि में भी पूरे शहर में प्याऊ नहीं लगाया जा सका है.
कहीं अतिक्रमण का शिकार, तो कहीं नल में नहीं आ रहा पानी
प्रकाश पर्व के दौरान नगर निगम की ओर से 14 जगहों पर स्थायी प्याऊ का निर्माण किया गया था. प्याऊ निर्माण के लिए निगम ने पटना सिटी व उस तरफ जाने वाले मार्गों का चयन किया था. इसमें कारगिल चौक से लेकर अशोक राजपथ की तरफ कई प्याऊ, पटना सिटी का इलाका व बाइपास के क्षेत्र में निर्माण किये गये थे. इसमें एक स्थायी प्याऊ के निर्माण की लागत दो लाख के करीब आयी थी. स्थानीय दुकानदारों ने इसपर अतिक्रमण कर लिया है.
ठीक करने का दिया गया निर्देश
जिन जगहों पर निगम की ओर से प्याऊ बनाया गया था, उनको गर्मी में एक बार फिर से ठीक करने का निर्देश दिया गया है.
– अब्दुल हमीद, कार्यपालक पदाधिकारी, जल पर्षद
पारा होता है 46 के पार
शहर में गर्मी में पारा आसमान छूने लगता है. राजधानी में ही गर्मी के दौरान अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस के पार चला जाता है. इसके अलावा गर्मी की स्थिति शहर में कमोबेश छह माह रहती है. इस बार बेली रोड लोहिया पथ चक्र को लेकर काफी पेड़ों को काट दिया गया है. ऐसे में राहगीरों को और परेशानी झेलनी पड़ेगी. पटना में लू की रफ्तार भी काफी अधिक रहती है. लगभग दो माह तक लू का समय रहता है. अधिकांश समय में पछुआ व पुर्वा हवा रहती है. इन दोनों हवाओं से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अशोक राजपथ पर पटना साइंस कॉलेज के पास स्थित प्याऊ के कई नलों में पानी नहीं आता. इसके अलावा शिकारपुर प्याऊ की सफाई नहीं की गयी है. ऐसे में जब तक इन प्याउओं को एक बार ठीक से बेहतर नहीं किया जायेगा, उपयोग नहीं किया जा सकता है.
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