इसमें कार्रवाई की जा रही है. दूसरे जिलों के जिलाधिकारियों को भी इस तरह का कोई मामला है तो जांच कर कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है. अगर किसी भी सदस्य (विधायक) को ऐसी कोई घोटाला या अनियमितता की जानकारी है तो उसकी लिखित जानकारी दें, सरकार कार्रवाई करेगी. चारा, अलकतरा, सृजन या फिर कोई भी घोटाला हो, सरकार किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगी. न ही किसी को बचाने का प्रयास किया जायेगा. सभी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले विधायक ललित यादव के अल्पसूचित प्रश्न पर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने जवाब देते हुए कहा कि नवादा में मुख्यमंत्री निश्चय योजना में 5.34 करोड़ की अवैध निकासी का मामला सामने आया है. इसमें से 2,11,22,064 रुपये वापस आ गये हैं. जिन पंचायतों के मुखिया व सचिव ने राशि की अग्रिम निकासी की है और वापस नहीं की है उनके खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है.
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शीतकालीन सत्र: पक्ष : नहीं बचेंगे दोषी, विपक्ष : कुशासन है
सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में सरकार की ओर से सदन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, सृजन घोटाला या अन्य किसी भी घोटाले के दोषियों को नहीं बख्शेगी. उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वहीं, विधि-व्यवस्था को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव स्थगित होने पर विधानसभा में विपक्ष ने जमकर […]
सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में सरकार की ओर से सदन को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, सृजन घोटाला या अन्य किसी भी घोटाले के दोषियों को नहीं बख्शेगी. उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वहीं, विधि-व्यवस्था को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव स्थगित होने पर विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.
पाताल में भी छुपे होंगे भ्रष्टाचारी तो ढूंढ़ निकालेंगे : उपमुख्यमंत्री
पटना : बिहार सरकार चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, सृजन घोटाला या अन्य किसी भी घोटाले के दोषियों को नहीं बख्शेगी. उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अगर कोई भ्रष्टाचारी पालात में भी छुपे होंगे तो उन्हें ढूंढ़ निकाला जायेगा और कार्रवाई की जायेगी. भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को बिहार विधानसभा में सरकार की ओर से सदन को आश्वस्त किया. उपमुख्यमंत्री नवादा में सृजन के तर्ज पर मुख्यमंत्री निश्चय योजना में करोड़ों की अवैध निकासी मामले पर विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे रहे थे. उन्होंने कहा कि नवादा में सृजन के तर्ज पर मुख्यमंत्री निश्चय योजना में करोड़ों की अवैध निकासी मामले में पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने जवाब दिया है.
इसमें कार्रवाई की जा रही है. दूसरे जिलों के जिलाधिकारियों को भी इस तरह का कोई मामला है तो जांच कर कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है. अगर किसी भी सदस्य (विधायक) को ऐसी कोई घोटाला या अनियमितता की जानकारी है तो उसकी लिखित जानकारी दें, सरकार कार्रवाई करेगी. चारा, अलकतरा, सृजन या फिर कोई भी घोटाला हो, सरकार किसी भी दोषी को नहीं छोड़ेगी. न ही किसी को बचाने का प्रयास किया जायेगा. सभी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले विधायक ललित यादव के अल्पसूचित प्रश्न पर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत ने जवाब देते हुए कहा कि नवादा में मुख्यमंत्री निश्चय योजना में 5.34 करोड़ की अवैध निकासी का मामला सामने आया है. इसमें से 2,11,22,064 रुपये वापस आ गये हैं. जिन पंचायतों के मुखिया व सचिव ने राशि की अग्रिम निकासी की है और वापस नहीं की है उनके खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है.
साथ ही दूसरे जिलों के जिलाधिकारियों को भी जांच का आदेश दिया है.
मामले की हो रही लीपा-पोती
नवादा में मुख्यमंत्री निश्चय योजना में करोड़ों की अवैध निकासी मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि कार्रवाई की जगह सरकार मामले की लीपा-पोती कर रही है. बार-बार घोटाला हो रहा है. सरकार ने कितने अधिकारियों और कितने मंत्रियों पर कार्रवाई की, यह बताना चाहिए. सरकार का एक्शन उल्टी दिशा में होती है. लग रहा है कि अधिकारी भ्रष्टाचार को उजागर करने के बजाये उसे छुपा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सदन में बताना होगा कि क्या इस तरह का घोटाला चलता रहेगा. क्या महागठबंधन का साथ वे इसलिए तो नहीं छोड़ गये थे कि वे घोटाला कर सकें. 12 साल प्रदेश में एनडीए की सरकार रही है. उसी में घोटाला हुए हैं.
केंद्र-राज्य में एक सरकार होने से अब डबल इंजन की बात करते हैं. क्या डबल इंजन भ्रष्टाचार बढ़ाने के लिए लगा है या विकास करने के लिए? जिन योजनाओं में राशि खर्च हो रही है, यह जनता का पैसा है. जनता ने टैक्स देकर यह राशि दी है. जनता का अधिकार है कि वह यह जाने कि उसकी राशि का विकास कार्यों पर खर्च हो रहा है या नहीं.
विधि-व्यवस्था को लेकर वेल में आया विपक्ष, किया वाक आउट
पटना : प्रदेश में विधि-व्यवस्था को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव स्थगित होने पर बिहार विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी विधायक वेल में आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे और सदन से वाकआउट कर दिया. बिहार विधानसभा में विधि-व्यवस्था पर विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव गंभीर विषय पर है. इसे स्वीकार किया जाना चाहिए. प्रदेश में अपराध के ग्राफ में बढ़ोतरी हो रही है. मर्डर, लूट-पाट मामले भी बढ़े हैं. शराब पीकर लोग गैंगरेप कर रहे हैं. अपराधी बेलगाम हो गये हैं. समस्तीपुर में पुलिस पर शराब माफियाओं का ही हमला हुआ. व्यापारियों की हत्या हो रही है और पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं. बिहार में सुशासन नहीं चल रहा है, कुशासन का राज हो गया है. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जब विपक्ष में थे तो व्यापारियों पर अत्याचार होने पर उनके घर जाते थे, लेकिन अब क्यों नहीं जा रहे हैं. एक-आध घटना नहीं, बल्कि लगातार घटनाएं हो रही हैं. यह सहन करने की चीज नहीं है. शून्यकाल व ध्यानाकर्षण में हो-हंगामे के बाद विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया.
विपक्ष काे जनता की परवाह नहीं
विपक्ष के वाक आउट पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिस तरह से सदन को बाधित कर रहे हैं उससे लगता है कि विपक्ष का जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है. उनका मुख्य मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है. ध्यानाकर्षण में विपक्ष के अन्य सदस्यों का भी सवाल था, लेकिन वे वाक आउट कर गये. सदन में कार्य संचालन नियमावली का पालन किया जाना चाहिए.
नोक-झोंक
केंद्रीय मंत्री पर रामदेव राय ने कसा तंज, नंदकिशोर यादव का पलटवार
पटना. बिहार विधानसभा में धान खरीद के ध्यानाकर्षण पर कांग्रेस के विधायक रामदेव राय ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान बड़े नेता हैं. उन्होंने धान नहीं देखा होगा अौर धान कैसा होता है उनको पता नहीं होगा. इस पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान बड़े नेता हैं. उनके खिलाफ सदन में ऐसी टिप्पणी सही नहीं है. वे दलित के बेटा हैं तो उन पर कांग्रेस के विधायक आरोप लगायेंगे. कांग्रेस की मानसिकता ही है कि वे दलित का अपमान करते हैं. कांग्रेस ने सदन की गरिमा गिरायी है. इससे पहले सुदामा प्रसाद समेत अन्य के ध्यानाकर्षण पर सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि धान की खरीदारी 15 नवंबर से शुरू हो गयी है.
अब तक नालंदा, खगड़िया और अररिया में 2000 क्विंटल धान की खरीदारी हो चुकी है. फिलहाल धान की नमी साढ़े 20 से 22 प्रतिशत तक है. इस पर केंद्र से बात चल रही है. 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 19 प्रतिशत वाले धान की खरीदारी के लिए केंद्र के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है. धान की नमी दूर करने के लिए 40 पैक्सों में ड्रायर लगाये गये हैं. पैक्स को मजबूत करने के लिए सरकार ने 10 रुपये का इंसेंटिव दिया है. साथ ही पिछले साल की तुलना में समर्थन मूल्य में 1470 रुपये की जगह 1550 रुपये दिया जा रहा है. इसके अलावा किसानों से जो 150 क्विंटल धान लिये जाते थे, उसे बढ़ाकर 200 क्विंटल कर दिया गया है.
जवाब
राज्य की नयी औद्योगिक नीति से 5020 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
पटना. उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह ने बुधवार को विधानसभा में बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक की चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि यह विधेयक राज्य के औद्योगिक विकास में बड़ी भूमिका निभायेगा. राज्य की नयी औद्योगिक नीति से राज्य में 5020 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव मिला है. औद्योगिक क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा सकेगा. उद्योग की स्थापना के लिए जमीन के आवंटन के तीन सील के भीतर अगर उद्योग की स्थापना नहीं होगी तो जमीन वापस लेकर दूसरे को दिया जायेगा. बियाडा अपने स्तर से भी जमीन खरीद सकेगा या पट्टा पर ले सकेगा. सरकार के उत्तर से असंतुष्ट विपक्ष वाक आउट कर गया. विधानसभा व विधान परिषद ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी.
सख्ती
राज्य के सभी एक लाख 99 हजार जलस्रोत किये जायेंगे अतिक्रमणमुक्त
पटना. राज्य में एक लाख 99 हजार 437 पोखर, मन, झील, आहर-पाईन, नहर-नाला, नदियों समेत अन्य सार्वजनिक जलस्रोत या जलकर हैं. इसमें 13 हजार 338 स्थायी और 17 हजार 98 अस्थायी अतिक्रमण के शिकार हैं. इन सभी जलकर को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा. बुधवार को विधान परिषद में तारांकित प्रश्न के माध्यम से इस मामले को सीपी सिन्हा ने उठाया था. इसका जवाब देते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि कृषि रोडमैप के तर्ज पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम के तहत सभी जलस्रोत को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. इसके लिए सभी जिलों के डीएम, एसडीओ और सीओ को लिखित आदेश भी जारी कर दिया गया है.
उन्हें कहा गया है कि अपने-अपने जिले में अतिक्रमण के शिकार सभी जलकरों की पहचान कर इनसे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करें. इसके अलावा सभी जिलों से इससे संबंधित रिपोर्ट मांगी जा रही है, ताकि राज्य स्तर पर सभी जलस्रोतों की पैमाइश करवा कर ‘जल संरक्षण’ अभियान के तहत इनके संरक्षण के लिए रणनीति तैयार की जा सके.
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 635 स्थायी और आठ हजार 736 अस्थायी जलकरों से अतिक्रमण हटाये जा चुके हैं. अन्य जलस्रोतों को भी अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसे जल्द ही पूरा करवा लिया जायेगा. मंत्री के जवाब के दौरान एमएलसी नवल किशोर यादव ने मोतिहारी में मोती झील को अतिक्रमण मुक्त कराने का मामला उठाया. वह मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और स्पष्ट जानकारी देने की मांग बार-बार कर रहे थे. इस पर मंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नवल बाबू ग्रहण कीजिये, तब मेरी बात समक्ष में आयेगी. बोलिये तो ग्रहण करने के लिए आपको कॉपी देते हैं.
जानकारी
इंदिरा आवास को लेकर ग्राम पंचायत छूटे लोगों की बनायेगी सूची
पटना. विधान परिषद में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इंदिरा आवास योजना में छूटे हुए लोगों की सूची ग्राम पंचायत तैयार कर सकती है. ग्राम पंचायत द्वारा तैयार सूची को केंद्र से सहमति मिलने के बाद अनुमोदन के लिए भविष्य में भेजा जा सकता है. रीना देवी के ध्यानाकर्षण पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि केंद्र ने फिलहाल कोई नया नाम जोड़ने की सहमति नहीं दी है. वहीं विपक्षी सदस्यों ने योजना में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया. मंत्री ने कहा कि ग्राम सभा चाहे तो इंदिरा आवास योजना के तहत जो 13 बिंदु हैं उसका आकलन कर छूटे हुए लोगों की सूची तैयार कर सकती है. 2011 में हुए एसइसीसी जनगणना में अधिकारी द्वारा लोगों से सूचना ग्रहण करने का काम हुआ, लेकिन लोगों के छूटने की सूचना मिल रही है.
इसके लिए समीक्षा की जा रही है. योजना के तहत जो सचमुच पात्र होंगे उनका ग्राम पंचायत से सूची बन सकती है. जदयू के नीरज कुमार ने कहा कि छुटे हुए नाम को जोड़ने के लिए केंद्र विशेष प्रावधान करे. भाकपा के केदारनाथ पांडेय ने कहा कि नियमावली में संशोधन होना चाहिए. वहीं विपक्षी सदस्यों ने योजना में गड़बड़ी होने की बात कही. राजद के सुबोध कुमार व संजय कुमार ने योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया. संजय कुमार ने मंत्री से कहा कि वे चाहे तो जमुई के एक ब्लॉक का एसआइटी से जांच करा लें. इस पर ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि प्रमाण उपलब्ध कराये तो जांच करा कर कार्रवाई होगी.
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