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अब मैं अपनी कथा बखानों से गूंजा पंडाल
पटना सिटी : … अब मैं अपनी कथा बखानो, … गोबिंद आयो, … पंथ चले तब जगत मैं सरीखे शबद कीर्तन से तख्त साहिब का परिसर शुक्रवार को गुंजयमान हो उठा. मौका था श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350 वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह व 351 वें प्रकाश पर्व के आगाज का. […]
पटना सिटी : … अब मैं अपनी कथा बखानो, … गोबिंद आयो, … पंथ चले तब जगत मैं सरीखे शबद कीर्तन से तख्त साहिब का परिसर शुक्रवार को गुंजयमान हो उठा. मौका था श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350 वें प्रकाश पर्व के शुकराना समारोह व 351 वें प्रकाश पर्व के आगाज का.
प्रकाश पर्व को लेकर तख्त साहिब में सजे विशेष दीवान की शुरुआत तख्त साहिब की मर्यादा के अनुसार धार्मिक आयोजन से हुआ. प्रकाश पर्व को लेकर दरबार साहिब के सटे बनाये गये विशेष पंडाल में दीवान सजा. हालांकि, दरबार साहिब में तड़के सुबह 4.15 मिनट से 6.15 आशा जी वार भाई बिक्रमजीत सिंह हजूरी रागी जत्था पटना साहिब ने दरबार साहिब में किया. इसके बाद अरदास, हुकुमनामा के बाद कड़ाह प्रसाद वितरण हुआ. धार्मिक आयोजन पूर्ण होने के बाद भाई सतिंदर सिंह जी जगाधारी वाले ने कीर्तन किया.
फिर हुजूरी कथावाचक ने कथा की. इसके बाद गुरु महाराज के शस्त्रों का दर्शन,अरदास व हुकूमनामा जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने किया. विशेष दीवान में भाई जोगिंदर सिंह, भाई बिक्रम सिंह ने कीर्तन किया. इसके बाद कशवीरी जत्था भाई रणजीत सिंह जी धर्म प्रचार कमेटी अमृतसर व ढाढ़ी जत्था भाई जरनैल सिंह खुंडा ने कीर्तन किया.
इसके बाद विशेष दीवान का समापन हुआ. विशेष दीवान के समापन के उपरांत सोदर चौकी भाई रजनीश सिंह, फिर रहिरास साहिब का पाठ, आरती अरदास व हुकूमनामा के बाद जन्म कथा सिंह जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने कही. इसके बाद शबद कीर्तन भाई कुलदीप सिंह जी, भाई सतिंदर सिंह जी जगाधारी समेत अन्य लोग उपस्थित थे.
रविशंकर उपाध्याय
पटना : सुबह में चाय के साथ पकौड़े का नाश्ता,सुबह में में सरसों का साग और मक्के की रोटी का नाश्ता, लंच में पूरी-पुलाव और शाम में मटर- पनीर के साथ घी में सनी रोटी. कुछ इसी प्रकार का मेनू है बाईपास की टेंट सिटी के लंगर का.
यही नहीं आपको खाने के बाद मीठे में खीर के साथ ही देसी जलेबी, लड्डू, शकरपारा और बेसन की मठरी भी मिलेगी. पंजाब के आनंदपुर साहिब और अमृतसर के स्पेशलिस्ट बाईपास टेंट सिटी लंगर में सेवा दे रहे हैं. वहां से 200 सेवादार खानसामे पटना आकर रसोई बना चुके हैं. आनंदपुर साहिब से लंगर में इस्तेमाल होने वाले बर्तन आये हैं और बिहार की सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है. 15 दिसंबर से लगातार चल रहे लंगर में 26 दिसंबर तक आप लंगर छक सकेंगे.
लंगर के इंचार्ज बाबा हरभजन सिंह पहलवान ने बताया कि लंगर सेवा आनंदपुर साहिब की ओर से पूरी जिम्मेदारी उठायी गयी है. सारा समन्वय किया गया है और अभी पंजाब-हरियाणा के सभी जिलों से लेकर यूके-ब्रिटेन, अफ्रीका और कनाडा तक के श्रद्धालु लंगर में सेवा के लिए पहुंचे हैं.
संत बाबा लाभ सिंह जी और भाई साहिब मोहिंदर सिंह जी भी की प्रेरणा से यह लंगर संचालित किया जा रहा है.लंगर की सेवा करने के लिए पंजाब के विभिन्न इलाकों से कुल 2500 से ज्यादा लोग लंगर की सेवा करने के लिए पहुंचे हैं.
ये किसान , ड्राइवर , कुछ छोटे-बड़े व्यवसायी, तो कुछ पढ़ाई करने वाले नौजवान हैं. यहां 20 दिसंबर की शाम तक विदेश से लगभग 350 सेवादार पहुंच गये हैं. इनमें से कोई रोटियां बना रहा है, तो कोई बर्तनों की सफाई कर रहा है.
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