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बिहार : अब नियमित व नियोजित शिक्षकों के खाते में सरकार सीधे भेजेगी वेतन
अप्रैल, 2018 से ही केंद्रीकृत रूप से लागू करने की तैयारी पटना : प्रदेश के नियमित और नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार सीधे बैंक एकाउंट में मुख्यालय से ही वेतन जारी करेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए जिलावार शिक्षकों का अटेंडेंस (हाजिरी) भी आयेगा, जिसके आधार पर शिक्षकों को […]
अप्रैल, 2018 से ही केंद्रीकृत रूप से लागू करने की तैयारी
पटना : प्रदेश के नियमित और नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार सीधे बैंक एकाउंट में मुख्यालय से ही वेतन जारी करेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए जिलावार शिक्षकों का अटेंडेंस (हाजिरी) भी आयेगा, जिसके आधार पर शिक्षकों को वेतन जारी किया जायेगा. सरकार ने यह निर्णय जिलों में शिक्षा विभाग से संबंधित बैंक खातों को कम करने को लेकर लिया है. राज्य मुख्यालय से ही वेतन जारी होने पर पूरी प्रक्रिया सेंट्रेलाइज हो जायेगी और जिलों में शिक्षा विभाग के बैंक एकाउंट भी सीमित हो जायेंगे.
शिक्षा विभाग अप्रैल 2018 से ही केंद्रीकृत रूप से इसे लागू करने की तैयारी में है. वर्तमान में राज्य मेंपुराने वेतनमान वाले शिक्षकों को जिलावार ट्रेजरी से वेतन की राशि दी जाती है, जबकि नियोजित शिक्षकों के लिए हर जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के खाते में
राशि जाती है. डीपीओ (स्थापना) संबंधित नियोजन इकाई के खाते में राशि डालते हैं, जिसमें शिक्षक
नियुक्त हैं. वहीं से स्वत: राशि संबंधित शिक्षकों के खाते में चली जाती है. इससे पहले हर स्कूल को प्रधानाध्यापक शिक्षकों का अपसेंटी प्रखंड शिक्षा
प्रसार पदाधिकारी (बीईओ) के जरिये जिला कार्यक्रम पदाधिकारी
(डीपीओ) तक पहुंचाते हैं, जिसके बाद शिक्षकों को वेतन की राशि दी जाती है.
शिक्षकों के लिए विभाग के अलग-अलग एकाउंट
एक ही स्कूल के शिक्षकों के लिए जिलों शिक्षा विभाग के अलग-अलग एकाउंट हैं. प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए सर्व शिक्षा अभियान और राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग वेतन भुगतान होता है. 2.62 लाख नियोजित शिक्षकों को सर्व शिक्षा अभियान से वेतन दिया जाता है.
इसमें केंद्र की 60 फीसदी राशि के साथ-साथ 40 फीसदी राशि राज्य सरकार की होती है. वहीं, 66 हजार नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जिन्हें राज्य सरकार अपने मद से पूरे वेतन का भुगतान करती है. इसके लिए अलग-अलग खाते हैं, जिससे एक ही स्कूल में काम करने वाले शिक्षकों के आने वाली वेतन की राशि के लिए दो एकाउंट हैं.
– जिले में कितने रहेंगे बैंक खाते, तय करेगा विभाग: हर जिले में शिक्षा विभाग से संबंधित कितने खाते होंगे यह तय अब विभाग करेगा. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने शिक्षा सचिव आरएल चोंग्थू को इसकी जिम्मेदारी दी है. उन्होंने निर्देश दिया है कि जिलों से बैंक खातों की संख्या लेने के बजाय विभाग स्तर पर ही समीक्षा कर बैंक खातों की संख्या तय कर दी जाये. इसमें कम से कम कितने बैंक खातों से जिला में काम हो जायेगा, इसका निर्धारण कर दिया जाये. इससे सभी जिलों में एक समान रूप से विभाग के बैंक खाता रह जायेंगे.
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