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मगध विवि पर लगाया गया पांच हजार का जुर्माना रिजल्ट प्रकाशित नहीं करने पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला पटना : इंजीनिरिंग के छात्र का रिजल्ट प्रकाशन नहीं किये जाने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को मगध विश्वविद्यालय पर पांच हजार का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकल पीठ ने छात्र अश्वनी कुमार […]

मगध विवि पर लगाया गया पांच हजार का जुर्माना
रिजल्ट प्रकाशित नहीं करने पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
पटना : इंजीनिरिंग के छात्र का रिजल्ट प्रकाशन नहीं किये जाने से नाराज पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को मगध विश्वविद्यालय पर पांच हजार का जुर्माना लगाया. न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकल पीठ ने छात्र अश्वनी कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए मगध विश्वविद्यालय प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि वह छात्र का परीक्षाफल दो माह में प्रकाशित करे.
छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ : याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि छात्र ने बिहटा स्थित नेताजी सुभाष इंजीनिरिंग कॉलेज से परीक्षा दिया था. उसने बताया कि प्रथम एवं चतुर्थ साल का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया लेकिन दूसरी ओर तीसरे वर्ष का रिजल्ट नहीं निकला गया. अदालत को बताया गया कि परीक्षा 2015 में ही ले ली गयी थी.
केस दायर किये जाने के बावजूद विश्वविद्यालय की ओर से जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया गया है. कोर्ट ने माना कि विश्वविद्यालय का यह कार्य छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. अदालत ने विवि के इस आचरण पर कड़ी नाराजगी जताते कहा कि जुर्माने की राशि छात्र को दी जाये और दो माह के भीतर इसका रिजल्ट भी प्रकाशित किया जाये.
पटना. राज्य के विभिन्न जिलों के गन्ना किसानों के बकाये धनराशि का भुगतान नहीं करने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी प्रकट की. अदालत ने गन्ना आयुक्त को निर्देश दिया कि वह चार सप्ताह में अदालत में स्थिति स्पष्ट करें कि गन्ना किसानों को उनके बकाये का कितना भुगतान किया गया.
साथ ही किसानों का मिलों के ऊपर कितना पैसा बाकी है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन तथा न्यायाधीश डा अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने मंजीत सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. सरकार द्वारा इस मामले में पूर्व में जो हलफनाम दायर किया था उनमें काफी विरोधाभास को देखते हुए अदालत ने गन्ना आयुक्त को निर्देश दिया था की वह स्वयं इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें.
अदालत को सरकार द्वारा बताया गया कि गन्ना किसानों को उनके बकाये के एवज में गोपालगंज के किसानों को 10 करोड़ के बकाये में नौ करोड़ का भुगतान कर दिया गया है. मोतिहारी के गन्ना किसानों को उनके बकाये 32 करोड़ 23 लाख में 22 करोड़ का भुगतान किया गया है. दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को बताया गया कि गन्ना किसानों को उनके बकाये का भुगतान कई माह से अभी भी नहीं किया गया है.
पटना : राज्य की जेलों में कैदियों की लचर चिकित्सा सुविधा पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश डा अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने अमृता सिंह द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की.
अदालत को याचिकाकर्ता द्वारा बताया गया कि राज्य की जेलों में जो भी कैदी बंद है उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण कैदियों की चिकित्सीय स्थिति काफी खराब होती जा रही है. सरकार द्वारा जेलों में उन्हें चिकित्सा का पूरी सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. चिकित्सा के अभाव में कभी कभी कैदियों की मौत भी हो जाती है.

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