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अल्पसंख्यक निगम के सर्वाधिक कर्जदार हैं पटना प्रमंडल में संवाददाता4 पटना
पटना : अगर हालात यही रहे तो बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लिमिटेड कंगाल हो जायेगा. मुख्यमंत्री रोजगार ऋण योजना के तहत अल्पसंख्यकों को हाथ खोलकर कर्ज बांटा गया. सरकार की मंशा थी कि बेरोजगार अल्पसंख्यक इन पैसों से आत्मनिर्भर बनकर सरकार का कर्ज धीरे-धीरे चुका देंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. विभागीय आंकड़ों के अनुसार […]
पटना : अगर हालात यही रहे तो बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लिमिटेड कंगाल हो जायेगा. मुख्यमंत्री रोजगार ऋण योजना के तहत अल्पसंख्यकों को हाथ खोलकर कर्ज बांटा गया. सरकार की मंशा थी कि बेरोजगार अल्पसंख्यक इन पैसों से आत्मनिर्भर बनकर सरकार का कर्ज धीरे-धीरे चुका देंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. विभागीय आंकड़ों के अनुसार नौ प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में करीब 2189.29 लाख रुपये बकाया हैं. डिफॉल्टरों की सूची देखें तो सबसे ऊपर के पायदान पर पटना प्रमंडल है. यहां के 225 डिफॉल्टरों के खिलाफ निगम ने मुकदमा दर्ज कराया है.
1089 मुकदमे दर्ज कराये
ऐसा कतई नहीं है कि बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि. हाथ पर हाथ धरे बैठा है. विभागीय स्तर पर हर तरह के प्रयास किये जा रहे हैं. नोटिस जारी करने से बात नहीं बनी तो बात मुकदमा दर्ज कराने तक पहुंच गयी. निगम ने प्रदेश के नौ प्रमंडलों के डिफॉल्टरों के खिलाफ एनआई एक्ट 138 के तहत 1089 मुकदमे दर्ज कराये हैं.
दायर मुकदमों की संख्या
पटना प्रमंडल के 225 डिफॉल्टर के खिलाफ दर्ज कराया गया है मुकदमा .
पटना 225
दरभंगा 175
पूर्णिया 182
मगध 183
कोसी 29
भागलपुर 44
तिरहुत 146
मगध 183
सारण 65
मुंगेर 40
1089 मुकदमे दर्ज कराये गये हैं. इतना ही नहीं, 157 मुकदमों में डिफॉल्टरों ने समझौता भी किया है. आने वाले दिनों में विभाग इससे भी ज्यादा सख्त रुख अपनायेगा. अच्छा यही होगा कि समय से सभी कर्जदार ऋण चुका दें.
-अरशद अजीज, प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि..
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