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राजस्थान बस हादसे में सीवान के तीन की मौत

सिसवन/चैनपुर : राजस्थान के सवाई माधोपुर से आठ किमी दूर अचानक नियंत्रित खोने से बस बनास नदी के पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी. बस में कुल 45 लोग सवार थे, जिसमें से 33 की मौत की सूचना है. मृतकों में जिले के चैनपुर ओपी के नया गांव निवासी एक युवक, उसकी […]

सिसवन/चैनपुर : राजस्थान के सवाई माधोपुर से आठ किमी दूर अचानक नियंत्रित खोने से बस बनास नदी के पुल की रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी. बस में कुल 45 लोग सवार थे, जिसमें से 33 की मौत की सूचना है. मृतकों में जिले के चैनपुर ओपी के नया गांव निवासी एक युवक, उसकी मां व पड़ोस का युवक शामिल है. युवक अपने साथी के साथ अपनी मां का इलाज करने के लिए वहां गया था. उसकी मां कई वर्षों से बीमार चल रही थी. इलाज कराने के लिए 15 दिसंबर को तीनों निकले थे.

इस घटना की सूचना के बाद कोहराम मच गया. मालूम हो कि चैनपुर ओपी के नया गांव निवासी असम बटालियन के जवान जो असम में ड्यूटी करते हैं, उनकी पत्नी ललिता देवी कई वर्ष से बीमार चल रही थीं. जिनका इलाज बनारस में चल रहा था. वहां काफी इलाज कराने के बाद आराम नहीं मिलने पर उनका पुत्र सुनील राम ने अपनी मां को लेकर राजस्थान जाने का प्लान बनाया. उसने अपने पड़ोस के चाचा जो असम बटालियन में उसके पिता के साथ ही तैनात हैं, उनके पुत्र गौतम राम को भी साथ ले लिया.
तीनों 15 दिसंबर को घर से राजस्थान जाने के लिए निकले. ट्रेन पकड़ कर वे राजस्थान पहुंचे. शनिवार को परिजनों को सूचना मिली की सवाई माधोपुर में बस हादसा हुआ है. जिसमें सवार होकर वे लोग सुबह में राजस्थान के दौसा जिले लालसोंठ कस्बा जा रहे थे. परिजनों की मुताबिक सुबह सात बजे वे लोग निकले थे. अभी वह सवाई माधोपुर से आठ किमी आगे ही पहुंचे थे कि बस डिवाइडर को तोड़ते हुए बनास नदी में गिर गयी. इस घटना में बस में सवार अन्य यात्रियों के साथ तीनों की मौत की सूचना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. घटना के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. परिजन राजस्थान के लिए रवाना हो गये हैं.
सवाई माधोपुर कोतवाली के सब इंस्पेक्टर हरबान सिंह चौधरी ने बताया कि घटना के बाद मिले कागजात के आधार पर मृतकों के परिजनों की पहचान कर जानकारी दी जा रही है. राहत बचाव कार्य भी जारी है.
असम बटालियन के जवान की पत्नी व पुत्र की मौत के बाद नया गांव में कोहराम
पैकेज-दो फोटो: कैप्शन जाएगा.
– मां का इलाज कराने गया पुत्र मां के साथ दुनिया छोड़ा, काला दिन रहा शनिवार
– नया गांव निवासी मां-बेटे व एक युवक की मौत के बाद शोक की लहर
– हर कोई दिखा घटना से स्तब्ध, परिजनों की चित्कार से वातावरण शोकाकुल
– हादसे के बाद परिवार के पुरुष सदस्य राजस्थान के लिए रवाना
– घटना के बाद घर की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल
सीवान. राजस्थान के सवाई माधोपुर में हुए बस हादसे में एक साथ गांव के तीन लोगेां की मौत के बाद चैनपुर ओपी के नया गांव में कोहराम मचा हुआ है. इस घटना में मां बेटे और एक पड़ोसी युवक का मौत से दोनों परिवारों के लोग सदमे में है और पूरे गांव में शोक की लहर व्याप्त है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. शनिवार को दिन इन दोनों परिवार के लिए काला दिन बनकर आया. सवई माधोपुर से आठ किमी दूर बनास नदी में बस के गिर जाने से नया गांव दलित बस्ती निवासी असम बटालियन के जवान रामानंद राम की पत्नी ललिता देव, उनके बेटे सुनील राम व असम बटालियान में ही तैनात पड़ोसी विजय राम के बेटे गौतम राम की मौत हो गई.
वहां की पुलिस द्वारा दुरभाष पर मिली सूचना के बाद परिजन बेहाल है. साथ ही कुछ लोग मृतकों का शव लाने के लिए राजस्थान के लिए निकल चुके है. शव लाने के लिए राजू राम, मनोज राम, हरेंद्र और भोला राम राजस्थान को रवाना हुए है. वहीं मृतक का चचेरा भाई योगेंद्र भी उनके साथ गया है.
मां का इलाज कराने निकला था सुनील
स्थानीय वार्ड आठ का पंच सदस्य सुनील राम अपनी मां का इलाज कराने सवाई माधोपुर निकला था. उनके साथ उसका पड़ोसी व मित्र गौतम राम भी गया था. 15 दिसंबर को ये सभी अपने गांव से राजस्थान के लिए निकले थे. सवाई माधोपुर में बस दुर्घटना में इन तीनों की मौत हो गई. मां के साथ ही सुनील व उसका मित्र हादसे के शिकार हो गए. घर के एकलौते सदस्य सुनील की मौत के बाद तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. पिता भी मृत गौतम के पिता विजय के साथ शव लाने के लिए राजस्थान को निकल गए है.
बहन की धूमधाम से शादी करने की हरसत रह गयी अधूरी
सुनील अपने घर का इकलौता चिराग था. उसकी दो बहनें है. जिसमें एक बहन की शादी 16 अप्रैल 2018 को होनी थी. सुनील का एक तीन माह का दुधमुंहा बच्चा भी है. उसकी पत्नी बनारस अपने मायके है. इस घटना के बाद से उसकी स्थिति पागलों जैसी हो गयी है. वह अपने मायके वालों के साथ घटना की सूचना के बाद ससुराल के लिए रवाना हो गयी. इधर घटना के बाद गांव की दोनों बहनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है वह रोते-रोते बेहोश हो जा रही थी. उनका चित्कार सुनकर वहां पहुंचे लोगों का कलेजा फटा जा रहा था. सबकी आंखे नम थी.
गौतम के घर भी मातम
अपनी पड़ोसी चाची का इलाज कराने अपने मित्र सुनील के साथ राजस्थान पहुंचे गौतम की यह अंतिम यात्रा साबित हुयी. तीनों की हादसे का शिकार हो गए. गौतम अपने परिवार में सबसे बड़ा था. तीन भाई व एक बहन में वह बड़ा था. गौतम अभी अविवाहित था. घटना के बाद गौतम से छोटे गोलू, सुरज व बहन आरती का रो-रो बुरा हाल था. बहन आरती तो रो-रो कर बेहोश हो रही थी. उसकी मां बेसूध पड़ी थी.
सुनील व गौतम के पिता असम रायफल में है कुक के पद पर कार्यरत
सुनील के पिता रामानंद राम व गौतम के पिता विजय राम एक ही साथ असम रायफल में कुक के पद कार्यरत है. ये दोनों भी मित्र रहे है. और दोनों की पढ़ाई लिखाई और नौकरी एक ही साथ हुयी है. दोनों असम में एक ही साथ कार्यरत है. इस कारण दोनों परिवार में काफी नजदीकी व घनिष्टता है. दोनों एक दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते है. रामानंद राम की पत्नी की बीमारी का इलाज कराने गौतम व सुनील एक साथ राजस्थान पहुंचे थे. लेकिन शायद यह उनकी अंतिम यात्रा थी. और होनी को कुछ और ही मंजूर था. अब दोनों परिवारों में एक साथ मातम पसरा है. दोनों मित्र व विजय राम इस मनहूस खबर मिलने के बाद असम से अपने गांव के लिए निकल चुके है.
अक्टूबर माह में सुनील को पुत्ररत्न की हुयी थी प्राप्ति
सुनील गांव पर रहकर बहाली की तैयारी कर रहा था. इस वर्ष वह बिहार पुलिस की होने वाली बहाली की परीक्षा भी दे चुका था. सुनील बिहार पुलिस की होने वाली बहाली की परीक्षा भी दे चुका था. अक्टूबर माह में ही उसकी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया था. उसे क्या पता था कि तीन माह बाद ही वह पत्नी व पुत्र का साथ छोड़ हमेशा-हमेशा के लिए दुनिया से चला जाएगा. बार-बार सुनील को याद कर उसके परिजन रोए जा रहे थे

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