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गुरुपर्व पर सत्कार ने बदली बिहार की छवि, आ रही संगत

साहिब-ए-कमाल दरबेश की नगरी में आने को जी चाहता है लगभग 35 लाख देशी व 2616 विदेशी पर्यटक पहुंचे दस माह में अमिताभ श्रीवास्तव 4पटना सिटी साहिब-ए- कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के जन्मस्थान में 350 वां प्रकाश पर्व, उस पर्व का शुकराना व 351 वें प्रकाश पर्व के आयोजन में सेवा सत्कार […]

साहिब-ए-कमाल दरबेश की नगरी में आने को जी चाहता है
लगभग 35 लाख देशी व 2616 विदेशी पर्यटक पहुंचे दस माह में
अमिताभ श्रीवास्तव 4पटना सिटी
साहिब-ए- कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के जन्मस्थान में 350 वां प्रकाश पर्व, उस पर्व का शुकराना व 351 वें प्रकाश पर्व के आयोजन में सेवा सत्कार ने बिहार की छवि बदल दी.
ऐतिहासिक पल का गवाह बने पटना शहर की छवि इस कदर बदली की देश-विदेश से सिख संगतों का जत्था गुरु घर आने लगा. दरअसल खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का जन्म पौष सूदी सप्तमी 22 दिसंबर 1666 को हुआ था. इस वजह से यह सिख समाज में पांच तख्तों में दूसरा बड़ा तख्त है. छवि बदली तो बढ़ गये पर्यटकों की संख्या
शताब्दी गुरुपर्व के बाद देश-विदेश के संगत गुरुघर में मिलने वाली सुविधाओं की जो छवि बनी उसका असर यह रहा कि अचानक पर्यटकों की संख्या बढ़ गयी.
पर्यटक सूचना केंद्र के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2017 में जनवरी से लेकर अक्तूबर तक की अवधि में तख्त साहिब में लगभग 35 लाख से अधिक देसी व 2616 विदेशी सिख संगत गुरुघर में हाजिरी लगा चुकी है. केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी मन मोहन कुमार बताते है कि यहां आये पर्यटक को सूबे के दूसरे पर्यटक क्षेत्रों की जानकारी दी जाती है, जिससे उन जगहों पर भी पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है.
यहां आये हैं ढेरों बदलाव
शताब्दी गुरुपर्व व शुकराना के साथ 351 वे प्रकाश पर्व ने पटना साहिब की छवि बदल दी है. जहां शताब्दी गुरुपर्व के दरम्यान चौकशिकारपुर उपरि सेतु का सौगात मिला, वहीं 16 सड़कों का निर्माण कराया गया. चौक थाना को पर्यटक थाना के तौर पर स्थापित कर नया भवन दिया गया. शहर की हदयस्थली मंगल तालाब में लेजर शो आरंभ हुआ, एलक्ष्डी बल्ब से शहर रोशन हुए. पटना साहिब स्टेशन पर विकास कार्य कराये गये. यात्री सुविधाओं को बढ़ाया गया.
बोले महासचिव : प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार सरजिंदर सिंह बताते है कि गुरु घर में आने वाले संगत को रिहाइश व लंगर की सुविधा मिले, इसके लिए प्रबंधक कमेटी निरंतर सुविधाओं का ख्याल कर कार्य करा रही है.इसी का परिणाम है कि गुरुघर में संगत की भीड़ बढ़ रही है.
2017 में आये पर्यटकों की
माह देसी विदेशी
जनवरी 20,10,997 536
फरवरी 1,71,258 538
मार्च 1,90,572 732
अप्रैल 1,11,951 283
मई 1,18,609 69
जून 1,32,469 120
जुलाई 1,18,173 117
अगस्त 1,06,058 66
सितंबर 1,12,026 86
अक्तूबर 1,00,5000 —
पांच वर्षों के दर्पण में
वर्ष देसी विदेशी
2012 23,521 244
2013 1,02,861 257
2014 6,73,417 300
2015 9,60,520 941
2016 21,02,862 1527
क्या है सुविधा
विदेशी संगत के लिए बर्मिघम वाले गुरु नानक सेवक निष्काम जत्था के प्रमुख भाई मोहिंदर सिंह की ओर से एनआरआई के लिए बाललीला गुरुद्वारा के समीप डेरा का निर्माण कराया गया.
जबकि बाल लीला गुरुद्वारा में 222 कमरा संगत के लिए ठहरने के लिए है. तख्त साहिब में भी आधा दर्जन से अधिक भवनों में संगत के रिहाइश की व्यवस्था है. जहां 24 घंटे लंगर की सुविधा, घुमने के लिए वाहन, ऐतिहासिक गुरुद्वारों के भ्रमण, स्टेशन से लाने व पहुंचाने के लिए बस की सुविधा है. ऑटो चालकों की ओर से संगत को भी निर्धारित शुल्क पर ऐतिहासिक गुरुद्वारों की हाजिरी लगायी जाती है.

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