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2022 तक देश की हर थाली में होगा बिहार का एक व्यंजन, सरकार ने बनायी यह स्कीम

पटना : बिहार सरकार ने 2017-2022 के कृषि रोड मैप के लिए 154635.69 करोड़ रुपये की लगात पर योजना कार्यान्वयन को मंजूरी आज प्रदान कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के अपर सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि […]

पटना : बिहार सरकार ने 2017-2022 के कृषि रोड मैप के लिए 154635.69 करोड़ रुपये की लगात पर योजना कार्यान्वयन को मंजूरी आज प्रदान कर दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के अपर सचिव उपेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने 2017-2022 के कृषि रोड मैप के लिए 154635.69 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान कर दी है. उन्होंने बताया कि कृषि रोड मैप के अंतर्गत कुल 12 विभाग कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन, ग्रामीण कार्य, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, सहकारिता, गन्ना उद्योग, राजस्व एवं भूमि सुधार, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ऊर्जा, पर्यावरण एवं उद्योग आते हैं.

पांडेय ने बताया कि 2017-2022 कृषि रोड मैप के तहत कृषि विभाग के लिए 21612 करोड़ रुपये, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के लिए 56865.91 करोड़ रुपये, ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 52935 करोड़ रुपये, जल संसाधन विभाग के लिए 24614.41 करोड़ रुपये, लघु जल संसाधन विभाग के लिए 25777 करोड़ रुपये, सहकारिता विभाग के लिए 6131.92 करोड़ रुपये, गन्ना उद्योग विभाग के लिए 1990 करोड रुपये, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए 432 करोड रुपये, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के लिए 2262 करोड रुपये, ऊर्जा विभाग के लिए 7070 करोड़ रुपये, पर्यावरण एवं उद्योग विभाग के लिए 2435.92 करोड़ रुपये तथा खाद्य प्रसंस्करण के लिए 4588 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं.

उन्होंने बताया कि कृषि रोड मैप 20172022 का प्रमुख उद्देश्य प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुंचना है. पांडेय ने बताया कि इस रोड मैप के कार्यान्वयन के फलस्वरुप खाद्य सुरक्षा, पोषण सुरक्षा, समावेशी विकास, किसानों की आमदनी में बढोत्तरी का उद्देश्य भी पूरा होगा. उन्होंने बताया कि कृषि रोड मैप कार्यक्रमों में ऐसी तकनीक पर जोर दिया जायेगा जो वर्तमान की आवश्यकता की पूर्ति करेगा साथ ही भविष्य के अवसर भी अक्षुण्ण रहेंगे. पांडेय ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्यवन में तकनीकी सहयोग करने के लिए कुल 4391 कृषि समन्वयकों के सृजित पदों के विरुद्ध 2745 नियोजित कृषि समन्वयकों के 11 माह तक या स्थायी नियुक्ति होने तक जो पहले आये, तब तक के लिए अवधि विस्तार प्रदान किये जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है.

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा इनामी चिट एवं धन परिचालन स्कीम :पाबंदी: अधिनियम 1978 के अधीन बिहार धन परिचालन स्कीम :पाबंदी: नियमावली 2017 को बिहार राज्य में अंगीकृत किए जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है. पांडेय ने बताया कि धन परिचालन स्कीमों पर पाबंदी लगाने का उद्देश्य है कि जहां माल या सेवाएं बेचने की आड़ में धन परिचालन स्कीमों को छद्म रुपों में लागू किया जा रहा है जिसमें प्रोत्साहक और अपलाइन ग्राहक, डाउन लाइन ग्राहकों की कीमत पर शीध्र या आसान धन बनाते हैं, उस पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने शिक्षित युवाओं को बिहार कौशल विकास के माध्यम कुशल टेक्नेशियन एवं कामगार के रुप में तैयार करने के लिए विभिन्न श्रेणी के पाठ्यक्रमों में 89664 युवाओं को तीन वर्षों में चरणबद्ध तरीके से वर्षवार प्रशिक्षण देकर स्वालंबी बनाये जाने को मंजूरी प्रदान की दी है.

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