पटना: 24 वर्षीय काजल कुमारी की शादी वर्ष 2013 में हाजीपुर में हुई. शिक्षक के पद पर कार्यरत पिता ने बेटी की जिदंगी खुशहाल करने की हरसंभव कोशिश की और वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग को भी पूरा किया. ताकि, बेटी खुश रह सके, पर दहेज लोभियों की भूख कहां मिटनेवाली थी. […]
पटना: 24 वर्षीय काजल कुमारी की शादी वर्ष 2013 में हाजीपुर में हुई. शिक्षक के पद पर कार्यरत पिता ने बेटी की जिदंगी खुशहाल करने की हरसंभव कोशिश की और वर पक्ष की ओर से दहेज की मांग को भी पूरा किया. ताकि, बेटी खुश रह सके, पर दहेज लोभियों की भूख कहां मिटनेवाली थी. वह शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे. शुरुआत में काजल चुपचाप सहती रही, पर जब हिंसा बर्दाश्त से बाहर हो गयी, तो उसने महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी.
ये तो महज उदाहरण मात्र है. ऐसी कई बेटियां हैं, जो आज भी दहेज प्रताड़ना की शिकार हो रही हैं. लगातार बेटियां कभी दहेज हत्या के नाम पर तो कभी दहेज प्रताड़ना के नाम पर शोषण की शिकार हो रही है. हालांकि, शराबबंदी के बाद सरकार अब इसके खिलाफ मुहिम छेड़ चुकी है. लेकिन, दहेज प्रताड़ना और हत्या की बढ़ती घटनाएं निश्चित तौर पर यह बता रही है कि अब भी रास्ते में कई चुनौतियां है. महिला हेल्पलाइन के पिछले दस वर्षों में बिहार में 5083 मामले दहेज प्रताड़ना के दर्ज किये गये हैं. वहीं, दहेज हत्या के कुल 228 मामले दर्ज किये गये हैं.
पटना जिले की बात हो, तो ये आंकड़े 763 है और हत्या के कुल 20 मामले दर्ज किये गये हैं. वर्ष 2012 के बाद तो इनकी संख्या लगातार बढ़ने लगी है. इतना ही नहीं, बिहार राज्य महिला आयोग के वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक 225 मामले दहेज हत्या के दर्ज किये गये और दहेज उत्पीड़न के कुल 807 मामले दर्ज किये गये. आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में दहेज हत्या और प्रताड़ना के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. महिला हेल्पलाइन की काउंसेलर सरिता सजल बताती हैं कि हाल के दिनाें में महिलाएं सजग हुई है. अब वे अपने ऊपर होनेवाले हिंसा का वह विरोध कर रही है. शिकायत दर्ज करा रही है. यही कारण है कि बीते चार-पांच वर्षों में आंकड़े भी बढ़ गये हैं.
दहेज हत्या के वर्षवार आंकड़े
वर्ष देहज प्रताड़ना
2010 68
2011 89
2012 90
2013 94
2014 104
2015 93
2016 111
2017 114
इस पर विभाग की पूरी नजर है. जिलों में इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं कि यदि थाने में दहेज हत्या या फिर प्रताड़ना की शिकायत दर्ज की जाती है, तो इस पर तत्काल कार्रवाई की जाये. एसपी और डीएसपी स्तर पर मामले में अक्सर संज्ञान लिया जाता है.
रूपेश कुमार, परियोजना निदेशक, महिला विकास निगम
शराबबंदी अभियान की तरह ही राज्य सरकार को दहेज कानून को सख्ती से लागू करने की जरूरत है. साथ ही उसे गांव-गांव अभियान चला कर जागरूक किया जाये. तभी समाज में दहेज प्रताड़ना और हत्या मामले में रोक लग पायेगी और समाज आगे बढ़ेगा
रणधीर कुमार सिंह, समाजशास्त्री, पटना विवि