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ट्रेनों के डिस्क ब्रेक पैड व ब्रेक शू की नहीं हो रही आपूर्ति, दुर्घटना की आशंका
प्रभात रंजन पटना : राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में पिछले दो माह से मेंटेनेंस में लगातार अनदेखी कर संरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो एलएचबी डिब्बे के डिस्क ब्रेक के पैड और आईसीएफ कोच के ब्रेक शू की आपूर्ति नहीं हो रही है. राजधानी व संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में नये एलएचबी […]
प्रभात रंजन
पटना : राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में पिछले दो माह से मेंटेनेंस में लगातार अनदेखी कर संरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो एलएचबी डिब्बे के डिस्क ब्रेक के पैड और आईसीएफ कोच के ब्रेक शू की आपूर्ति नहीं हो रही है. राजधानी व संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में नये एलएचबी डिब्बे जोड़ दिये जाते हैं.
वहीं, अन्य ट्रेनों के ब्रेक पैड व ब्रेक शू की क्वालिटी निम्न स्तर का होने से कभी भी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है. हालांकि रेलवे प्रशासन की मानें तो
इस बार ब्रेक शू के ऑर्डर में थोड़ा विलंब हुआ है, जिससे आपूर्ति में देरी हो रही है.लेकिन, डिपो में ब्रेक शू पर्याप्त मात्रा में स्टॉक है. गौरतलब है कि राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में एलएचबी व अाईसीएफ ट्रेनों की मेंटेनेंस कार्य पूरा किया जाता है. मेंटेनेंस के दौरान इलेक्ट्रिक, तकनीकी के साथ साथ साफ-सफाई कार्य पूरा होने के बाद एक्सपर्ट निरीक्षण किया जाता है जो ट्रेन के फिटनेस की स्वीकृति देता है. इसके बाद ही ट्रेन सवारी लेने के लिए प्लेटफॉर्म पर पहुंचती है.
चार-पांच एमएम पतले पैड पर भेजी जा रही है ट्रेन
रेलवे के गाइड लाइन के अनुसार ब्रेक पैड या ब्रेक शू आठ एमएम से पतला हो गया तो खराब माना जाता है, लेकिन संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, सुविधा एक्सप्रेस, जियारत एक्सप्रेस के जनरल व स्लीपर के चार-पांच डिब्बे में लगे चक्का के ब्रेक पैड चार-पांच एमएम पतले हो गये है.
पटना-मुंबई सुविधा एक्सप्रेस के छह-सात डिब्बे के चक्का के डिस्क पैड चार एमएम से कम पतला होने के बावजूद रविवार को जंक्शन से रवाना की गयी. अारएनसीसी में कार्यरत तकनीशियन कहते हैं कि डिपो में ब्रेक पैड व ब्रेक शू की आपूर्ति नहीं हो रही है और स्टॉक भी खत्म है, जिससे क्वालिटी से समझौता हो रहा है.
एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का होता है मेंटेनेंस
आरएनसीसी में नियमित चलनेवाली ट्रेनें राजधानी, संपूर्णक्रांति , साउथ बिहार व तिनसुकिया एक्सप्रेस के साथ साप्ताहिक ट्रेनें अर्चना, सुविधा और जियारत एक्सप्रेस सहित एक दर्जन ट्रेनों की मेंटेनेंस किया जा रहा है. हाल के महीनों में नये एलएचबी डिब्बे आये है.
इसमें एसी डिब्बा को राजधानी एक्सप्रेस और स्लीपर कोच को संपूर्ण क्रांति में जोड़ दिया गया. इससे आठ-सात एलएचबी डिब्बा मेंटेनेंस के अभाव में डिपो में पड़ा हुआ है. वहीं, अर्चना एक्सप्रेस हो या फिर सुविधा एक्सप्रेस, इसके डिस्क ब्रेक के पैड निम्न स्तर तक पहुंच गया है. यह स्थिति कोई एक-दो चक्के में लगे ब्रेक की नहीं है, बल्कि पांच-छह डिब्बे के चक्के की है.
ऑर्डर देने में हुआ विलंब
ब्रेक शू की आपूर्ति को लेकर ऑर्डर देने में विलंब हुआ है, जिससे आपूर्ति नहीं हो रही है. हालांकि, डिपो में स्टॉक है. वहीं, एलएचबी कोच के कुछ पार्ट्स का मेंटेनेंस कोलकाता में होता है जिससे लाने में विलंब होता है. यही वजह है कि एलएचबी के पांच-सात डिब्बे डिपो में खड़े हैं.
राजेश कुमार, सीपीआरओ,
पूर्व मध्य रेल
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