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बिहार : रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए 11 नहीं, एक रजिस्टर

कवायद : स्निप योजना के तहत प्रदेश के छह जिलों में शुरू हुआ काम, आंगनबाड़ी केंद्रों को होगी सुविधा पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों के दिन अब बदलने लगे हैं. विभिन्न तरह के रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए 11 रजिस्टर रखने का झंझट अब खत्म हो रहा है. मात्र एक रजिस्टर रखना होगा, वह भी सिर्फ […]

कवायद : स्निप योजना के तहत प्रदेश के छह जिलों में शुरू हुआ काम, आंगनबाड़ी केंद्रों को होगी सुविधा
पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों के दिन अब बदलने लगे हैं. विभिन्न तरह के रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए 11 रजिस्टर रखने का झंझट अब खत्म हो रहा है. मात्र एक रजिस्टर रखना होगा, वह भी सिर्फ स्टॉक मेंटेन करने के लिए. शेष 10 रजिस्टरों में जो भी काम होता था, वह अब एप के माध्यम से होगा. यह सब संभव हो पा रहा है आईसीटीआरटीएम (इनफॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी रीयल टाइम मॉनिटरिंग) के कारण. इसके तहत खास एप बनाया गया है. इसका नाम ‘आईसीडीएस कैस’ नाम रखा गया है. इसमें सारी जानकारी ऑनलाइन स्मार्ट फोन के जरिये भरी जायेंगी. सभी जानकारी मोबाइल फोन में ही फीड होगी.
जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, उन्हें मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है. जहानाबाद, बक्सर, लखीसराय, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, भागलपुर में इसी तर्ज पर काम शुरू भी हो गया है.
फिलहाल छह जिलों में है यह व्यवस्था
भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक की मदद से बिहार में भी ‘स्निप’ (आईसीडीएस सिस्टम स्टेंडनिंग एंड न्यूट्रिशन इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम) के तहत काम शुरू हुआ है. अब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जरूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज करती हैं. इसके लिए उन्हें 11 तरह के अलग-अलग रजिस्टर रखने पड़ते हैं.
अब मात्र एक रजिस्टर रखना होगा. स्टॉक के लिए. इसके अलावा 10 रजिस्टरों का काम खत्म हो जायेगा. रजिस्टर की जगह अब पूरा ब्योरा मोबाइल में दर्ज करना होगा. इनमें बच्चों की हाजिरी से लेकर उनके वजन और पोषण आहार का रिकॉर्ड तक फीड होगा. फिलहार सरकार ने बिहार के छह जिलों में इसे शुरू किया है. जहानाबाद, बक्सर, लखीसराय, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, भागलपुर इसमें शामिल हैं.
अगले चरण में 4 जिले और
जहानाबाद, बक्सर, लखीसराय, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, भागलपुर के बाद आईसीटीआरटीएम के तहत चार और जिलों में काम शुरू होगा. इन जिलों में किशनगंज, मधुबनी, सुपौल, अररिया शामिल हैं. सूत्र बताते हैं कि भारत सरकार को यूजर नेम और पासवर्ड के लिए पत्र लिखा गया है. जैसे ही ये उपलब्ध हो जायेगा, इन जिलों में काम शुरू हो जायेगा.
अफसरों की रहेगी नजर
बच्चों के माता-पिता को कुपोषण की विजुअलाइज जानकारी देनी हो या गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार का महत्व बताना हो, कार्यकर्ता फोन से हितग्राहियों तक ऐसी सभी जानकारी पहुंचायेंगी. प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर होने वाली हर गतिविधि पर सीधे अफसरों की नजर रहेगी. कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग और तस्वीरें अधिकारी देखेंगे. ऐसा केंद्र की सभी गतिविधि पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है.
– आरएसपी दफ्तुआर,निदेशक, आईसीडीएस

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