बिहार बोर्ड : सहरसा का है मामला
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अपर समाहर्ता व वरीय उप समाहर्ता से स्पष्टीकरण
बिहार बोर्ड : सहरसा का है मामला छात्रा का आरोप, बोर्ड ने खराब किया रिजल्ट हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करेगा बिहार बोर्ड पटना : छात्रा के रिजल्ट में गड़बड़ी पर हाइकोर्ट की पांच लाख जुर्माने की कार्रवाई के बाद बिहार बोर्ड भी हरकत में आया है. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद […]
छात्रा का आरोप, बोर्ड ने खराब किया रिजल्ट
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करेगा बिहार बोर्ड
पटना : छात्रा के रिजल्ट में गड़बड़ी पर हाइकोर्ट की पांच लाख जुर्माने की कार्रवाई के बाद बिहार बोर्ड भी हरकत में आया है. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मामले की जांच को लेकर बनायी गयी टीम की रिपोर्ट के आधार पर सहरसा जिले के अपर समाहर्ता (सह चीफ सेक्रेसी पदाधिकारी) व वरीय उप समाहर्ता (उप मुख्य सेक्रेसी पदाधिकारी) से स्पष्टीकरण की मांग की है. इसके साथ ही बोर्ड के विधि पदाधिकारी तनुज वर्मा ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट के डबल बेंच में जाने की घोषणा की है. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि संज्ञान में आते ही इस मामले की जांच माध्यमिक परीक्षा नियंत्रक, आइटी उप निदेशक व तीन विषय विशेषज्ञों से करायी गयी थी.
जांच में पाया गया कि छात्रा की बारकोडिंग की प्रक्रिया तथा बारकोडिंग के बाद फ्लाइंग स्लिप फाड़ कर अलग करने की प्रक्रिया पूरी तरह ठीक तरीके से संपादित की गयी थी. लेकिन बारकोडिंग के बाद किसी कर्मी द्वारा प्रियंका सिंह एवं एक अन्य छात्रा की फ्लाइंग स्लिप निकाल कर उसमें छेड़छाड़ की गयी. गौरतलब है कि सहरसा के डीडी हाई स्कूल सगडिहा की छात्रा प्रियंका सिंह ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि पहले तो परीक्षा समिति ने जबरन उसका रिजल्ट खराब किया और फिर पुर्नमूल्यांकन में भी न्याय नहीं किया. उसे संस्कृत में नौ और विज्ञान में महज सात अंक दिये गये. अदालत की सख्ती के बाद छात्रा की मूल कॉपी अदालत में पेश की गयी तो उसे विज्ञान में 80 और संस्कृत में 61 अंक मिले. दरअसल किसी ने उसकी मूल कॉपी ही बदल दी थी. इसके बाद हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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