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बिहार : 2020 तक सूबे के हर घर को शुद्ध पेयजल: विनोद नारायण झा
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा की गिनती राज्य के प्रमुख नेताओं में होती है. भाजपा के शीर्ष नेताओं में एक श्री झा मिथिलांचल से आते हैं. 2005 से 2015 तक लगातारविधायक रहे. अभी विधान परिषद के सदस्य हैं. भाजपा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष और वर्षों तक पार्टी के प्रवक्ता और मुख्य प्रवक्ता रहे. […]
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा की गिनती राज्य के प्रमुख नेताओं में होती है. भाजपा के शीर्ष नेताओं में एक श्री झा मिथिलांचल से आते हैं. 2005 से 2015 तक लगातारविधायक रहे. अभी विधान परिषद के सदस्य हैं. भाजपा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष और वर्षों तक पार्टी के प्रवक्ता और मुख्य प्रवक्ता रहे. अब उन पर लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की जिम्मेदारी है. मंगलवार को वे प्रभात खबर के पटना कार्यालय आये और विस्तार से पेयजल परियोजनाओं की जानकारी दी. उनसे बातचीत की हमारे संवाददाता दीपक कुमार मिश्रा ने…
– बिहार के लोगों को कब तक शुद्ध पेयजल मिलेगा?
-हर घर तक शुद्ध पेयजल सरकार की प्राथमिकता और सात निश्चय में शामिल है. 2020 तक राज्य के सभी घरों में नल से पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड और अत्यधिक लौह का मात्रा है. इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है. ‘हर घर नल का जल’ सात निश्चय में एक है. अगले वित्तीय वर्ष में ढाई हजार करोड़ से अधिक खर्च करने की योजना है. चालू वित्तीय वर्ष में विभाग 2009 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. उन्होंने कहा कि चापाकल योजना पूरी तरह बंद कर दी गयी है, लेकिन आपदा व विशेष परिस्थिति में हम चापाकल लगायेंगे.
– राज्य में पानी की गुणवत्ता की क्या स्थिति है?
-राज्य के 4510 वार्डों में फ्लोराइड, 2038 वार्डों में आर्सेनिक और 20719 वार्डों में पानी अत्याधिक आयरन युक्त है. विभाग पानी की गुणवत्ता की सतत निगरानी कर रहा है. हर जिले में विभाग की प्रयोगशाला है. कोई भी व्यक्ति मुफ्त में यहां पानी की जांच करा सकता है. इसके अलावा विभाग हर महीने 300 सैंपल का अपने स्तर से जांच करता है, ताकि पानी की गुणवत्ता का पता चलते रहे.
– हर घर नल योजना में कितनी मात्रा में पानी की आपूर्ति होगी?
-हर घर नल योजना में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 70 लीटर के हिसाब से पानी की आपूर्ति होगी. यह मुफ्त में मिलेगा. भविष्य में अगर जरूरत महसूस हुई तो इसके लिए 60 रुपये लिये जायेंगे. अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. अभी राज्य में 1233 सौर ऊर्जा से संचालित मिनी जलापूर्ति योजना चल रही है.
– तय समय पर लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग कैसे काम कर रहा है?
-विभाग अब बड़ी परियोजना नहीं ले रहा है, बल्कि वार्ड को यूनिट मानकर काम कर रहा है. इससे निगरानी करने में और समय पर परियोजना पूरा करने में सहूलियत होगी. पुरानी 992 परियोजनाओं को पूरा करने का काम चल रहा है.
इन परियोजनाओं के स्थल के पास के जो बजट है, वहां इसी साल के अंत तक पानी पहुंचा दिया जायेगा. भागलपुर के कहलगांव में बहु ग्रामीण योजना चल रही है. जुलाई तक यहां के 71 हजार घरों में पानी पहुंचा दिया जायेगा. सैकड़ों परियोजनाओं का टेंडर हो गया है. सब पर काम चल रहा है. वार्ड में स्क्रू पाइप स्टैंड बनाकर पानी की आपूर्ति होगी. छह महीने में इसे पूरा करने का टारगेट हैं. सतही जल के अलावा गंगा के पानी को भी शुद्धकर आपूर्ति होगी.
– शुद्ध पेयजल से क्या लाभ होगा?
-बीमारी का सबसे बड़ा कारण अशुद्ध जल व गंदगी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट है कि गंदगी और अशुद्ध जल के कारण गरीब लोग बीमार पड़ते हैं. इलाज पर वे सालाना 50 हजार रुपये तक खर्च कर देते हैं. शुद्ध पेयजल से इससे मुक्ति मिलेगी और उस राज्य के जीडीपी में भी दो से तीन फीसदी का सुधार होगा.
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