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बिहार में इस कारण युवा हो रहे हैं नपुंसकता के शिकार, डॉक्टरों का अलर्ट
आनंद तिवारी पटना : पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) की समस्या बढ़ गयी है. खासकर यह परेशानी मर्दों में अधिक देखने को मिल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव, नशा का सेवन, केमिकल फैक्ट्री में काम करना, टीबी इंफेक्शन नपुंसकता का कारण बन रहे हैं. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल […]
आनंद तिवारी
पटना : पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) की समस्या बढ़ गयी है. खासकर यह परेशानी मर्दों में अधिक देखने को मिल रही है. इसका सबसे बड़ा कारण मानसिक तनाव, नशा का सेवन, केमिकल फैक्ट्री में काम करना, टीबी इंफेक्शन नपुंसकता का कारण बन रहे हैं.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के बायोकेमेस्ट्री विभाग के रिसर्च में यह खुलासा किया गया है. रिसर्च के अनुसार इनफर्टिलिटी के बढ़ते मामलों में पुरुषों के शरीर में शुक्राणु कम काउंट होना आम बात है. 30 फीसदी इनफर्टिलिटी (नपुंसकता) मामलों में यही वजह पायी गयी है. इस समस्या से बिहार के अधिकांश लोग प्रभावित हो रहे हैं.
पीएमसीएच व आईजीआईएमएस
के बॉयोकेमेस्ट्री विभाग में हुए रिसर्च में आ चुकी हैं बातें सामने
-तनाव, सिगरेट, अधिक उम्र में शादी नपुंसकता का सबसे बड़ा कारण उभर कर आ रहा सामने
नपुंसकता के प्रमुख कारण
– पॉर्न मूवी है बड़ी वजह: नपुंसकता पर रिसर्च कर चुके पटना आयुर्वेद कॉलेज के डॉ पवन कुमार ने बताया कि पॉर्न देखने के बाद हस्तमैथुन करने की लत पुरुषों में बढ़ जाती है. नतीजा यह आदत नपुंसक बनाने की ओर ढकेल देती है. इसके बाद सामान्य पुरुष उस स्थिति में पहुंच जाते हैं, जिसमें 40-70 साल के पुरुष पहुंच चुके होते हैं. डॉ पवन ने बताया कि रिसर्च में पाया गया है कि इस आदत के बाद सेक्स के दौरान पुरुषों के परफॉर्मेंस में कमी आती है.
– 30 की उम्र के बाद शादी: एनएमसीएच की स्त्री एवं प्रसूति रोग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ कुसुम गोपाल ने बताया कि 20 से 30 साल की उम्र वाले युवाओं में यह समस्या अधिक है. वहीं 30 से 40 साल की उम्र वाली महिलाओं में नपुंसकता की समस्या देखने को मिलती है. इसका बड़ा कारण अधिक उम्र में महिलाओं की शादी करना है. डॉ कुसुम ने बताया कि 30 के बाद शादी व नौकरी करने वाली युवतियों की संख्या अधिक है.
हाई बीपी और डायबिटीज
डॉक्टरों ने बताया कि नपुंसकता सिर्फ मानसिक बीमारी नहीं होती है. यह दो तरह की होती है मानसिक और शारीरिक. नये शोधों से पता चला है कि मधुमेह व हार्मोन के असंतुलन से नपुंसकता हो सकती है. शरीर में किसी प्रकार के संक्रमण के कारण व्यक्ति नपुंसकता का शिकार हो सकता है या फिर चोट लगना, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान व शराब जैसे अन्य शारीरिक कारण भी हो सकते हैं.
प्रदेश में 10% शहरी इलाकों में समस्या अधिक
मेडिकल कॉलेज के बायोकमेस्ट्री विभाग के छात्रों की ओर से हुए शोध रिपोर्ट के अनुसार पूरे बिहार में करीब 10 प्रतिशत लोग नपुंसकता की समस्या से जूझ रहे हैं. इनमें इनमें अकेले 60 प्रतिशत लोग शहरी इलाकों के शामिल हैं. बाकी ग्रामीण ऐरिया में रहने वाले लोग हैं. डॉक्टरों की मानें तो मरीजों का इलाज पीआईसीएसआई और आईएमएसआई तकनीक से किया जा सकता है. इस से नि:संतान दंपतियों को संतान मिलने की उम्मीद अधिक होती है.
क्या कहती हैं एक्सपर्ट डॉक्टर
गर्म जगह में रहना, और स्मोकिंग का सेवन करने वाले अधिक मर्दों में नपुंसकता की समस्या अधिक देखने को मिल रही है. वहीं औरतों में देरी से शादी होना इसका सबसे बड़ा कारण है.
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