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बिहार : पुलिसवालों को हर तरह से होना होगा सतर्क

पटना : राज्य में साइबर अपराध से जुड़े मामले में पिछले पांच साल में 533 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गयी है. इसमें सालाना औसतन 106 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा है कि साइबर अपराध के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसके आधार पर आनेवाले […]

पटना : राज्य में साइबर अपराध से जुड़े मामले में पिछले पांच साल में 533 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गयी है. इसमें सालाना औसतन 106 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा है कि साइबर अपराध के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उसके आधार पर आनेवाले कुछ वर्षों में यही मुख्य अपराध में शामिल हो जायेगा. अन्य तरह के सभी संज्ञेय अपराध सेकेंडरी श्रेणी के हो जायेंगे.
इसके लिए सभी पुलिसवालों को हर तरह से सतर्क रहने की जरूरत है और साइबर अपराधियों से एक कदम आगे बढ़ कर सोचना होगा. ताकि किसी साइबर अपराध के गुनाहगारों को दबोचा जा सके. डीजीपी शुक्रवार को ‘साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन और साइबर फॉरेंसिक’ विषय पर आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन नियोजन भवन के सभागार में कर रहे थे. इसका आयोजन आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की तरफ से किया गया था.
इसमें सभी जिलों में तैनात साइबर यूनिट के चुनिंदा पुलिस पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दी जायेगी. डीजीपी ने कहा कि राज्य में साइबर अपराध को कुछ आपराधिक संगठन संचालित कर रहे हैं. झारखंड के जामतारा की तर्ज पर नालंदा और शेखपुरा जिला के सीमावर्ती इलाके मसलन कतरीसराय, वारसलिगंज समेत आसपास के अन्य इलाकों में कुछ गांव ही इस तरह के साइबर अपराध को संगठित रूप से संचालित करता है.
कुशल युवा केंद्र में पुलिसवालों को दिलाएं ट्रेनिंग : श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में युवाओं को कंप्यूटर समेत अन्य प्रशिक्षण देने के लिए 1400 कुशल युवा केंद्र संचालित हैं. इन केंद्रों का उपयोग स्थानीय थाना के कर्मियों को कंप्यूटर और साइबर की ट्रेनिंग देने के लिए कर सकते हैं. साइबर से जुड़े ट्रेनिंग मैटेरियल तैयार करके इन केंद्रों के तमाम आधारभूत संरचना का उपयोग कर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है.
ट्रेनिंग डीजी केएस द्विवेदी ने कहा कि पहले जल, थल और नव या आकाश ही अपराध के आयाम थे, लेकिन इन दिनों इसमें चौथा आयाम साइबर भी जुड़ गया है. इसका दायरा भी काफी बड़ा है.
आइटी लॉ में अधिकतम 10 साल की ही सजा है. पुलिसवालों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह अपने इस नये आयाम में होनेवाले अपराध को रोकने के लिए बेहद सजग और जानकार हो जायें. स्वागत संबोधन में इओयू के एडीजी जेएस गंगवार ने कहा कि राज्य में अलग साइबर क्राइम एंड सोशल मीडिया यूनिट का गठन जल्द होने जा रहा है. प्रत्येक यूनिट में साइबर एक्सपर्ट समेत 10 लोग होंगे.

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