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कदमकुआं थाने में लाइसेंसधारक के खिलाफ होगी प्राथमिकी

पटना : मछुआटोली में मिले अवैध दवाओं के मिलने के मामले में शनिवार को लाइसेंसधारक सुनील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इसके साथ ही केमिस्ट अरविंद कुमार व सुनील कुमार के बेटे शुभम की भूमिका की भी ड्रग विभाग जांच कर रहा है. अगर इसमें उनकी भी भूमिका सामने आयेगी तो सभी के […]

पटना : मछुआटोली में मिले अवैध दवाओं के मिलने के मामले में शनिवार को लाइसेंसधारक सुनील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. इसके साथ ही केमिस्ट अरविंद कुमार व सुनील कुमार के बेटे शुभम की भूमिका की भी ड्रग विभाग जांच कर रहा है. अगर इसमें उनकी भी भूमिका सामने आयेगी तो सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
ड्रग इंस्पेक्टर सच्चिदानंद प्रसाद ने बताया कि फिलहाल प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. दवाओं का मिलान किया जा रहा है. इस मामले में कई तरह की कमियां पायी गयी है और लाइसेंसधारक व अन्य के खिलाफ कल कदमकुआं थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. कदमकुआं थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि जिस तरह के मामले सामने आये है, उसमें जालसाजी व ड्रग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
क्या कहता है दवा एसोसिएशन
पटना केमिस्ट एवं ड्रग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धर्मराज प्रसाद व सचिव संतोष कुमार ने बताया कि पटना शहर के बीचो बीच कैसे प्रतिबंधित दवाएं व इंजेक्शन बन रहे हैं इस पर औषधि विभाग को ध्यान देना होगा. लोगों की सूचना के बाद टीम को जानकारी मिल रही है. प्रतिबंधित दवाएं बनाने का खेल पहले बंद था, लेकिन फिर से शुरू हो गया है. इससे दवा व्यापारी बदनाम होते हैं. इस पर रोक लगनी चाहिए. धर्मराज ने कहा कि छापेमारी होती रहेगी तो प्रतिबंधित दवाओं का बनना बंद हो जायेगा.
डॉक्टर की लिखी पर्ची पर ही दवा दुकानदार ऑक्सीटोसिन का इन्जेक्शन दे सकते हैं. वह भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इन्जेक्शन. इसका प्रतिबंधित इन्जेक्शन मानव शरीर के लिए खतरनाक है. लड़कियों का उम्र से पहले व्यस्क होना, महिलाओं में गर्भपात के खतरा के साथ ही बच्चों की दृष्टि भी कमजोर हो सकती है. साथ ही फेफड़ों व मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है.
डॉ मनोज कुमार, अधीक्षक, गार्डिनर रोड अस्पताल.
क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर
जिस सेकेंड फ्लोर पर ऑक्सीटोसिन इन्जेक्शन बनाने का खेल चल रहा था, वहां का लाइसेंस दुकानदार के पास नहीं था. इतना ही नहीं सभी इन्जेक्शन बिना बिलिस्टर के पैक कर मार्केट में बेची जाती थी. ये दवाएं प्रतिबंधित हैं. ऑपरेशन ड्रग माफिया के तहत छापेमारी कर यह खुलासा हुआ है. आज सुनील कुमार के नाम से कदमकुआं थाने में एफआइआर दर्ज की जायेगी.
सच्चिदानंद विक्रांत, ड्रग इंस्पेक्टर औषधि विभाग.

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