पटना: मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मंगलवार को सभी जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर योजनाओं की गहन समीक्षा की. उन्होंने सभी डीएम को निर्देश दिया कि एक दिसंबर से बाजार में सरकार अपनी पूर्व योजना के अनुसार ही बालू बेचेगी. इसके लिए हर स्तर पर जरूरी तैयारी कर लें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि जिस नयी बालू, गिट्टी व मिट्टी उत्खनन नियमावली पर पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगायी है, उसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही अपील याचिका दायर कर दी जायेगी. तब तक पुरानी नियमावली के आधार पर बालू की बिक्री की जायेगी. उन्होंने सभी डीएम से कहा कि वह पुरानी नियमावली के आधार पर ही बालू का उठाव और बिक्री शुरू कराने से संबंधित कवायद शुरू करें. इसके लिए सभी जरूरी तैयारी करने का निर्देश जिलों को दिया है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक भी मौजूद थे. उन्होंने सभी डीएम से कहा कि इसमें किसी तरह की समस्या होने पर तुरंत विभाग से संपर्क किया जाये.
खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विनोद कुमार सिंह और विशेष सचिव सह निदेशक असंगबा चुबा आओ ने भी मंगलवार को कहा कि बिहार लघु खनिज नियमावली, 2017 पर हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक पुरानी नियमावली के अनुसार बालू, गिट्टी और मिट्टी के खनन और उसकी बिक्री की जाएगी. आमलोगों को ये आसानी से उपलब्ध हो सकें, इसका प्रयास किया जा रहा है. कोर्ट के आदेश की कॉपी अभी नहीं मिली है. इसे मिलते ही इसका अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना का निर्णय लिया जायेगा.
उन्होंने कहा कि योजनानुसार बुधवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बालू-गिट्टी के सभी खुदरा बिक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा.
मालूम हो िक नयी नियमावली में अवैध खनन और उसका कारोबार करने वालों पर नियम कड़े कर दिये गये हैं. इसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माना, पांच साल तक कैद और बंदोबस्त रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है. वहीं पुरानी नियमावली में कम सजा और जुर्माने का प्रावधान था. इसके तहत अवैध खनन में लिप्त अपराधियों पर पांच हजार रुपये जुर्माना या छह महीने की कैद का प्रावधान था.
अभी पुराने फॉर्मूले पर ही होगी बिक्री
नयी नियमावली में यह प्रावधान था कि राज्य सरकार बालू के थोक विक्रेता का काम करेगी और रिटेल बिक्री के लिए आम लोगों को लाइसेंस देगी. इस नियमावली को स्थगित करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है. जबकि पुरानी नियमावली में बालू के खनन करने से लेकर इसे बेचने तक का काम ठेका लेने वाली एजेंसी को ही करना था. जब तक सुप्रीम कोर्ट से इससे संबंधित कोई आदेश नहीं आ जाता, तब तक इसी फॉर्मूले पर बालू की बिक्री की जायेगी. यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि राज्य में आधारभूत संरचना से जुड़े तमाम निर्माण कार्य में बालू की किल्लत सामने नहीं आये.