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बिहार : जातीय जनगणना के आंकड़े हों सार्वजनिक: उपेंद्र कुशवाहा
लालू परिवार को मजबूती से लड़नी होगी कानूनी लड़ाई पटना : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बाद एक बार फिर रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा तैयार कराये गये एसईसीसी के अप्रकाशित जातीय आंकड़े को सार्वजनिक करने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि जनगणना 2011 […]
लालू परिवार को मजबूती से लड़नी होगी कानूनी लड़ाई
पटना : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बाद एक बार फिर रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार द्वारा तैयार कराये गये एसईसीसी के अप्रकाशित जातीय आंकड़े को सार्वजनिक करने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि जनगणना 2011 में करा ली गयी है.
इसके कुछ आंकड़े प्रकाशित भी किये गये हैं. जनगणना होने के बाद अभी तक यह पता नहीं चल रहा है कि किस राज्य में किस जाति की कितनी जनसंख्या है. वह आंकड़ा सार्वजनिक होना चाहिए. केंद्रीय राज्यमंत्री सोमवार को आईएमए हॉल में आयोजित मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे. केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संसद में भी इस मामले को उठाते रहे हैं.
सामाजिक व जाति आधारित जनगणना हुई है, तो उसके बारे में लोगों को जानकारी भी मिल सके. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में शोषित, वंचित, दलित, अल्पसंख्यक व महिलाओं की संख्या नगण्य पर राष्ट्रपति ने भी चिंता व्यक्त की है. न्यायपालिका में सभी समाज का प्रतिनिधित्व नहीं रहने पर सामाजिक न्याय की बात नहीं बढ़ेगी.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद इतिहास के सब्जेक्ट हो गये हैं. उस पर गौर करना उतना जरूरी नहीं है. लालू प्रसाद के जेल में होने व उनकी बड़ी बहन के निधन से लालू परिवार सदमे में है. उन्होंने सहानुभूति जताते हुए कहा कि उनका पूरा परिवार परेशानी में है.
लालू परिवार को मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ने में ध्यान देना चाहिए. अभी बहुत लड़ाई लड़नी है. मिलन समारोह में समाज सेविका मधु मंजरी सहित काफी संख्या में महिलाओं ने रालोसपा की सदस्यता ग्रहण की.
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