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बिहार कैबिनेट के फैसले : कर्मियों के खिलाफ लंबित मामलों का निबटारा छह माह में

विभागों में संयुक्त अपर सचिव रैंक के रिटायर्ड अधिकारियों का बनेगा पैनल पटना : राज्य सरकार ने सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ लंबित पड़ी विभागीय कार्यवाही का जल्द निबटारा करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू की है. इसके तहत संबंधित विभागों में एक पैनल तैयार किया जायेगा, जिसमें संयुक्त और अपर […]

विभागों में संयुक्त अपर सचिव रैंक के रिटायर्ड अधिकारियों का बनेगा पैनल
पटना : राज्य सरकार ने सभी स्तर के सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ लंबित पड़ी विभागीय कार्यवाही का जल्द निबटारा करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू की है. इसके तहत संबंधित विभागों में एक पैनल तैयार किया जायेगा, जिसमें संयुक्त और अपर सचिव रैंक के अलावा अन्य स्तर के रिटायर्ड अधिकारी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि कुल 22 एजेंडों पर मुहर लगी. उन्होंने कहा कि सरकारी सेवकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का जल्द निबटारा करने के लिए संबंधित विभागों में रिटायर्ड अधिकारियों का एक पैनल तैयार किया जायेगा. पैनल को लंबित मामलों का निबटारा चार से छह महीने में करना होगा.
बदले में सरकार इन्हें एक निर्धारित मानदेय देगी. अगर चार महीने के अंदर मामलों का निबटारा कर दिया जाता है तो संयुक्त सचिव या इसके समकक्ष पदाधिकारियों को 45 हजार और अपर सचिव या समकक्ष पदाधिकारियों को 36 हजार रुपये प्रति महीने की दर से मानदेय दिया जायेगा.
अगर मामलों का निबटारा छह महीने में करते हैं तो संयुक्त सचिव को 36 हजार और अपर सचिव को 30 हजार रुपये दिये जायेंगे. इसके अलावा इन्हें 15 हजार रुपये परिवहन भत्ता भी दिया जायेगा. संविदा पर इनकी बहाली मुख्य रूप से लंबित पड़े मामलों का निबटारा करने के लिए ही किया जायेगा.
बरौनी उर्वरक प्लांट के लिए एचयूआरएल को स्टांप ड्यूटी में िमली छूट
बरौनी उर्वरक प्लांट को फिर से स्थापित करने के लिए हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रस्तावित 480 एकड़ भूमि लीज एग्रीमेंट को 55 वर्षों के लिए हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) को स्थानांतरित कर दिया गया है. इसमें लगने वाले स्टांप शुल्क 216 करोड़ रुपये की छूट की स्वीकृति दी गयी है. इससे कंपनी को बड़ी राहत मिलेगी.
बिजली डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम दुरुस्त करने के िलए 1097 हजार
कैबिनेट की बैठक में बिजली वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए Rs 1000 करोड़ से ज्यादा की योजना मंजूर की गयी.
इसके अलावा 400 केवी के तीन ग्रिड उपकेंद्र सीतामढ़ी, सहरसा और चंदौती से संबंधित डॉउनलिंक डिस्ट्रीब्यूशन के निर्माण के लिए Rs 1409 करोड़ और 33 केवी एवं 11 केवी लाइन के जीर्णोद्धार एवं नवीकरण के लिए Rs 3070 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की गयी. 400 केवी के बख्तियापुर स्थित जीआइएस सब-स्टेशन को Rs 664 करोड़ और और बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड की योजना के लिए Rs 1688 करोड़ जारी किये गये हैं.
2018 में राज्यकर्मियों को दो छुट्टियां कम
वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में राज्यकर्मियों को 36 की जगह 34 छुट्टियां ही मिलेंगी. दिनों की बात की जाये तो पांच दिनों की छुट्टी कम मिलेगी.
इसका कारण वर्ष 2018 में गुरु गोविंद सिंह महाराज के 350वें प्रकाश पर्व और चंपारण महोत्सव का आयोजन नहीं होना है. 2017 में इन अायोजनों के कारण क्रमश: तीन और दो दिनों की छुट्टी मिली थी.
इसके अलावा पर्व, त्योहारों व अन्य महोत्सवों में सरकारी छुट्टी सामान रूप से ही मिलेगी. मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में नये वर्ष की इन छुट्टियों की मंजूरी मिल गयी.
नये वर्ष में 15 बार ऐसे मौके आयेंगे, जब शनिवार या सोमवार को किसी आयोजन या पर्व की वजह से छुट्टी मिलेगी, जिससे लगातार दो या तीन दिनों की छुट्टी मिलेगी. हालांकि इस बार बहुत कम ऐसे मौके आयेंगे, जब किसी कारण से लगातार पांच या छह दिनों की छुट्टी बिताने का मौका मिल सकेगा. 2018 में गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन नहीं पड़ रहा है.
नये वर्ष में कर्मचारियों को कुल 55 दिनों की छुट्टियां मिलेंगी. इनमें चार-पांच मौके ही ऐसे आयेंगे, जब रविवार को किसी त्योहार या आयोजन की छुट्टी पड़ रही है. इनमें कई छुट्टियां एनआई (निगोशिएबुल इंट्रूमेंटेशन) एक्ट वाली भी हैं. अन्य छुट्टियां सामान्य दिनों से पड़ने से छुट्टी का पूरा आनंद ले सकेंगे.
कृषि समन्वयकों का मानदेय ‍Rs 15,000 से बढ़कर Rs 32,000
कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में तकनीकी सहयोग के लिए संविदा पर नियोजित कृषि समन्वयकों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 32 हजार कर दिया गया है. इनकी संख्या 2745 है.
अब मजदूरों का न्यूनतम वेतन Rs 14,800
सातवें वेतनमान आयोग की अनुशंसाएं लागू होने के बाद मजदूरों या नियमित मजदूरों के लिए भी वेतनमान तय कर दिया गया है. इनके लिए माइनस एक (-1) नाम से एक नया सैलरी स्लैब या वेतन मैट्रिक्स बनाया गया है. इसके तहत अब मजदूरों को न्यूनतम 14,800 रुपये वेतन मिलेगा. लेबल-2 वाले मजदूरों का न्यूनतम वेतन 15,200 रुपये निर्धारित किया गया है. वर्तमान में एक नंबर वेतन मैट्रिक्स से चतुर्थवर्गीय रैंक के कर्मियों का स्लैब शुरू होता है.
अन्य अहम फैसले
विश्वविद्यालयों में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा भी सामान्य डॉक्टरों की तरह 65 वर्ष से बढ़ा कर 67 वर्ष कर दी गयी है. ऐसे डॉक्टरों की संख्या करीब 16 है.
पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 115 करोड़ रुपये जारी.
सहरसा, पूर्णिया और मुंगेर में एक-एक नये प्राक परीक्षा केंद्र का संचालन वर्ष 2017-18 से और गया, सारण, मुजफ्फरपुर एवं भोजपुर में प्राक परीक्षा प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन के लिए एक-एक पद की स्वीकृति दी गयी.
पटना स्थित चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान परिसर में स्टूडेंट गाइडेंस सेंटर प्रशिक्षण केंद्र के संचालन को भी स्वीकृति.
कर्मनाशा नदी पर जैतपुरा पंप नहर योजना के निर्माण कार्य के लिए 39.43 लाख रुपये.
बिहार कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सा पदाधिकारी संवर्ग नियमावली- 2017 की स्वीकृति.
नवसृजित राजकीय पॉलिटेक्निक के लिए प्रशाखा पदाधिकारी के तीन और सहायक के 12 पदों का सृजन. तीन उच्चवर्गीय और तीन निम्नवर्गीय लिपिक के स्थान पर छह डाटा इंट्री ऑपरेटर और छह कार्यालय परिचारी की सेवा ऑउटसोर्सिंग से लेने की मंजूरी दी गयी है.
मनरेगा में वर्ष 2017-18 के लिए सहायक अनुदान के रूप में राज्यांश के तहत पर 334 करोड़ रुपये जारी.
-राजगीर में बन रही बिहार पुलिस अकादमी के बचे कार्य को पूरा करने के लिए 290 करोड़ रुपये जारी.

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