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गैंडा संरक्षण में पटना दुनिया में नंबर 1

पटना : जू में इस बार राइनो ब्रीडिंग कंजर्वेशन सेंटर की मान्यता मिल गयी है, इसलिए राइनो के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है. यहां राइनो यानी गैंडा के संरक्षण में कोई कमी नहीं की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि राइनो ब्रीडिंग कंजर्वेशन सेंटर मास्टर प्लान के अंदर का […]

पटना : जू में इस बार राइनो ब्रीडिंग कंजर्वेशन सेंटर की मान्यता मिल गयी है, इसलिए राइनो के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है. यहां राइनो यानी गैंडा के संरक्षण में कोई कमी नहीं की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि राइनो ब्रीडिंग कंजर्वेशन सेंटर मास्टर प्लान के अंदर का प्रोजेक्ट है, जिसकी मान्यता मिल गयी है. हाल में इसकी मान्यता के साथ-साथ फंड भी पास हो गया है, इसलिए इस खास अवसर पर राइनो ब्रीडिंग कंजर्वेशन सेंटर का काम शुरू करने के लिए उद्घाटन किया गया.

पटना जू गैंडा के मामले में न सिर्फ देश में, बल्कि विश्व में नंबर वन पर काबिज है. दूसरे नंबर पर सेंटडियागो (अमेरिका) है. अपने देश के कई राज्यों में गैंडा की संख्या बहुत कम है. पटना जू में अभी राइनो की संख्या 12 है, जो बहुत बड़ी बात है. राइनो के बेहतर रख-रखाव व खासकर इसकी ब्रीडिंग के लिए यह सेंटर बनाया जा रहा है, ताकि प्रजनन प्रक्रिया सही तरीके से हो सके. इस जू में राइनो की संख्या अन्य कई जू से अधिक है, इसलिए इस कार्य को बेहतर तरीके से पूरा किया जायेगा.

पटना जू में कुछ दिनों पहले तक गैंडाें की संख्या दस थी, जो अब 12 पहुंच गयी है. इनमें छह नर व छह मादा हैं. इधर, दो महीने में दो नये गैंडे का जन्म हुआ है. जानकारी के मुताबिक यहां 8 जुलाई को नर गैंडा तथा 26 जुलाई को एक मादा गैंडा का जन्म हुआ था. दोनों गैंडा का स्वास्थ्य सही है. विश्व गैंडा दिवस पर इन दोनों का नामकरण किया गया है. नर गैंडा का नाम (शक्ति) और मादा गैंडा का नाम (राइन) रखा गया है. खास बात यह भी है कि अगले महीने तक एक और बच्चे का जन्म होने वाला है, जो कि जू के लिए खुशी की बात है. इसके बाद जू में गैंडाें की संख्या 13 हो जायेगी.

पटना जू के गैंडे (तब से अब तक)

1- हड़ताली- जन्म (8-7-1988) उम्र- 28 साल- मादा

2- रानी- जन्म ( 6-7-1991) उम्र-25 साल- मादा

3- अयोध्या- जन्म ( 27-12-1991) उम्र 24 साल- नर

4- गौरी- जन्म (8-8-2002) उम्र 14 साल- मादा

5- गणेश- जन्म( 19-9-2004) उम्र 12 साल- नर

6-लाली- जन्म(13-12-2005) उम्र 11 साल- मादा

7- शक्तिराज- जन्म( 30-10-2007) उम्र 9 साल- नर

8- एलेक्सन- जन्म(6-4-2009) उम्र सात साल- मादा

9- जम्बो- जन्म(11-11-2011) उम्र पांच साल- नर

10 विद्युत- जन्म(6-9-2013) उम्र तीन साल- नर

11- शक्ति- जन्म(8-7-2017) उम्र दो महीना- नर

12- राइन- जन्म(26-7-2017) उम्र दो महीना- मादा

क्या कहते हैं अधिकारी

राइनो की देखरेख में कोई कमी नहीं है. यहां हमेशा से राइनो की संरक्षण बेहतर रही है, इसलिए राइनो के मामले में इसका नाम विश्व स्तर पर है. इस खास कार्यक्रम में यहां कई अधिकारी आये हैं, जिनसे राइनो की देख-रेख व इसके प्रजनन से संबंधित कई तरह की बातों पर ध्यान दिया गया.

कमलजीत सिंह, निदेशक, पटना जू

पटना जू में गैंडे का इतिहास

पहली बार 28 मई 1979 को असम से एक जोड़ा भारतीय गैंडा लाया गया था. नये जोड़े में नर कांछा की उम्र लगभग दो वर्ष एवं मादा कांछी की उम्र लगभग 5 वर्ष थी. इसके तीन साल बाद 28 मार्च 1982 को तीसरा गैंडा नर एक वर्ष के (राजू ) को बेतिया से राहत बचाव कार्यक्रम के तहत लाया गया. इसके बाद राजू और कांछी के मिलन से 8 जुलाई 1988 को एक मादा गैंडा का जन्म हुआ, जिसके बाद फिर दोनों के साथ यह कार्य दोहराया गया.

इसके बाद एक फिर मादा गैंडा का जन्म 8 जुलाई 1991 में हुआ. इसके बाद एहसास हो गया कि इस उद्यान में गैंडा प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण है. 1991 तक यहां कुल पांच गैंडे हो गये थे. इसके बाद असम से प्राप्त नर गैंडा कांछा एवं कांछी के मिलन से 1993 में एक नर गैंडा का जन्म हुआ, जिसके बाद से ही यहां गैंडे के जन्म का सिलसिला जारी है.

3.87 करोड़ की लागत से गैंडा प्रजनन केंद्र का डिप्टी सीएम ने किया शिलान्यास

डिप्टी सीएम सह पर्यावरण व वन मंत्री सुशील कुमार मोदी ने गैंडा प्रजनन केंद्र का शिलान्यास किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि संजय गांधी जैविक उद्यान में गैंडों के प्रजनन को देखते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नयी दिल्ली द्वारा 60 और 40 फीसदी के अंशदान पर 387 लाख रुपये की लागत से एक गैंडा प्रजनन केंद्र के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी है. इसका निर्माण उद्यान के पश्चिमी हिस्से में 54 हजार 117 वर्गमीटर क्षेत्रफल में किया जायेगा.

अदला-बदली कार्यक्रम के तहत अन्य चिड़ियाघरों को गैंडे उपलब्ध कराने के बाद भी आज जू में 12 गैंडे हैं, जिसमें से छह मादा और छह पुरुष हैं. पटना जू ने इस क्षेत्र में एक अलग पहचान बनायी है. मौके पर डिप्टी सीएम ने 8 और 27 जुलाई को जन्मे नर और मादा गैंडे का नाम शक्ति और राइन रखा. राइनो कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर बनाने के लिए 3.5 करोड़ का फंड पास हुआ है, जिसमें 60 प्रतिशत फंड सेंट्रल जू ऑथॉरिटी से मिला है. वहीं 40 प्रतिशत फंड बिहार सरकार के सहयोग से मिला है. सेंटर करीब दस एकड़ जमीन में तैयार किया जायेगा, जो साल भर में बन कर तैयार हो जायेगा़ मौके पर पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक गोपाल सिंह, रेंज अफसर केके हिमांशु मौजूद थे.

पटना जू नहीं होता, तो हम उपमुख्यमंत्री नहीं बनते : मोदी

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगर पटना जैविक उद्यान नहीं होता, तो वह उपमुख्यमंत्री नहीं बनते. उन्होंने संजय गांधी जैविक उद्यान में आयोजित एक समारोह में चुटकी लेते हुए कहा कि अगर जैविक उद्यान नहीं होता, तो उनकी पार्टी सत्ता में भागीदार नहीं होती.

गौरतलब है कि भाजपा नेता सुशील मोदी ने सबसे पहले पटना में मिट्टी घोटाले का उजागर किया था, जिसमें लालू परिवार और तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप पर अपने भाई तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बन रहे माल की मिट्टी जैविक उद्यान में बिक्री करने का खुलासा किया था. इसके बाद से ही बिहार का राजनीतिक समीकरण बदला और राजद की जगह भाजपा सरकार में आयी.

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