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चारा घोटाला : 20 लाख खर्च किये गये थे स्थानांतरण रोकने को
पटना : चारा घोटाले के एक मामले में पटना सीबीआइ-3 की अदालत में मुख्य आपूर्तिकर्ता तथा मामले के 52वें गवाह शैलेश प्रसाद सिंह की गवाही हुई कलमबंद हुई. शैलेश प्रसाद सिंह खुद ही इस मामले में अभियुक्त रह चुका है. गवाही के क्रम में शैलेश प्रसाद सिंह ने चारा घोटाले में फर्जी बिल के माध्यम […]
पटना : चारा घोटाले के एक मामले में पटना सीबीआइ-3 की अदालत में मुख्य आपूर्तिकर्ता तथा मामले के 52वें गवाह शैलेश प्रसाद सिंह की गवाही हुई कलमबंद हुई. शैलेश प्रसाद सिंह खुद ही इस मामले में अभियुक्त रह चुका है.
गवाही के क्रम में शैलेश प्रसाद सिंह ने चारा घोटाले में फर्जी बिल के माध्यम से राशि का निकासी, गबन आदि की जानकार दी. बताया कि फर्जी तरीके से बिल बना कर कोषागार से सरकारी राशि गबन की गयी थी. मामले के मुख्य आरोपी डॉ बीएन शर्मा व श्याम बिहारी सिन्हा ने फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर घोटाले को अंजाम तक पहुंचाया. वर्ष 1996 से पूर्व डॉ बीएन शर्मा का स्थानांतरण स्थगित करने का आदेश देने के नाम पर 20 लाख रुपये खर्च किये गये थे.
इस राशि को ऊपर के पदाधिकारियों समेत राजनेताओं को भी पहुंचाया गया था. उन्होंने अदालत को बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के हस्ताक्षर से डॉ बीएन शर्मा के स्थानांतरण पर स्थगन का आदेश का पत्र जारी किया गया था. गौरतलब है कि सरकारी गवाह शैलेश कुमार सिंह को सीबीआइ ने 14 मामलों में अभियुक्त बनाया था.
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