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जियो बैग की जांच करने पहुंची टीम
मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता समेत कई अधिकारी पहुंचे कोल्हाचक नये सिरे से बालू भरने व नियमानुकूल वजन रखने का दिया आदेश मसौढ़ी : केंद्र प्रायोजित योजना फ्लड मैनेजमेंट (बाढ़ नियंत्रण) के तहत दरधा नदी के दोनों ओर तटबंधों काे ऊंचा व सुदृढ़ करने के कार्य के साथ-साथ तटबंध की मजबूती के लिए जियो बैग […]
मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता समेत कई अधिकारी पहुंचे कोल्हाचक
नये सिरे से बालू भरने व नियमानुकूल वजन रखने का दिया आदेश
मसौढ़ी : केंद्र प्रायोजित योजना फ्लड मैनेजमेंट (बाढ़ नियंत्रण) के तहत दरधा नदी के दोनों ओर तटबंधों काे ऊंचा व सुदृढ़ करने के कार्य के साथ-साथ तटबंध की मजबूती के लिए जियो बैग से पिचिंग कार्य में बरती जा रही अनियमितता व जियो बैग में बालू की जगह भरी जा रही मिट्टी की खबर गुरुवार को विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित होते ही जल संसाधन विभाग में हड़कंप मच गया .
गुरुवार की दोपहर विभाग के बाढ़ नियत्रंण व जल निस्सरण के मुख्य अभियंता हरि नारायण व अधीक्षण अभियंता लक्ष्मी नारायण झा समेत कई अधिकारी कोल्हाचक पहुंचे .
कोल्हाचक समेत अन्य जगहों पर हो रहे कार्यों को बारीकी से देखा.यहां उन्हें कई जगहों पर गड़बड़ी मिली. अधिकारियों ने कार्य करा रही एजेंसी के प्रतिनिधि को चेतावनी देते हुए आदेश दिया कि जो भी गड़बड़ी प्वाइंट आउट की गयी है ,वहां फिर से नियमाकुल कार्य कराएं . अनियमितता किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी .
जांच के दौरान स्थानीय कुछ लोगों ने अधिकारियों के समक्ष खुलेआम जियो बैग में मिट्टी भरने को लेकर शिकायत भी की. लोगों को अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इसी गड़बड़ी को दूर करने के लिए हमलोग आये हैं . इस बाबत जांच में पहुंचे मुख्य अभियंता हरि नारायण व अधीक्षण अभियंता लक्ष्मी नारायण झा ने कहा कि कोल्हाचक में जियो बैग की जांच की गयी .
जियो बैग में बालू की जगह मिट्टी तो पाया ही गया साथ ही नियमाकुल जियो बैग का वजन भी कम पाया गया. उन्होंने बताया कि अभी कार्य शुरुआती चरण में है. अब तक जो भी जियो बैग लगाये गये हैं उनसे मिट्टी निकाल स्थानीय बालू जो रूखदार हो उसे भरने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा कई गड़बड़ी पकड़ी गयी, जिन्हें हर हाल में सुधारने की पहली व अंतिम चेतावनी दी गयी.उन्होंने बताया कि समय -समय पर विभाग के सहायक अभियंता व कार्यपालक अभियंता आकर इसकी जांच करते रहेंगे.
क्या है मामला
गौरतलब है कि इन दिनों 43 करोड़ की लागत से धनरूआ के बारीबिगहा से गौरीचक के जमालपुर तक नदी के दोनों ओर तटबंधों काे ऊंचा व सुदृढ़ करने के कार्य के तहत तटबंध की रेजिंग करने व नदी में जल स्तर बढ़ने की स्थिति में तटबंध का बचाव हो सके, इसको ध्यान में रखते हुए जियो बैग में बालू भरकर पिचिंग करने का कार्य किया जा रहा है .नदी के दोनों ओर के तटबंधों में करीब 30-30 किलोमीटर में कराये जाने वाले इस कार्य को नालंदा इजिकौन के द्वारा जोर-शोर से कराया जा रहा है .कार्य करा रही एजेंसी के द्वारा जियो बैग में बालू की जगह मिट्टी भरने समेत तटबंध रेजिंग कार्य में भी घोर अनियमितता बरती जा रही है.
इसे लेकर आसपास के दर्जनो गांवों के ग्रामीणों के बीच आक्रोश व्याप्त था .गुरुवार को इससे संबंधित खबर को विभिन्न समाचार पत्रों ने काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया .इसके बाद जल संसाधन विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में अधिकारियों का दल गुरुवार को कार्य स्थल पर पहुंचा और जांच की .
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