पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर के ताजपुर थाना क्षेत्र में हुई घटना को दुखद बताया है. उन्होंने पूरी घटना की जांच के निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त और दरभंगा प्रक्षेत्र के डीआईजी को घटनास्थल स्थल पर जाकर मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. उन्होंने जांच कर जल्द-से-जल्द […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर के ताजपुर थाना क्षेत्र में हुई घटना को दुखद बताया है. उन्होंने पूरी घटना की जांच के निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त और दरभंगा प्रक्षेत्र के डीआईजी को घटनास्थल स्थल पर जाकर मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. उन्होंने जांच कर जल्द-से-जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
इधर पुलिस मुख्यालय ने घटना की सीधी मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने कहा कि पूरे मामले का सही कारण पता करने और इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए तिरहुत के कमिश्नर और डीआईजी को मौके पर रवाना कर दिया गया है. दोनों उच्च अधिकारी उस समय तक समस्तीपुर में ही कैंप करेंगे, जब तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हो जाती
मुख्यमंत्री ने दिया…
और पूरे घटनाक्रम की जांच पूरी नहीं हो जाती है. हंगामे की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुजफ्फरपुर और दरभंगा से अतिरिक्त पुलिस बलों को समस्तीपुर भेजा गया है. सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को पूरी तरह से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गयी है.
पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि इस मामले में अगर किसी पदाधिकारी का भी नाम या लापरवाही सामने आती है, तो उन कार्रवाई की जायेगी. घटना का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि दवा कारोबारी जनार्दन प्रसाद की हत्या 18 अक्तूबर की रात कर दी गयी थी. इस मामले में शुरुआत में जो एफआइआर दर्ज की गयी थी, वह अज्ञात लोगों के खिलाफ था. लेकिन बाद में इसमें कुछ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. कुछ लोगों ने शुक्रवार को भी बाजार बंद कराने की कोशिश की. इस पर पथराव हो गया. इस दौरान पुलिस और पब्लिक के बीच हुई भिड़ंत में फायरिंग करनी पड़ी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. फायरिंग को लेकर भी यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस की तरफ से या किसी ने भीड़ का फायदा उठा कर गोली चला दी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. इस मामले की भी जांच चल रही है.
भीड़ देख रुक गया था जितेंद्र
फायरिंग में मारे गये जितेंद्र प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था. वह मोबाइल सिम का कारोबार करता था. उनके भतीजे दिलीप कुमार ने बताया कि काम के सिलसिले में ही गांव से आये थे. इसी दौरान थाने में भीड़ देख कर वह रुक गया और उसके सीने में गोली लगी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी.