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कोर्ट ने हर घर नल और पक्की गली व नाली योजना पर सुरक्षित रखा फैसला
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल-जल एवं पक्की गली-नाली योजना में सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन के प्रावधानों को चुनौती देने वाली योजना पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ […]
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल-जल एवं पक्की गली-नाली योजना में सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन के प्रावधानों को चुनौती देने वाली योजना पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की. गौरतलब है कि राज्य सरकार की सात निश्चय योजना में बिहार सरकार ने अगले पांच साल में साफ पानी की पाइप लाइन बिछाने की योजना बनायी थी. इसके अलावा सरकार ने 165 लाख रुपये ग्रामीण और शहरी इलाकों में शौचालय निर्माण करने की भी योजना बनायी है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था की अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं.
पटना. हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक एवं बिहार ग्रामीण बैंक में निकाले गये 1172 विभिन्न पदों के लिए निकाले गये विज्ञापन के आधार पर चयनित आवेदकों को बहाल करने का निर्देश दिया है. बैंकों द्वारा सफल अभ्यर्थियों को बहाल करने से इंकार कर दिया गया था.
जस्टिस ज्योतिशरण की एकलपीठ ने गौरव कुमार सिंह एवं अन्यकी ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई पूरी कर सुरक्षित रखे आदेश में मंगलवार को अपना फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि कई ग्रामीण बैंकों में 1172 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसके लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आईबीपीएस द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करते हुए आवेदन पत्र भरा एवं परीक्षा फीस जमा की. इन पदों के लिए संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा ली गयी. वहीं बाद में बैंकों द्वारा पदों की संख्या शून्य दिखाया गया. अभ्यर्थियों ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर किया था.
बीएड नामांकन फीस पर गुरुवार को सुनवाई : हाईकोर्ट ने बीएड के नामांकन में मनमानी फीस पर रोक लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर यूजीसी को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को निर्धारित की है. जस्टिस चक्रधारीशरण सिंह की एकलपीठ ने प्रकाश बीएड कॉलेज के सचिव की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर यह निर्देश दिया.
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष पद मामले में मांगा रिकार्ड : बिहार बोर्ड के अध्यक्ष पद पर प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर की दोबारा नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से नियुक्ति से संबंधित रिकार्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने शिव प्रकाश राय की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को उक्त निर्देश दिया.
वकीलों से मारपीट की घटना की जांच करेगी सीआईडी : उच्च न्यायालय ने भागलपुर स्थित व्यवहार न्यायालय में 17 अक्तूबर को पुलिस द्वारा वकीलों की पिटाई पर गंभीरता दिखाते हुए मामले की जांच सीआईडी से कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मामले में की गयी कार्रवाइयों का ब्योरा चार सप्ताह के भीतर अदालत में प्रस्तुत करने काे भी कहा. मंगलवार को चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिया.
चारा घोटाला मामले में सरकारी गवाह की गवाही पूरी : चारा घोटाला मामले में मंगलवार को पटना की सीबीआइ तृतीय की अदालत मेंसरकारी गवाह शैलेश प्रसाद की गवाही पूरी हो गयी. गवाही के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अधिवक्ता ने जिरह किया.
यहां बता दें कि सरकारी गवाह ने अपनी गवाही में कहा है कि डायरेक्टर बीएम शर्मा के स्थानांतरण को रोक वाने के लिए 20 लाख रुपये खर्च हुए थे. यह पैसा तत्कालीन एमएलए राजो सिंह ने ऊपर से नीचे तक मैनेज करने के नाम पर लिया था और स्थानांतरण रोकवाने के लिए तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद द्वारा स्थगन आदेश पत्र जारी हुआ था. गौरतलब है कि चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्रा, आरके राणा समेत 28 लाेग अभियुक्त हैं.
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