पटना : राज्य के विश्वविद्यालयों में काम कर रहे शिक्षकेतर कर्मचारियों का पे-वेरिफिकेशन (वेतन सत्यापन) नहीं हो पा रहा है. आधे से ज्यादा शिक्षकेतर कर्मचारियों ने पे-वेरिफिकेशन के लिए अब तक आवेदन तक नहीं दिया है. 12,094 कर्मचारियों में से मात्र 5485 कर्मचारियों ने ही पे-वेरिफिकेशन के लिए आवेदन किया है, जबकि 6609 आवेदन ही नहीं दिया.
वहीं, 7652 विवि शिक्षकों में से 409 ने अप्लीकेशन नहीं दिया है, जबकि 1115 शिक्षकों का अप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा लगातार मांगने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इस मामले पर शिक्षा विभाग फिर एक बार गंभीर हुआ है और फिर से अल्टीमेटम देने की तैयारी कर रहा है.
तय समय सीमा पर अगर विवि शिक्षक व कर्मचारी पे-वेरिफिकेशन के लिए अप्लीकेशन नहीं देते हैं तो उनका वेतन भी रोका जा सकता है. राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों का पे-वेरिफिकेशन काे लेकर कई बार विवि प्रशासन को पत्र लिखा. पे-वेरिफिकेशन से शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी की वास्तविक वेतन का पता चल जाता है. शिक्षक या कर्मचारी को कहीं ज्यादा या कम वेतन तो नहीं मिल रहा, या किसी ने बिना नियम के प्रोन्नति तो नहीं ले ली? इसी जांच की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सरकार ने वेतन सत्यापन सभी के लिए अनिवार्य कर दिया.
शिक्षा विभाग फिर से सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश देने की तैयारी कर रहा है और जनवरी तक सभी विवि से शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को पे-वेरिफिकेशन के लिए आवेदन कर देना होगा. जिन शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन सत्यापन के लिए आवेदन समय पर नहीं आया तो विभाग उनके वेतन पर रोक भी लगा सकती ही.