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पटना/पटना सिटी : पुलिस हत्यारे विक्की को खोज रही थी और वह अपने परिजनों को अपनी बेगुनाही का सबूत देने के लिए दिखा रहा था दुकान

परत-दर-परत. विक्रांत उर्फ विक्की के परिजनों को भी लग गयी थी अपहरण की भनक पटना/पटना सिटी : छात्र रौनक की वीभत्स हत्या करने वाले हत्यारे विक्रांत उर्फ विक्की ने समूची घटना को बड़ी बेफिक्री के साथ अंजाम दिया. पुलिस जब उसे ढूंढ़ रही भी तब वह वारदात स्थल के अासपास और अपने घर के निकट […]

परत-दर-परत. विक्रांत उर्फ विक्की के परिजनों को भी लग गयी थी अपहरण की भनक

पटना/पटना सिटी : छात्र रौनक की वीभत्स हत्या करने वाले हत्यारे विक्रांत उर्फ विक्की ने समूची घटना को बड़ी बेफिक्री के साथ अंजाम दिया. पुलिस जब उसे ढूंढ़ रही भी तब वह वारदात स्थल के अासपास और अपने घर के निकट ही था. उसने बड़ी चालाकी से न केवल पुुलिस को छकाया बल्कि अपने पिता को भी गुमराह किया. उसके पिता राजेश उर्फ मंटू पासवान ने शक होने पर विक्की से पूछताछ भी की.
उसने वह दुकान भी देखी, जहां विक्की ने बड़ी चालाकी से मृत
बच्चे को एक डिब्बे में बंद करके रखा था. इधर सुरक्षा के लिहाज से विक्की को गांधी मैदान थाना में
शुक्रवार की रात रखा गया और उसे शनिवार को अगमकुआं थाना लाया गया. यहां आवश्यक प्रक्रिया करने के बाद जेल भेज दिया गया. जानकारी के मुताबिक उसे रिमांड पर भी
लिया जायेगा.
डिब्बानुमा सीट के अंदर रखा था रौनक को : जानकारी के मुताबिक विक्की ने अपने रिश्ते के चाचा अंकित को अपहरण करने व फिरौती में लाखों रुपये मिलने का प्रलोभन देकर साथ में लेने का प्रयास किया, लेकिन उसने साथ नहीं दिया.
हालांकि उसने फोन करके विक्की के एक अन्य चाचा को मामले की जानकारी दे दी. चाचा मामला सुनते ही वहां से सीधे अपने हाजीपुर स्थित ससुराल भाग गया. उसने विक्की के दादा को मामले की जानकारी दी. विक्की के दादा ने उसके पिता को फोन किया और सारी जानकारी दी, तो राजेश पासवान के होश उड़ गये और उसने फोन कर अपहरण के बारे में पूछताछ की और उसे तुरंत घर बुलाया. विक्की भी 18 जनवरी को सुबह में घर पहुंच गया और उसने बताया कि उसने एेसी घटना से इन्कार किया. इसके बाद उसके पिता ने दुकान खोल कर दिखाने को कहा. इस पर वह तैयार हो गया और पिता व अन्य परिजनों को दुकान दिखाने के लिए ले गया. यहां उसने बाहर से दुकान को दिखाया कि इसमें कुछ नहीं है. चूंकि रौनक का शव डिब्बानुमा सीट के अंदर रखा हुआ था, तो किसी को जानकारी नहीं मिली. इसके बाद वह वहां से निकल गया.
ऐसे सुलझी गुत्थी
इधर, 17 जनवरी से लेकर लगातार पुलिस उसके पीछे लगी थी और उसका मोबाइल सर्विलांस पर था और सीडीआर भी निकाल लिये गये थे. सीडीआर से यह साफ हो गया था कि जो भी व्यक्ति है, वह राजेश पासवान के परिवार से जुड़ा हुआ है. एक तो उसके पिता ने फोन किया और फिर खुद उसने गुम मोबाइल के मिलने के बाद परिजनों को उसी से फोन किया था, तो राजेश के परिजनों के तीन-चार नंबर पुलिस को हाथ लग चुके थे. इसके अलावा विक्की ने फिरौती मांगने के क्रम में ही दोस्त को भी फोन किया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि इसमें विक्की का ही हाथ है.
पुलिस विक्की के घर पर पहुंची, तो वह अपने पिता व अन्य परिजनों को दुकान दिखाने के बाद वहां से निकल गया था और रौनक के पिता से फिरौती मांगने के लिए फोन करने लगा. पुलिस तब तक उसके घर पहुंची, लेकिन वहां विक्की नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने फिर से उस नंबर का लोकेशन निकाला, तो वह बहादुरपुर रेलवे स्टेशन इलाके का मिला. पुलिस उधर गयी तो उसे आभास हो गया कि उसे अब पकड़ लेगी. इसलिए उसने सिम फेंक दिया और वहां से फरार होने लगा. लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया गया.
गार्ड व किरायेदार की नहीं मिली संलिप्तता
रौनक के गायब होने की घटना के बाद उसके पिता ने अपने ही एक किरायेदार को आरोपित बना दिया था. पुलिस ने किरायेदार को उठाया, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. पुलिस ने उस मोबाइल नंबर को खंगाला तो वह गार्ड रंधीर सिंह का निकला. वह गौरीचक का रहने वाला था और आलमगंज में किसी कंपनी में गार्ड का काम करता था. पुलिस की सूचना मिलने पर वह आलमगंज थाना पहुंचा और फिर पुलिस को यह जानकारी मिली कि उसका मोबाइल खो गया था.
पांच-पांच मिनट में चेंज करता रहा लोकेशन
रौनक लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था और यह फिरौती मांगने के लिए पांच-पांच मिनट पर अपने लोकेशन को बदल रहा था. दूसरी ओर पुलिस गार्ड व किरायेदार से पूछताछ के साथ ही मोबाइल का सीडीआर निकालने में 14 घंटे लग गये. तब जा कर विक्की की पहचान हुई और पकड़ा गया. इसके पूर्व ही विक्की ने उसकी हत्या कर दी थी.
17 की रात को ही पकड़ा जाता विक्की, लेकिन…
17 को वह रौनक के पिता सुधीर से फिरौती भी मांगता रहा. इधर से उधर आता जाता रहा. उसने पुलिस को 17 जनवरी की रात चक्कर में डाले रखा. दानापुर के आनंद बाजार में फिरौती लेने पहुंचा विक्की पकड़ाने से बाल-बाल बचा.
मौसा के घर से मांग रहा था फिरौती
रौनक हत्याकांड का
आरोपित विक्की पासवान
घटना को अंजाम देने के बाद दानापुर मौसा के घर चला
गया था. मौसा अनिल
पासवान के घर से परिजनों को फोन कर फिरौती मांग रहा था. पुलिस की मानें तो
पूछताछ मे विक्की ने इसका खुलासा किया. पुलिस ने बताया कि विक्की पहले
चप्पल की दुकान चलाता था. दुकान नहीं चलने पर शृंगार का दुकान खोली. यह दुकान भी नहीं चली. मकान मालिक किराया नहीं देने पर दुकान खाली करने को कहते थे. इसी से विक्की परेशान था.
अरे दुधमुंहीं की रस्म कर ले, देर हो गइल
दोपहर लगभग पौने तीन बजे
रौनक के घर में आये नाते-रिश्तेदारों में एक बुजुर्ग
कहते हैं, अरे दुधमुंही की रस्म कर ले, बहुत देर हो गइल है. बुआ सरिता देवी को बुलाते हैं कि रस्म के सब तैयारी हो गइल है. इस पर बुआ कहती हैं, हां बस भैया के इंतजार हई, इसी
बीच परिवार के सदस्य पिता सुधीर व भाई मनोज को
फोन करते हैं. मुखाग्नि
देनेवाला राहुल बताता है
कि पिता की इच्छा भी कि
वह इंजीनियर बने, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर
था. गम में डूबा बड़ा भाई
भी कमरे में बैठ आंसू बहा रहा है. परिवार के लोग हिम्मत दे रहे हैं.
रौनक के घर में
मचा रहा चीत्कार
कुम्हरार पंचित बैठका चाणक्य नगर मुहल्ला की तंग गली में स्थित पुश्तैनी मकान श्री बांके बिहारी कुंज में प्रथम तल्ले पर घर की महिलाएं विलाप कर रही थीं. पड़ोसी, रिश्तेदार की महिलाएं व परिचितों के आने का सिलसिला बना था. भतीजे की मौत से मर्माहत बुआ सरिता देवी बताती है कि न जाने परिवार को किसकी नजर लग गयी. पढ़ने-लिखने में होशियार रौनक का यूं छोड़ जाना, सहसा विश्वास नहीं हो रहा. बेड पर बेसुध पड़ी मां रंजू देवी को ढांढ़स बंधाने का काम महिलाएं कर रही हैं. रोते कलपते परिवार में हर कोई पुलिस व आरोपित को कोस रहा है.
स्कूल में दी गयी श्रद्धांजलि
मरचा- मरची स्थित केशव सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय मे शनिवार को प्राचार्य की अध्यक्षता मे शोकसभा हुई. इसमें रौनक को श्रद्धांजलि
दी गयी.
साहेब, 25 लाख बड़ी रकम होती है, विक्की की औकात नहीं इतनी फिरौती मांगने की
रौनक के पिता ने कहा – पूर्व विधायक का बेटा भी है शामिल, करा लें जांच
पटना/पटना सिटी : एक झटके में बेटे (रौनक) को खो देने के बाद प्राॅपर्टी डीलर सुधीर कुमार शनिवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे. सामने एसएसपी मनु महाराज को देख कर फफक कर रो पड़े. कहा कि साहेब, जो होना था वह हो गया, लेकिन मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए. तभी उसकी आत्मा को शांति मिलेगी. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया और कहा कि 25 लाख रुपये की रकम कम नहीं होती है. विक्रांत उर्फ विक्की की औकात नहीं है कि वह 25 लाख रुपये की डिमांड करे. इसके पीछे बड़े लोगों का हाथ है. पूर्व विधायक अोम प्रकाश पासवान का बेटा परशुराम समेत अन्य लोग इसमें शामिल हैं.
अकेले विक्की ने कैसे मारा
17 जनवरी को रौनक का अपहरण और हत्या करने के मामले में उसके पिता ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है. कहना है कि रौनक की उम्र 14 साल थी और हत्या का आरोपित विक्रांत उर्फ विक्की करीब 22 साल का है. पुलिस ने जिस तरह से मामले का पटाक्षेप किया है, उसके हिसाब से विक्की ने ही रौनक को मार डाला. जबकि सवाल यह है कि क्या अकेले एक 22 साल का लड़का 14 साल के लड़के को मार पायेगा. हालांकि यह नामुमकिन नहीं है लेकिन इस बात का शक ज्यादा है कि विक्की ने अन्य लोगों का सहयोग लिया होगा. यही बात रौनक के पिता सुधीर कुमार का भी कहना है. फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. परिजनों की पीड़ा है कि पुलिस ने सच बात उसी रात क्यों नहीं बतायी. आखिर किस वजह से बरगलाती रही पुलिस. यह सवाल अब परिजन उठा रहे हैं. ऐसा होना भी लाजिमी है.
l एसएसपी के सामने फफक कर रो पड़े रौनक के पिता
l रौनक के अपहरण और हत्या को लेकर बड़ा सवाल, क्या अकेले विक्की ने रौनक को मार डाला?
अनुमंडल में यह इस साल की पहली हत्या
पटना सिटी : वर्ष 2018 की शुरुआत बदमाशों ने गोलीबारी तो की, लेकिन हत्या की यह पहली घटना है. बीते 15 जनवरी की रात सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के टेकारी रोड में बदमाशों की ओर से की गयी फायरिंग में सड़क से गुजर रहे 16 वर्षीय किशोर गौरव कुमार को गोली लग गयी थी, जिससे वह जख्मी हो गया था. जख्मी को उपचार के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था. इसके बाद फायरिंग की दूसरी घटना
मालसलामी थाना क्षेत्र के मंगल अखाड़ा के समीप 17 जनवरी की रात को हुई. हालांकि इस फायरिंग की सुखद बात यह रही कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ, बल्कि फायरिंग करने वाले युवकों को जब स्थानीय लोगों ने खदेड़ा तो बदमाश बाइक छोड़ कर फरार हो गये. लेकिन साल की पहली हत्या की घटना फिरौती के लिए अगवा करने के बाद हुई.
क्या कहती
है पुलिस
एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि विक्की ने पूर्व विधायक ओमप्रकाश पासवान के बेटे पशुराम का नाम लिया था. अगमकुआं थाने पर परशुराम के बारे में बताया कि वही बाइक पर बैठा कर रौनक को ले गया था लेकिन जांच हुई और फुटेज निकाला गया, तो उसमें विक्की की गाड़ी पर रौनक बैठा मिला. इसलिए परशुराम के शामिल होने की बात गलत निकली. अन्य जांच में भी किसी प्रकार का सबूत नहीं मिला है, इसलिए पूछताछ के बाद परशुराम को छोड़ दिया गया है. लेकिन उन्होंने अाश्वस्त किया है कि मामले को पूरी गंभीरता से खंगाला जा रहा है. जब तक मृतक के पिता संतुष्ट नहीं हो जायेंगे, तब तक पड़ताल
जारी रहेगी.

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