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वर्तमान टर्मिनल भवन की जगह बनेंगे चार नये एप्रन

पटना : पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के वर्तमान टर्मिनल भवन की जगह एप्रन बनेगा. नये टर्मिनल भवन का निर्माण पूरा हो जाने के बाद वर्तमान टर्मिनल भवन को तोड़ दिया जायेगा. उसकी जगह कम से कम चार नये एप्रन बनेंगे. इससे बड़े विमानों के एप्रन की संख्या बढ़ कर दस हो जायेगी […]

पटना : पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के वर्तमान टर्मिनल भवन की जगह एप्रन बनेगा.
नये टर्मिनल भवन का निर्माण पूरा हो जाने के बाद वर्तमान टर्मिनल भवन को तोड़ दिया जायेगा. उसकी जगह कम से कम चार नये एप्रन बनेंगे. इससे बड़े विमानों के एप्रन की संख्या बढ़ कर दस हो जायेगी और विमानों के पार्किंग में आ रही समस्या खत्म हो जायेगी. एयरबस 320 आैर बोइंग 737 जैसे बड़े विमानों को इन नवनिर्मित एप्रन में खड़ा किया जा सकेगा.
वर्तमान में केवल चार बड़े और एक छोटा एप्रन : वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर केवल पांच एप्रन हैं. इनमें से चार एयरबस 320 आैर बोइंग 737 जैसे बड़े विमानों के लिए हैं जबकि एक छोटे विमान के लिए. पटना में सामान्य शेडयूल में 35 विमान आते और जाते हैं.
एप्रन की कमी से बड़े व्यावसायिक विमानों के पार्किंग में बड़ी समस्या आती है. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यहां दो विमानों के लैंडिंग में 45 मिनट का अंतर रखा गया है. आने के आधे घंटे बाद विमान को सामान्यत: यहां से रवाना कर दिया जाता है ताकि अधिक समय तक एप्रन व्यस्त नहीं रहे.
जगह की कमी की वजह से इन दिनों इस्तेमाल में आ रहे एप्रन तक आने जाने का रास्ता ठीक नहीं हैं. चार में से एक एप्रन ऐसा हैं जहां विमान को पार्क करने के लिए दो अन्य एप्रन के पार्किंग वे से होकर गुजरना पड़ता है. यदि वहां पहले से विमान पार्क हो तो अंतिम एप्रन तक विमान ले जाना संभव नहीं है. यात्रियों को भी इससे विमान में बैठने जाने और उससे उतरकर टर्मिनल भवन तक आने में परेशानी होती है. एक अन्य एप्रन में भी इसी तरह की समस्या है.
विमानों के देर होने से पार्किंग की समस्या
विमानों के देर होने की स्थिति में पार्किंग की समस्या बढ़ जाती है. जब कुहरे या किसी अन्य वजह से कई विमान एक साथ लेट हो जाते हैं जैसा कि बीते 10 नवंबर को हुआ तो स्थिति नियंत्रण से बाहर चली जाती है. नये एप्रन के निर्माण से यह समस्या खत्म हो जायेगी.
तोड़ कर एक सीधी पंक्ति में बनाये जायेंगे सारे एप्रन
निदान के लिए वर्तमान के चारों बड़े एप्रन को भी तोड़ दिया जायेगा और उन्हें भी चार नये एप्रन की तरह रनवे और नवनिर्मित टर्मिनल भवन से एक सीध में बनाया जायेगा. नया टर्मिनल भवन स्टेट हैंगर से वर्तमान टर्मिनल भवन के आगे पिक ड्रॉप एरिया तक फैला होगा. इसी सीध में दो एप्रन बीते 12 दिसंबर से वर्तमान स्टेट हैंगर की जमीन पर बनने शुरू हुए हैं.

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