पटना : खुले में शौच करनेवालों पर निगरानी रखने और सेल्फी लेने के बिहार सरकार के नये फरमान पर कई शिक्षक संघों ने आपत्ति जतायी है. सरकार के नये फरमान से विवाद उत्पन्न होने के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री ने भी खुले में शौच करनेवालों के साथ सेल्फी लेने को सही नहीं ठहराया है. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने बुधवार को कहा कि खुले में शौच के दोषी के साथ सेल्फी लेना अलग बात है. व्यक्तिगत रूप से मुझे यह पसंद नहीं है. हम चाहते हैं कि शिक्षक अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर समाज में जागरूकता लायें.
Clicking selfies with defaulters is different matter, personally I didn't like it. We just want teachers to exercise their influence in society & bring awareness.: #Bihar Education Minister on order stating teachers to keep a tab on open defecation defaulters pic.twitter.com/NQPpX7rzF4
— ANI (@ANI) November 22, 2017
शिक्षक संघ कर रहे हैं विरोध
सरकार के नये फरमान का कई शिक्षक संघों ने विरोध किया है. माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि यह शिक्षकों के पद और गरिमा का अपमान है. माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने स्पष्ट कहा है कि यह सरकार का आदेश नहीं, बल्कि पागलपन है. शिक्षकों को ऐसे कार्य में लगाना, उनकी गरिमा और पद को ठेस पहुंचाना है. साथ ही कहा कि ऐसे कार्यों से शिक्षकों की जान को खतरा भी है. संघ ने कहा है कि बिहार सरकार इस फरमान को तुरंत वापस ले, नहीं तो शिक्षक संघ इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखेगा. मालूम हो कि सभी बीईओ की तरफ से हाइस्कूल के शिक्षकों को निर्देश जारी किया गया है कि वे खुले में शौच करनेवालों को रोकेंगे और उनकी कठोर निगरानी करेंगे. इसके लिए शिक्षकों को ड्यूटी के लिए जहां पत्र भेजा गया है, वहीं प्रधानाध्यापकों को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है.