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एनएमसीएच में महफूज नहीं हैं नवजात व उपकरण

गार्डों की तैनाती के बाद भी हो रही हैं चोरी की घटनाएं पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. अस्पताल में लगे 40 से भी अधिक सीसीटीवी व 140 निजी सुरक्षा प्रहरियों की तैनाती के बाद भी सुरक्षा में सेंध लग जा रहा है. स्थिति यह […]

गार्डों की तैनाती के बाद भी हो रही हैं चोरी की घटनाएं
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. अस्पताल में लगे 40 से भी अधिक सीसीटीवी व 140 निजी सुरक्षा प्रहरियों की तैनाती के बाद भी सुरक्षा में सेंध लग जा रहा है.
स्थिति यह है कि अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात या फिर मरीजों के बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए संगृहीत किये गये उपकरण शातिर सेंध लगा ले उड़ते हैं. बात यहीं नहीं थमती अस्पताल में रहने वाले डॉक्टर, नर्स व कर्मी भी खुद को असुरक्षित मानते हुए लगातार अस्पताल प्रशासन से सुरक्षा कड़ी करने की मांग करते हैं. अस्पताल में देखने आये मरीजों के परिजन भी वाहन चोर, जेबकतरों व सामान उड़ाने वाले गिरोह के निशाने पर रहते हैं.
दो बच्चों की हो चुकी है चोरी
तीन वर्षों के अंदर दो नवजात बच्चों की चोरी होने का मामला आया. पहला मामला दो दिसंबर, 2014 को प्रकाश में आया. जब अस्पताल के महिला व प्रसूति विभाग की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए बाईपास थाना क्षेत्र के बाहरी बेगमपुर मड़ई निवासी मनोज चौधरी व पत्नी की नवजात बच्ची चोरी हो गयी थी.
इसके बाद बीते 11 नवंबर, 2017 को बाईपास थाना क्षेत्र के मरचा मरची निवासी रमेश राय की पत्नी सरोज देवी का नवजात पुत्र चोरी हो गया.
चोरी की दोनों ही घटनाओं में पीड़िता से दोस्ती गांठ कर महिला व प्रसूति विभाग विभाग में भर्ती मरीज के पास से नवजात को खेलाते हुए ले उड़ी. इस मामले के बाद अस्पताल प्रशासन फिर जागा और सख्ती दिखाते हुए मरीज के साथ एक तीमरदार के रहने की बात कही. सुरक्षा प्रहरियों को वार्ड संदिग्ध लोगों के आने पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया. यह व्यवस्था कुछ दिन प्रभावी रही, फिर मामला ठंडा पड़ गया.
नवजात को छोड़ चली गयी थी युवती
अस्पताल में बीते 24 नवंबर को ही शिशु रोग विभाग के बाहर बैठी शेखपुरा की महिला के पास नवजात कन्या को छोड़ युवती चली गयी. युवती ने यह कहते हुए नवजात लड़की को गोद में दे दिया कि आप इसे पकड़ें, हम मां को बुला कर आते हैं. बाद में बच्ची काे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया.
सुरक्षा को और बेहतर करेंगे
अस्पताल में मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है, जिससे उनकी संख्या बढ़ी है, सुरक्षा की बात है, तो इस दिशा में निजी सुरक्षा प्रहरी, पुलिसकर्मी व सीसीटीवी कैमरा से भी निगरानी की जा रही है. इसे और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है .
डॉ आनंद प्रसाद सिंह, अधीक्षक , एनएमसीएच
उपकरणों पर भी लगती रही है सेंध
सुरक्षा के मामले में विफल साबित होने का असर यह है कि एनएमसीएच के उपकरणों पर चोर हाथ साफ करते रहते हैं.अस्पताल कर्मियों की मानें तो वर्ष 2012 में अस्पताल के आॅपरेशन थियेटर से लाखों रुपये मूल्य के उपकरण चोरी चले गये थे. चोरी गये उपकरणों को लेकर अस्पताल प्रशासन की ओर से मामला भी दर्ज कराया गया था, जिसकी गुत्थी आज भी अनसुलझी है.
इतना ही नहीं इसके अगले ही वर्ष 2013 में अस्पताल के मेडिसिन विभाग में पैथोलॉजी की खिड़की तोड़ कर उपकरण चोरी का प्रयास किया गया था. ताजा मामला बीते शुक्रवार का है जब अस्पताल की इमरजेंसी स्थित आपदा वार्ड से युवती नेब्युलाइजर मशीन खुद को स्टाफ बता उठा ले गयी. हालांकि मशीन की कीमत डेढ़ हजार रुपये है, लेकिन सवाल कीमत की नहीं, सुरक्षा में सेंध की है.
हालांकि, पीड़ित मरीज के तीमरदार ने गुलजारबाग स्टेशन के पास से युवती को पकड़ अस्पताल प्रशासन को सौंपा. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने युवती को आलमगंज पुलिस के हवाले कर दिया.
नवजात की चोरी का फिर प्रयास
नवजात की चोरी होने की गुत्थी सुलझी भी नहीं थी कि महिला व प्रसूति विभाग की सुरक्षा में सेंध लगाते फिर 27 नवंबर को ही गायघाट स्थित राजकीय उत्तर रक्षा महिला सुधार गृह से आयी संवासिन जिसने नवजात को जन्म गृह दिया था,वह स्वास्थ्य परीक्षण के लिए महिला वार्ड में नवजात के साथ भर्ती हुई थी.
वहीं पर नवजात बच्चे को लेकर एक महिला खेलाने लगी. इसी बीच महिला नवजात को लेकर बाहर जाने लगी, तो सजग कर्मियों व मरीजों ने आपत्ति दर्ज करते हुए रोक दिया. इसके बाद संवासिन के गोद में नवजात को देकर महिला फरार हो गयी थी.

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