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रेलवे कॉलोनियों के जर्जर भवनों पर चलेगा बुलडोजर
पटना : रेलवे कर्मियों को रहने में असुविधा नहीं हो, इसको लेकर दानापुर रेलमंडल के पटना, दानापुर, फतुहा, झाझा व बक्सर आदि स्टेशनों के समीप रेलवे कॉलोनियां बनायी गयीं. इन कॉलोनियों में सैकड़ों की संख्या में क्वार्टर जर्जर हो गये, जिनका मेंटेनेंस नहीं कराया जा सकता है. अत: रेलवे प्रशासन ने इनका आवंटन भी नहीं […]
पटना : रेलवे कर्मियों को रहने में असुविधा नहीं हो, इसको लेकर दानापुर रेलमंडल के पटना, दानापुर, फतुहा, झाझा व बक्सर आदि स्टेशनों के समीप रेलवे कॉलोनियां बनायी गयीं. इन कॉलोनियों में सैकड़ों की संख्या में क्वार्टर जर्जर हो गये, जिनका मेंटेनेंस नहीं कराया जा सकता है.
अत: रेलवे प्रशासन ने इनका आवंटन भी नहीं किया है. लेकिन, इन जर्जर क्वार्टरों में अवैध तरीके से रेल कर्मी और बाहरी लोग रह रहे हैं. इन जर्जर क्वार्टरों पर मंडल रेल प्रशासन एक सप्ताह के भीतर बुलडोजर चला कर ध्वस्त करेगा.
दानापुर में चिह्नित किये गये 78 जर्जर क्वार्टर: दानापुर रेलवे कॉलोनी में 78 क्वार्टर चिह्नित किये गये हैं, जो रहने लायक नहीं है. वहीं, इन क्वार्टरों को मेंटेनेंस कर रहने लायक भी नहीं बनाया जा सकता है.
इसके बावजूद 90 प्रतिशत जर्जर क्वार्टरों में रेलवे कर्मी व बाहरी लोग रहे रहे हैं, जो रेलवे के बिजली और पानी का उपयोग कर रहे हैं. इसके साथ ही रेलवे से हाउसिंग रेंट भी ले रहे हैं. यह स्थिति सिर्फ दानापुर में ही नहीं, बल्कि झाझा, फतुहा और बक्सर स्थित रेलवे कॉलोनियों में भी है. इनमें सबसे अधिक 153 जर्जर क्वार्टर झाझा स्थित रेलवे कॉलोनियों में हैं.
50 हजार प्रतिदिन राजस्व की होगी बचत: जर्जर क्वार्टरों का आवंटन नहीं किया गया है, लेकिन इन जर्जर क्वार्टरों में लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. रेलवे की बिजली और पानी का उपयोग कर रहे है. इन जर्जर क्वार्टरों को तोड़ देने के बाद, तो रेलवे को बिजली व पानी बिल से प्रतिदिन 50 हजार रुपये की बचत होने लगेगी. सालाना करीब दो करोड़ रुपये राजस्व की बचत हो सकेगी.
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