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ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का दिखा मिला-जुला असर

पटना : गुरुवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का सड़क पर मिला जुला असर दिखा. ट्रासंपोर्ट फेडरेशन ने शत प्रतिशत चक्का जाम का दावा किया था. लेकिन बाइपास पर ट्रक आते जाते दिखे. रात दस बजे के बाद नो इंट्री खत्म होने पर शहर के भीतर भी कई ट्रक दिखें, हालांकि इनकी संख्या पहले की तुलना […]

पटना : गुरुवार को ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का सड़क पर मिला जुला असर दिखा. ट्रासंपोर्ट फेडरेशन ने शत प्रतिशत चक्का जाम का दावा किया था. लेकिन बाइपास पर ट्रक आते जाते दिखे. रात दस बजे के बाद नो इंट्री खत्म होने पर शहर के भीतर भी कई ट्रक दिखें, हालांकि इनकी संख्या पहले की तुलना में बहुत कम थीं. प्रदेश में 1.35 लाख ट्रक पंजीकृत है जबकि बाहर से हर दिन 10 हजार ट्रक यहां आते और उतने ही यहां से जाते हैं. एक अनुमान के अनुसार इनमें से 70 से 80 फीसदी गुरूवार को आहूत हड़ताल के पहले दिन बंद रहे.
सौ फीसदी सफलता का दावा : ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ने हड़ताल की सौ फीसदी सफलता का दवा किया. ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कस फेडरेशन एवं बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन की होटल सीटी सेंटर में आयोजित संयुक्त बैठक के बाद बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि पूर्व घोषित मांगों को लेकर गुरुवार से शुरू उनका हड़ताल शत प्रतिशत सफल रहा. पटना में दानापुर से बिहटा और मनेर तक ट्रकों का लाइन लग गया है.
फल-सब्जी और मछली वाले ट्रकों को छूट : गुरुवार को शुरू ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के दौरान फल-सब्जी और मछली जैसे खराब होने वाली चीजों को ले जा रही ट्रकों को चक्का जाम से छूट दी गई. ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोट्र वर्कस फेडरेशन के महासचिव राजकुमार झा ने कहा कि यह छूट केवल पहले दिन के लिए दी गई क्योंकि इन वस्तुओं के समय पर नहीं पहुंचने से ये खराब हो जातीं, जिससे ट्रांसपोर्टरों को नुकसान होता. लेकिन अगले दिन से ऐसी कोई छूट नहीं दी जायेगी.
दो दिन बाद दिखेगा असर
ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. इसका असर बाजार पर एक दो दिनों बाद दिखेगा और फल सब्जियों समेत कई जरूरी चीजों के मूल्य मेंं ईजाफा होगा.
ट्रांसपोर्ट नगर : इसके भीतर व आसपास लगभग तीन हजार ट्रक खड़े थे. कुछ ट्रक आ जा भी रहे थे, लेकिन ज्यादातर को खड़े कर चालक व खलासी इधर उधर आराम फरमा रहे थे. एक अव्यवस्था का माहौल था.
बाजार समिति : यहां लगभग 500 ट्रक खड़े थे. इनमें कुछ ट्रकों से फलों, सब्जियों व मछली को अनलोड किया जा रहा था जबकि बाकी खाली थे.
अन्य जिलों में भी असर
तिरहुत कमिश्नरी ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के संतोष कुमार के नेतृत्व में वहां एक भी ट्रक का चक्का नहीं हिला. सीमांचल ट्रक ऑपरेटर संघ के नेतृत्व में सीमांचल के जिलों में भी ट्रकों का परिचालन ठप रहा. भागलपुर में विरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में हड़ताल सौ फीसदी सफल रहा.
बाहर से आये कम ट्रक
ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कस फेडरेशन और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कॉग्रेस ने अपने अन्य राज्य इकाईयों से भी आग्रह किया है कि वे बिहार में आंदोलन कर रहे ट्रांसपोर्ट कर्मियों के पक्ष में वहां अपने ट्रकों को नहीं भेजें. उनके आहवान के कारण बाहर से आने वाली हजारों ट्रकें बिहार नहीं आई. पश्चिम बंगाल के रामपुर हाट से पत्थर-गिट्टी लेकर मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, लखीसराय, अररिया, जमुई और बड़हरवा आने वाले 1000 ट्रक बंद रहे.

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