पटना : भागलपुर के सृजन घोटाले के मद्देनजर वित्त विभाग ने सरकारी राशि कीनिकासी और इसके खर्च की मॉनीटरिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया है. विभाग ने एक विशेष बैठक करके सभी विभागों के लिए राशि खर्च करने का नया फॉर्मूला तय किया है.
अब किसी विभाग को दूसरी किस्त तभी जारी की जायेगी, जब वह पहली किस्त की 80 प्रतिशत राशि खर्च कर चुका होगा. इस मामले में वित्त विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश सभी विभागों के प्रधान सचिव या सचिव,
प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी समेत अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को जारी किया है. इसके तहत व्यक्तिगत जमा (पीडी) या पीएल और सरकारी बैंक खातों के संचालन के लिए मानक तय किये गये हैं. इसके मुताबिक निजी क्षेत्र के किसी भी बैंक में कोई भी सरकारी योजना के रुपये जमा नहीं किये जायेंगे.
वित्त विभाग ने
सभी विभागों के प्रधान सचिव कमिश्नर, डीएम, भू-अर्जन पदाधिकारी को जारी किया आदेश
जिन योजनाओं में
बेहद जरूरी हो या पैसा वितरण से जुड़ा हो मामला उसके ही रुपये रखें बैंकों में
भूमि अधिग्रहण की योजनाओं में खास चौकसी
भूमि अधिग्रहण से जुड़ी योजनाओं या मामलों में खासतौर से इन बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है. भूमि अधिग्रहण से संबंधित राशि की कोषागार से एक बार में 20% तक की निकासी तभी की जायेगी,
जब उसका खर्च एक महीने के अंदर हर हाल में करना संभव होगा. इसके बाद अगली किस्त की निकासी करते समय संबंधित विभाग या कार्यालय के खाता संचालक को इससे यह प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा कि उन्होंने पिछली किस्त की राशि का खर्च एक महीने में कर लिया है. विभागों को आवंटित राशि का 20% ही एक बार में निकालने का अधिकार होगा.
खातों का मोबाइल अलर्ट रखें
किसी ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा में किसी विभाग या कार्यालय के प्रभारी को आइडी व पासवर्ड प्राप्त होता है, तो उसे संबंधित विभाग के लेखा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी या कार्यालय प्रधान या विशेष सचिव या अपर या संयुक्त सचिव के साथ शेयर जरूर करेंगे, ताकि िकसी सीनियर अधिकारी की मॉनीटरिंग भी बराबर होती रहे. विभागों को मोबाइल अलर्ट की सुविधा भी लेने को कहा गया है, ताकि हर ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलती रहे.
प्रत्येक तीन महीने में देना होगा खाते का हिसाब
पीएल खाताें में जमा सरकारी राशि की जमा और निकासी का पूरा हिसाब प्रत्येक तीन महीने में 15 तारीख को कोषागार पदाधिकारी के माध्यम से महालेखाकार को समर्पित करना होगा. पीएल खाता में जमा राशि का समायोजन संबंधित कोषागार से कराया जायेगा. कोषागार पदाधिकारी के स्तर पर इससे जुड़ा स्वीकृति प्रमाणपत्र लेना होगा. विशेष या जरूरी योजनाओं से जुड़े रुपये ही निकाल कर बैंक में रखे जायेंगे. अगर किसी कारण से निर्धारित मानक के अनुसार तय राशि
प्रत्येक तीन महीने…
से ज्यादा रुपये निकाल कर बैंक में रखने की जरूरत पड़ती है, तो इसके लिए पहले वित्त विभाग को प्रस्ताव देना होगा और इसकी अनुमति के बाद ऐसा करना होगा. इसके लिए वित्त विभाग से खाता खोलने के लिए अलग से आदेश लेना होगा. हालांकि, राज्य के जो विभाग पेमेंट गेटवे की सुविधा या ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा किसी बैंक से प्राप्त कर रहे हैं, वह जारी रहेगी. लेकिन, इसमें किसी निजी बैंक की सुविधा नहीं ली जायेगी.