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कोर्ट के फैसले से तय होगा राज्य में बालू-गिट्टी बिक्री का भविष्य
पटना : प्रदेश में बालू-गिट्टी पर मचा बवाल अब कोर्ट पहुंच गया है. पटना हाईकोर्ट ने खान एवं भूतत्व विभाग की नयी नियमावली और कामकाज पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में वहां सोमवार को सुनवाई हो सकती है. वहीं पटना हाईकोर्ट […]
पटना : प्रदेश में बालू-गिट्टी पर मचा बवाल अब कोर्ट पहुंच गया है. पटना हाईकोर्ट ने खान एवं भूतत्व विभाग की नयी नियमावली और कामकाज पर रोक लगा दी थी. इस आदेश को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में वहां सोमवार को सुनवाई हो सकती है. वहीं पटना हाईकोर्ट ने विभाग के एक अन्य आदेश पर भी शुक्रवार को रोक लगा दी थी. इस मामले में भी हाईकोर्ट में अगली सुनवाई साेमवार को हो सकती है. खान एवं भूतत्व विभाग इसकी तैयारी में जुटा है.
दरअसल बालू-गिट्टी के खनन व कारोबार के संचालन की नयी नियमावली मामले में 28 नवंबर को हाईकोर्ट के रोक लगाने पर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने अपने इसी आदेश में पुरानी नियमावली से खनन की पूरी प्रक्रिया के संचालन की अनुमति दी थी. प्रदेश सरकार ने इस आदेश को मानते हुए 29 नवंबर को एक गाइडलाइन जारी की. इसमें कहा गया कि नयी नियमावली के अनुसार जारी अधिकतर प्रक्रिया अब पुरानी नियमावली के अनुसार ही संचालित होगी. इस बारे में पुरानी नियमावली में भी प्रावधान हैं.
स्टॉक के लिए जारी करें ई-चालान
इस मामले में विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों को निर्देश जारी किया है कि उनके यहां से निकली बालू व गिट्टी सीधा बफर स्टॉक भेजे जाएं. केवल पटना के निसरपुरा के लिए ही वे ई-चालान जारी करें. यदि अन्य किसी स्थान के लिए ई-चालान जारी किया गया तो वह अवैध माना जायेगा. ऐसी हालत में बंदोबस्तधारी और जब्त किए गये ट्रक व ट्रैक्टर पर उचित कानूनी प्रावधान के तहत कार्रवाई की जायेगी.
बफर स्टॉक से ही ग्राहकों को बालू-गिट्टी की बिक्री की जाएगी.
छुट्टी के दिन भी कामकाज में जुटा विभाग
खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रदेश से बालू-गिट्टी का संकट दूर कराने के लिए शनिवार को पैगंबर हजरत मुहम्मद के जन्मदिन के अवसर पर घोषित छुट्टी के दिन भी विभागीय कर्मियों ने काम किया. हालांकि इसे लेकर कुछ कर्मचारियों में नाराजगी भी दिखी.
उन्होंने कहा कि इस समय लगातार उन्हें प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ रही है. वहीं कई कर्मचारी और अधिकारी कामकाज को उचित ठहराते दिखे. उन्होंने कहा कि एक तरह से विभाग इस समय खनन माफिया के खिलाफ काम कर रहा है. आम जनता को उचित दर पर बालू-गिट्टी मिले और जो पैसा खनन माफिया की पॉकेट में जा रहा था वह सरकार को राजस्व में मिले तो इससे अच्छी बात भला क्या हो सकती है.
निसरपुरा स्टॉक केंद्र पर लगी वाहनों की कतार
शनिवार को बफर स्टॉक केंद्र के समीप एनएच 98 पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. वहीं बफर स्टॉक केंद्र के डिपो प्रबंधक परशुराम सिंह ने बताया कि इस केंद्र से 6750 रुपये प्रति 100 सीएफटी गिट्टी व 2400 रुपये प्रति 100 सीएफटी बालू की बिक्री की जा रही है.
इसके अतिरिक्त पांच प्रतिशत टैक्स व 20 रुपये प्रति किलोमीटर प्रति 100 सीएफटी की दर से परिवहन खर्च लिया जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि उद्घाटन के बाद से शनिवार की दोपहर ढाई बजे तक 142 ट्रक उत्तम गुणवत्तापूर्ण बालू अरवल, जहानाबाद व औरंगाबाद से स्टॉक में पहुंच चुकी है. जबकि गिट्टी गया से आ रही है.
क्या कहते हैं जीएम
जीएम राजेश कुमार ने बताया कि ट्रांसपोटर्स व ग्राहकों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. बालू व गिट्टी स्टॉक की गयी भूमि में नमी होने के कारण कुछ वाहन फंस जा रहे हैं जिसकी व्यवस्था की जायेगी. एक आधार पर बालू व गिट्टी 100 सीएफटी तक ही दी जा रही है.
बंदोबस्तधारी पर खनन रोकने का आरोप
औरंगाबाद जिले के बालू घाट बंदोबस्तधारी मेसर्स आदित्य मल्टीकॉम पर आरोप है कि उसने बिना किसी पूर्व सूचना के बालू का खनन रोक दिया है. विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने औरंगाबाद के डीएम को पत्र लिखकर इसकी सूचना देते हुए कहा है कि बंदोबस्तधारी का यह कार्य बिहार लघु खनिज समानुदान नियमावली 1972 और बालू नीति 2013 का स्पष्ट उल्लंघन है.
ऐसे में प्रधान सचिव ने बंदोबस्तधारी पर उचित जुर्माना लगाने, उसकी वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस करने और नियमावली 1972 के नियम-40 के तहत आईपीसी की उचित धाराओं के तहत केस करने का औरंगाबाद के डीएम से अनुरोध किया है.
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