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घूमने व मस्ती के साथ ताजगी का मौसम है सर्दी

सीजन. आठ माह तक गर्मी झेली, पसीने और बीमारी ने किया परेशान, अब राहत पटना : सर्दी अपने परवान पर है. न्यूनतम तापमान आठ डिग्री और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह रहा है. बीते पांच दिनों में कमोवेश दिन में धूप निकल रही है. दोपहर में एक-दो घंटे को छोड़ दिया जाये, […]

सीजन. आठ माह तक गर्मी झेली, पसीने और बीमारी ने किया परेशान, अब राहत
पटना : सर्दी अपने परवान पर है. न्यूनतम तापमान आठ डिग्री और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह रहा है. बीते पांच दिनों में कमोवेश दिन में धूप निकल रही है. दोपहर में एक-दो घंटे को छोड़ दिया जाये, तो पूरा दिन कोहरे से प्रभावित रहता रहा है. रात में घने कोहरे से लोगों को सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक तरफ लोगों के दिनचर्या पर प्रभाव पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ घूमने व मस्ती करने के कई बहानों को साथ लाती है.
अपने क्षेत्र में लोगों को लगभग आठ माह तक लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ता है. दो माह मौसम सामान्य रहता है, जबकि कमोबेश दो माह की ही सर्दी का मौसम हमारे हक में आती है. चूंकि सर्दी हमें तेज धूप, बेहिसाब गर्मी से राहत देती है, जबकि इस मौसम में हमारा स्टेमिना बढ़ जाता है. जिससे हमें मस्ती करने का पूरा मौका मिलता है.
सर्दी का फायदा है कि वो हमें पूरा दिन ताजगी के साथ रखती है. पसीना नहीं निकलता और बेवजह उलझनों का सामना नहीं करना होता और हम कहीं भी खूब आराम से घूमने जा सकते हैं. ऐसे में राजधानी के लोग सर्दियों का खूब मजा ले रहे हैं. इसके लिए सबसे अधिक पार्कों व गंगा दियारा का सहारा लिया जा रहा है.
पटना जू (चिड़ियाघर) : छुट्टियां बिताने के लिए सबसे बड़ा स्पॉट पटना जू है. संजय गांधी जैविक उद्यान दिन में नौ बजे खुलने के बाद साढ़े पांच बजे के लगभग आता है. चिड़ियाघर में पेड़ों की छांव, धूप के लिए मैदान, जानवरों की चहलकदमी के साथ बोटिंग करने का भी मजा मिलता है. वैसे तो चिड़ियाघर में प्रतिदिन पांच हजार के लगभग लोग आते हैं, मगर जाड़े के समय आनेवाले लोगों की संख्या में इजाफा हो जाता है. पटना का चिड़िया घर गुलाब गार्डेन से लेकर कई तरह के फूलों के लिए भी जाना जाता है. ऐसे में राजधानी के लोगों के लिए जाड़े के मौसम में ये एक बेहतर स्पॉट है.
– गांधी घाट (एनआईटी घाट)
जाड़े के मौसम में लोग गंगा घाटों पर जाकर भी खूब मजा ले रहे हैं. गंगा किनारे गांधी घाट सबसे बेहतर विकल्प है. यहां अपने वाहन से भी आया जा सकता है. घाट से नौका विहार का भी आनंद लिया जा सकता है. घाट पर रेस्त्रां की भी सुविधा है. एनआईटी घाट, पटना कॉलेज व लॉ कॉलेज से जुड़े होने के कारण यहां काफी भीड़ बनी रहती है.
– राजधानी वाटिका
(ईको पार्क)
पटना जू के बाद राजधानी वाटिका दूसरा बड़ा स्पॉट है. इसमें तीन बड़े पार्क है. दो पार्क स्टैंड रोड पर स्थित है, जबकि एक चिल्ड्रेन पार्क हज भवन रोड की तरफ स्थित है. राजधानी वाटिका की खूबसूरती चार वर्षों से लगातार बेहतर होती जा रही है. पार्क विशेषकर छोटे पौधे व घास के मैदान के लिए विख्यात है. इसके अलावा पार्क में तालाब में शिकारा का भी आनंद लिया जा सकता है.
– बुद्धा स्मृति पार्क
बुद्धा स्मृति पार्क तीसरा बेहतर विकल्प है. बुद्ध पार्क बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन रेलवे स्टेशन के पास होने के कारण लोगों को वहां जाने में काफी सुविधा होती है. गुलैची के फूलों की महक और सामने से बांस के छोटे पेड़ों की बाउंड्री लोगों को आकर्षित करती है. इसके अलावा पार्क में म्यूजिक, मेडिटेशन हाउस का भी आनंद उठा सकते हैं.
पटना : बेशक बढ़ी हुई ठंड और कोहरे ने आवागमन प्रभावित किया है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह मौसम बेहतर रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो जाड़े का ये मौसम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक साबित हो रहा है. जिसके चलते मरीजों का ग्राफ कम हो गया है.
सर्द आबोहवा ने बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया और तमाम वायरस को कमजाेर कर दिया है. तुलनात्मक रूप में मरीजो की संख्या पचास फीसदी घटी है. इसका असर राजधानी के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है. सोमवार को पीएमसीएच में आम दिनों की तुलना में 50 प्रतिशत कम मरीज इलाज कराने पहुंचे. पीएमसीएच में सिर्फ 1345 मरीज ओपीडी में पहुंचे. आम दिनों में रोजाना 2300 से 2500 मरीज इलाज कराने ओपीडी में पहुंचते हैं. आईजीआईएमएस में भी 810 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचे. जबकि यहां बाकी दिनों में 1600 से अधिक मरीज आते हैं.
गर्मियों के अपेक्षा ठंड का मौसम स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. खासकर दुबले-पतले लोगों के लिए यह मौसम रामबाण की तरह का काम करता है. इस मौसम में लोग खान-पान पर भी विशेष ध्यान देते हैं. नतीजन उनका बॉडी ग्रो अधिक करता है. हालांकि, डॉक्टर अधिक ठंड से बचने की सलाह देते हैं. ठंड में शरीर व खुद को गर्म रखने के लिए ऊर्जावान खाद्य सामग्री का सेवन करना चाहिए.
ठंड में खत्म हो जाते हैं बैक्टीरिया: डॉक्टरों की मानें, तो ठंड के मौसम में बैक्टीरिया इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है. गर्मी के मौसम में बैक्टीरिया खाने-पीने की सामग्री में भी जा बैठती है. नतीजा इन्फेक्शन से लोगों को उल्टी, दस्त और बुखार होते रहते हैं.
– शरीर को मिलता है विटामिन डी
चाइल्ड रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने कहा कि ठंड के मौसम में ज्यादातर लोग धूप में रहते हैं इससे विटामिन डी मिलता है. वहीं बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होता है. पाचन क्रिया भी ठीक रहती है.
कुम्हरार पार्क
कुम्हरार पार्क नालंदा मेडिकल कॉलेज के पास स्थित है. ईको पार्क व बुद्ध स्मृति पार्क के बाद जाड़े में सबसे अधिक भीड़ यहां लगती है. यहां पुरानी मौर्यकालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं. भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण की ओर से इस क्षेत्र को संरक्षित कर लिया गया है. यहां पटना सिटी से आनेवाले लोगों की भीड़ अधिक होती है. बिहार सरकार के वन विभाग ने इसको बेहतर बना दिया है.

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