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मिसाल : दुनिया से जाने के बाद भी चार लोगों की दुनिया को रोशन कर जायेंगे धवल जायसवाल

पटना: दुनिया में कुछ शख्स ऐसे भी होते हैं जो मरने के बाद भी लोगों के जीवन में रोशनी बिखेरते हैं. ऐसे ही एक 24 साल के युवा धवल जायसवाल का नाम आईजीआईएमएस अस्पताल में सामने आया है, जो मौत के बाद चार लोगों का आंखों को रोशनी देगा. दुमका झारखंड का रहने वाला 24 […]

पटना: दुनिया में कुछ शख्स ऐसे भी होते हैं जो मरने के बाद भी लोगों के जीवन में रोशनी बिखेरते हैं. ऐसे ही एक 24 साल के युवा धवल जायसवाल का नाम आईजीआईएमएस अस्पताल में सामने आया है, जो मौत के बाद चार लोगों का आंखों को रोशनी देगा. दुमका झारखंड का रहने वाला 24 साल का धवल जायसवाल सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया.

उसको बुधवार को आईजीआईएमएस में भर्ती किया गया जहां वह इमरजेंसी में वेंटिलेटर पर है. डॉक्टरों ने धवल को ब्रेनडेड घोषित कर दिया है. अस्पताल प्रशासन के अनुरोध पर धवल के परिजन उसकी मौत के बाद कॉर्निया दान करने पर राजी हुए हैं. ऐसे में धवल के दोनों आंख से चार लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर लगाया जायेगा.

इस तरह मिलेगी दो कॉर्निया से चार लोगों को रोशनी
आईजीआईएमएस नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डॉ विभूति प्रसाद सिन्हा ने कहा कि पहले एक कॉर्निया से एक व्यक्ति को ही रोशनी मिलती थी, लेकिन अब एक कॉर्निया ट्रांस्पलांट से दो और दो कॉर्निया ट्रांसप्लांट से चार लोगों की आंखों को रोशनी दी जा सकती है. उन्होंने बताया कि कॉर्निया में छह लेयर की खोज हो चुकी है. अब पूरे कॉर्निया को बदलने की जरूरत नहीं है. कॉर्निया के जिस लेयर में गड़बड़ी है उसी लेयर को बदल दिया जाता है. यानी एक कॉर्निया से दो लोगों को आंखों की रोशनी मिल जाती है. उन्होंने कहा कि नेत्रदान के प्रति लोगों को आगे आना चाहिए. देश में करीब दो लाख कॉर्निया की जरूरत है, लेकिन हर साल 40 हजार ही कॉर्निया मिल पाता है. एक लाख 60 हजार कॉर्निया का बैकलॉग चल रहा है.

परिजन बोले-हमारे लिए हीरो था बेटा
धवल के माता-पिता का कहना है कि वह हमारे लिए एक तरह से हीरो था. स्कूल में वह पढ़ने लिखने से साथ हर चीज में टैलेंटेड था. उसके जीवन का लक्ष्य देश की सेवा कर अपना व अभिभावकों का नाम रोशन करना था. वह दूसरों की सेवा के लिए भी हमेशा तत्पर रहता था. यह बच्चे के माता-पिता के लिए ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए खुशी की बात है कि एक बच्चे की मौत होने पर पांच लोगों को जिंदगी मिली है.

अंगदान पर राजी हुए, तो पांच लोगों को मिलेगी जिंदगी
आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल प्रशासन परिजन से अंगदान के लिए भी अनुरोध कर रहे हैं. अगर परिजन अंगदान पर राजी हुए तो उसकी दो आंखें, गुर्दे व एक लिवर दान के रूप में लिये जायेंगे. शरीर के इन अंगों से 3 बच्चों व 2 अन्य युवकों को नया जीवनदान मिला सकता है. अस्पताल प्रशासन को उम्मीद है कि धवल के परिजन राजी हो सकते हैं. इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन ने अंगदान कमेटी को इसकी सूचना भी दे दी है. अगर अंगदान होता है तो आईजीआईएमएस का यह पहला केस होगा जहां ब्रेन डेथ से पांच लोगों को जिंदगी मिलेगी.

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