प्रधान सचिव श्री मीणा की ओर से जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि गया, जहानाबाद, अरवल, जमुई और वैशाली ऐसे जिले हैं जहां पांच फीसदी ही वसूली हो पायी है. मुंगेर, पूर्णिया, किशनगंज, औरंगाबाद और वैशाली एेसे जिले हैं जिनकी उपलब्द्धि 10 फीसदी तक ही है. पटना, नवादा, भागलपुर, लखीसराय, अररिया, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी शिवहर, मधुबनी, बेतिया और मोतिहारी की उपलब्धि 20 फीसदी व रोहतास में 40 फीसदी वसूली हुई है. नालंदा, आरा, बक्सर, कैमूर, बांका, शेखपुरा, गोपालगंज, खगड़िया, और समस्तीपुर में कम वसूली हुई है.
Advertisement
ऋण देने में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फिसड्डी
पटना : अल्पसंख्यक बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने की कवायद पूरी होती नहीं दिख रही है. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत चलने वाले अल्पसंख्यक वित्त निगम के आंकड़ों से तो यही लगता है. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की प्रगति की नब्ज टटोली गयी तो निराशा हाथ लगी है. हालांकि, इसको लेकर अल्पसंख्यक विभाग के […]
पटना : अल्पसंख्यक बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने की कवायद पूरी होती नहीं दिख रही है. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत चलने वाले अल्पसंख्यक वित्त निगम के आंकड़ों से तो यही लगता है. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की प्रगति की नब्ज टटोली गयी तो निराशा हाथ लगी है. हालांकि, इसको लेकर अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री खुर्शीद अहमद गंभीर हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते ही बैठक करके ऋण वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिये थे. साथ ही, यह भी कहा था कि हर स्तर से छानबीन जरूर कर ली जाये, ताकि अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंच सके. वर्ष 2017-18 में किसी को भी लाभान्वित नहीं किया गया है.
आंकड़े दे रहे गवाही
बिहार विकास मिशन ने 26 सितंबर को सभी विभागों की समीक्षा की थी. इसमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की भी बारी आयी. इसमें प्रदर्शन निराशाजनक मिला. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की प्रगति की समीक्षा में पाया गया कि वर्ष 2016-17 में सात हजार का लक्ष्य था. इसमें 460 आवेदकों को ही रोजगार ऋण योजना से लाभान्वित किया गया है. वर्ष 2017-18 में किसी को भी लाभान्वित नहीं किया गया है. तीन नवंबर तक भी स्थिति यही मिली है. लोन देने का खाता तक नहीं खुल सका है. यह भी जानकारी मिली है कि इस वित्तीय वर्ष के लिये सरकार ने सौ करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. इस योजना के तहत एक से पांच लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है.
कैंप लगाकर बांटा जायेगा ऋण
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री खुर्शीद अहमद ने कहा कि समीक्षा बैठक के बाद निर्देश दे दिया गया है कि कैंप लगाकर ऋण वितरित किया जाये, ताकि आवेदकों को भटकना न पड़े. संबंधित सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी एक जगह बैठें और ऋण की औपचारिकता पूरी करायें. इसका पूरा कार्यक्रम लगभग तैयार हो गया है.
ऋण वसूली के लिए डीएम को लिखेगा सहकारिता विभाग
केंद्रीय सहकारी बैंकों के बकाये ऋण में वसूली के लिए सहकारिता विभाग सक्रिय हो गया है. सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा से इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है. अक्टूबर तक लक्ष्य 777.11 करोड़ के विरूद्ध मात्र 158.91 करोड़ की वसूली हुई है. चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक 60 फीसदी वसूली का लक्ष्य रखा गया है. सीवान और बेगूसराय ही ऐसा जिला है जहां 60 फीसदी से अधिक वसूली हुई है. सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को नीलाम पत्र पदाधिकारी की शक्ति दी गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement