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बिहार : करते रहे इंतजार, नहीं प्रदर्शित हुई पद्मावत, जानें क्या कहते हैं सिनेमा हॉल वाले और दर्शक

पटना जिले में भी फिल्म को लेकर जारी है विरोध-प्रदर्शन का दौर पटना : पिछले कई दिनों से हर तरफ संजय लीला भंसाली की नयी फिल्म पद्मावत विवादों से निकल नहीं पा रही थी. ऐसे में कई लोग फिल्मों के पक्ष में तो वही कई लोग फिल्मों का घोर विरोध कर रहे थे. आखिरकार गुरुवार […]

पटना जिले में भी फिल्म को लेकर जारी है विरोध-प्रदर्शन का दौर
पटना : पिछले कई दिनों से हर तरफ संजय लीला भंसाली की नयी फिल्म पद्मावत विवादों से निकल नहीं पा रही थी. ऐसे में कई लोग फिल्मों के पक्ष में तो वही कई लोग फिल्मों का घोर विरोध कर रहे थे. आखिरकार गुरुवार को फिल्म रिलीज हुई. लेकिन पटना के दर्शकों को निराशा हाथ लगी. लोगों को जब मालूम हुआ कि फिल्म पटना में नहीं लग पा रही है, तो लोगों ने इसका अफसोस जताया.
सेंसर बोर्ड और सुप्रीम कोर्ट द्वारा लग चुकी है मुहर : फिल्म पद्मावत के न रिलीज होने पर कई लोगों ने कहा कि क्या कोई सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ऊपर है. लोगों को कानून से भी ज्यादा अन्य सेनाओं से डर है.
क्या सुप्रीम कोर्ट से ऑर्डर मिलने के बाद भी सिनेमा हॉल की रक्षा नहीं की जा सकती. इस बारे में बोरिंग रोड के मनजीत कहते हैं कि फिल्म देखे बिना हम किसी को गलत नहीं ठहरा सकते हैं. लोगों को सोच बदलनी होगी. फिल्म को देखने के बाद ही कोई इसकी समीक्षा कर सकता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी मिले, जिन्होंने फिल्म का विरोध किया. उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना किसी का हक नहीं है.
अत: फिल्म बनाने से पहले इन बातों पर ध्यान देना चाहिए था.
फेसबुक पर भी छिड़ रही है बहस: ‘पद्मावत’ का असली विवाद सोशल साइट पर भी देखने को मिल रहा है. आये दिन फेसबुक और वाट्सएप पर फिल्म से संबंधित नये-नये स्टेटस देखे जा रहे हैं. इस बारे में कई लोग फिल्म के बारे में अपने विचारों को साझा करते हुए अपनी बात रख रहे हैं. ऐसे में कई लोग फिल्म के पक्ष में बात कह रहे हैं, तो कुछ विपक्ष में.
हंगामे के डर से पटना में नहीं लगी फिल्म : यह फिल्म देश भर में रिलीज हुई थी, लेकिन फिल्म रिलीज के एक दिन पहले बुधवार को गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए. कई जगहों पर आगजनी हुई, तो कहीं तोड़-फोड़ भी हुए हैं. अत: पटना के सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया गया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पद्मावत को लेकर देश भर में जो माहौल बनाया गया है, उस पर सिर्फ शर्म की जा सकती है. एक प्रबुद्ध गणतंत्र में एक छोटी सी भीड़ के सामने व्यवस्था को इस कदर लाचार देखना दुख देता है. फिल्म क्या है, क्या नहीं. इस पर सफाई की अब कोई जरूरत नहीं रही.
क्योंकि फिल्म रिलीज हो चुकी है. इसकी समीक्षाएं आ चुकी हैं. अब इसके पीछे फिल्म का विरोध नहीं कोई तय एजेंडा अधिक लगता है. ऐसे में कोई भी समूह कहीं से भी खड़ा होकर अपनी अराजकता से संवैधानिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने को तैयार हो जायेगा. हरेक कला समय और कलाकारों के हाथों में बदलती रही है. रामायण के सौ से अधिक रूप हमारे सामने हैं, तो ‘पद्मावत’ को एक नये रूप में देखने में मुश्किल कहां है? फिल्म न लगने से पटना की गरिमा पर भी ठेस पहुंची है.
-विनोद अनुपम, फिल्म समीक्षक
क्या कहते हैं सिनेमा हॉल वाले
देश के अन्य राज्यों के माहौल को देखते हुए फिल्म रिलीज होने पर रोक लगी. पहले यह फिल्म रिलीज होने वाली थी. कुछ टिकट्स की बुकिंग भी एडवांस हो चुकी थी. हिंसा के कारण टिकट के पैसे रिफंड कर दिये गये हैं. मैं पर्सनली बोलना चाहूंगा कि फिल्म लगनी चाहिए.
-सुधीर, असिस्टेंट मैनेजर ऑपरेशन, सिनेपोलिस
फिल्म पद्मावत को लेकर माहौल अच्छा नहीं है. लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर तोड़-फोड़ की गयी है. ऐसी स्थितियों को देखते हुए फिल्म नहीं लग पायी. फिल्म के लिए इनक्वायरी कई दिनों से जारी है. कई लोग एडवांस बुकिंग भी करने आ रहे हैं.
-शरद गुप्ता, मैनेजर, मोना सिनेमा
इस फिल्म का इंतजार लोगों को कई दिनों से था. लेकिन फिल्म अभी के हालातों को देखते हुए नहीं लग पायी है. आगे की कोई इन्फॉरमेशन नहीं मिली है. पर्सनली इस फिल्म के लिए मैं न्युट्रल हूं. फिल्म लगे तो भी ठीक, न लगे तो भी ठीक.
-अमृत सागर, असिस्टेंट ऑपरेशन मैनेजर, रिजेंट फन सिनेमाज
क्या कहते हैैं दर्शक
फिल्म के बारे में लोग बिना देखे तरह-तरह की बातें कह रहे हैं. फिल्म को देखे बिना ही लोग यह कह रहे हैं कि फिल्म में इतिहास के साथ छेड़-छाड़ हुई है. हम फिल्म को देखना चाहते हैं, लेकिन पटना में यह फिल्म नहीं लग पायी. यह पटना के लिए शर्म की बात है.
-रोहित रंजन, नाला रोड
फिल्म का इंतजार कई दिनों से था. विवाद के कारण फिल्म देखने के लिए मेरी उत्सुकता बढ़ती गयी. जब फिल्म का नाम बदल कर इसे रिलीज होने की बात हुई, तो मुझे लगा था कि फिल्म पटना में जरूर रिलीज होगी, लेकिन सिनेमा घरों में फिल्म नहीं रिलीज हुई. यह पटना के लिए शर्मनाक है.
-प्रशांत सिन्हा, बोरिंग रोड
– पद्मावत फिल्म के विरोध में बाेरिंग रोड से गांधी मैदान तक प्रदर्शन: पटना में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के द्वारा पद्मावत के विरोध में बोरिंग रोड से लेकर गांधी मैदान तक प्रदर्शन किया गया. हालांकि राजधानी में किसी भी सिनेमाहॉल ने फिल्म नहीं दिखायी लेकिन इसके बावजूद सेना के पदाधिकारियों ने मोना सिनेमा और रिजेंट सिनेमा के पास जाकर प्रदर्शन किया. इसके साथ ही रामगुलाम चौक पर थोड़ी देर के लिए यातायात भी बाधित किया गया. करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष धिरेंद्र सिंह की अगुवाई में प्रदेश महासचिव सनोज कु सिंह, प्रदेश उपसचिव प्रकाश सिंह, आदि ने भाग लिया. सभी जुलूस की शक्ल में गांधी मैदान के कारगिल चौक तक शांतिपूर्ण ढंग से गये और फिल्म का प्रतिरोध किया. इसके बाद यह टीम सिनेमाघरों में गयी और उनके मैनेजमेंट से बात किया.
– जय पद्मावती से गूंजा पटना का बिहटा शहर: बिहटा में जय भवानी, जय पद्मावती से गूंजा पटना का बिहटा शहर. फिल्म पद्मावत पर प्रतिबंध के लिए क्षत्रियों ने निकला विरोध मार्च और कहा प्रदर्शन में सहयोग करने वालों को सिखायेंगे सबक बिहटा- जय भवानी, जय पद्मावती के नारों से गुंजा राजधानी पटना का बिहटा शहर. फिल्म इस फिल्म को बिहार के किसी भी सिनेमाघरों में नही चलने देने के संकल्प लिया गया. अखिल भारतीय करणी सेना तथा अखिल भारतीय क्षत्रिय संघ के सैकड़ों लोगों ने पूरे शहर में प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं ने कहा कि यदि हमारा संविधान किसी की मान, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा नहीं करता है, तो वैसे गणतंत्र में रहने का क्या लाभ.
– बाढ़ में नाराज लोगों ने किया
हाईवे जाम : बाढ़ में पद्मावत फिल्म के विवाद को लेकर करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार की सुबह बाढ़ के भुनेश्वरी तथा सवेरा मोड़ के पास एनएच 31 को छह घंटे तक जाम किया.
तलवार के साथ कार्यकर्ताओं ने राजपूत इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. जाम के कारण हजारों वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जाम समाप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी.
कार्यकर्ताओं ने घूम-घूम कर सड़कों पर विरोध जताया और दुकानों को भी बंद करा दिया. बाद में दुकान खुल गयी. थानाध्यक्ष ने बताया कि विरोध को लेकर कुछ देर हाईवे पर जाम रहा. बाद में स्थिति सामान्य हो गयी. वहीं आंदोलन के दौरान पुलिस की गश्त बढ़ायी गयी थी.

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