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Bihar तीन चांस: दारोगा बहाली की मुख्य परीक्षा में होंगे दो पेपर, कुछ ऐसा होगा फिजिकल टेस्ट

पटना: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा बिहार दारोगा के 1734 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित होगी. इसकी परीक्षा दो चरणों में आयोजित होगी. प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) और मुख्य परीक्षा (मेंस) होगी. इसके फॉर्म ऑनलाइन भरे जायेंगे. यह बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. लिखित परीक्षा के सभी पत्र बहुविकल्पीय […]

पटना: बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग द्वारा बिहार दारोगा के 1734 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित होगी. इसकी परीक्षा दो चरणों में आयोजित होगी. प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) और मुख्य परीक्षा (मेंस) होगी. इसके फॉर्म ऑनलाइन भरे जायेंगे. यह बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. लिखित परीक्षा के सभी पत्र बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित होंगे. प्रथम चरण में 200 अंकों की पीटी परीक्षा होगी, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या 100 होगी एवं परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी.

इसमें 30 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी मेंस परीक्षा के लिए असफल घोषित किये जायेंगे. इसमें सामान्य ज्ञान एवं समसामयिक मुद्दों से संंबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर रिक्तियों के 20 गुना सफल अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा. इसमें सभी सफल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा.

मुख्य परीक्षा में दो पत्र होंगे. प्रथम पत्र 200 अंकों का सामान्य हिंदी का होगा, जिसमें 100 प्रश्न होंगे. इसके लिए दो घंटे का समय मिलेगा. इसमें 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना जरूरी है. लेकिन मेरिट लिस्ट में हिंदी का प्राप्त अंक नहीं जोड़ा जायेगा. दूसरे पत्र में सामान्य अध्ययन, सामान्य विज्ञान, नागरिक शास्त्र, भारतीय इतिहास, भारतीय भूगोल, गणित एवं मानसिक योग्यता जांच से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. इसमें 100 प्रश्न 200 अंकों के होंगे. इसकी लिए भी अभ्यर्थियों को दो घंटे का समय मिलेगा.

एक गलत उत्तर के लिए 0.20 अंक काटे जायेंगे
दोनों चरणों की परीक्षा में प्रत्येक एक गलत उत्तर के लिए 0.20 अंक काट लिये जायेंगे. उत्तर पुस्तिका दो प्रतियों में होगी, जिसकी एक प्रति आयोग के पास सुरक्षित रखी जायेगी. मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आरक्षण कोटिवार का छह गुना अभ्यर्थियों का चयन शारीरिक दक्षता के लिए होगा. यह सभी प्रक्रिया कंप्यूटरीकृत होगी. पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी. आयोग प्रत्येक दिन शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफल अथवा असफल होने की सूचना सभी अभ्यर्थियों को देगा. अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की मेधा सूची मुख्य लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर आरक्षण कोटिवार तैयार की जायेगी. यदि कोई अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट हो तो वह परीक्षा की तिथि से तीन दिनों के अंदर अपनी आपत्ति आयोग के समक्ष दर्ज करा सकेगा. दो या दो से अधिक अभ्यर्थियों के समान अंक प्राप्त करने की दशा में मेधा सूची में उनके स्थान का निर्धारण उनकी जन्म तिथि के आधार पर किया जायेगा, अर्थात उम्र में वरीय अभ्यर्थी मेधा क्रम में ऊपर रहेंगे.
दौड़ में सबको होना होगा सफल
मेंस में सफल अभ्यर्थियों को सबसे पहले दौड़ में सफल होना होगा. दौड़ में सफल अभ्यर्थी ही बाकी के अन्य टेस्ट में शामिल हो सकेंगे. इसमें पुरुष के साथ महिला अभ्यर्थियों को भी दौड़ लगानी होगी. महिलाओं को छह मिनट में सिर्फ एक किलोमीटर दौड़ना होगा. वहीं, पुरुष को छह मिनट में एक मील दौड़ना होगा. छह मिनट से अधिक समय लेने वाले अभ्यर्थी असफल घोषित किये जायेंगे. पुरुष सामान्य, पिछड़ा एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की ऊंचाई 165 सेमी और सीना 81 सेमी (बिना फुलाए) और फुलाकर 86 सेमी होना चाहिए. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए ऊंचाई 160 सेमी होना चाहिए. सीना बिना फुलाए 79 और फुलाकर 84 सेमी होना चाहिए. दौड़ के बाद होने वाले ऊंची कूद, लंबी कूद और गोला फेंक में पुरुष व महिला अभ्यर्थियों को तीन अवसर दिया जायेगा. महिला अभ्यर्थियों की ऊंचाई 160 सेमी तथा वजन न्यूनतम 48 किलो होना चहिए. महिलाओं के सीना की मापी नहीं की जायेगी.
कुछ ऐसा होगा फिजिकल टेस्ट
दौड़ की जांच अवर निरीक्षक प्रारक्ष अवर निरीक्षक
एक मील दौड़ (पुरुष) छह मिनट छह मिनट
एक किलोमीटर (महिला) छह मिनट छह मिनट
जांच (पुरुष) अवर निरीक्षक प्रारक्ष अवर निरीक्षक
ऊंची कूद न्यूनतम चार फीट न्यूनतम चार फीट छह इंच
लंबी कूद न्यूनतम 12 फीट न्यूनतम 15 फीट
गोला फेंक (16 पाउंड) न्यूनतम 16 फीट न्यूनतम 20 फीट
जांच (महिला) अवर निरीक्षक प्रारक्ष अवर निरीक्षक
ऊंची कूद न्यूनतम तीन फीट न्यूनतम तीन फीट
लंबी कूद न्यूनतम नौ फीट न्यूनतम नौ फीट
गोला फेंक (12 पाउंड) न्यूनतम 10 फीट न्यूनतम 10 फीट
इस परीक्षा में जीएस ही मुख्य एवं निर्णायक विषय होगा : विशेषज्ञ
विशेषज्ञ समीर कहते हैं कि महिला अभ्यर्थियों के पास दारोगा बनने का बेहतर अवसर है. परीक्षा में जीएस ही मुख्य एवं निर्णायक विषय होगा. सिलेबस वर्ष 2008 में आयोजित दारोगा भर्ती परीक्षा के जीएस के सिलेबस के अनुरूप है, इसलिए उसी पुराने पैटर्न पर जीएस की तैयारी छात्रों को करनी चाहिए और उस वर्ष जीएस में पूछे गये प्रश्नों का विश्लेषण कर लेना चाहिए. सिलेबस में बिहार टॉपिक का अलग से कहीं उल्लेख नहीं किया गया है. यही स्थिति वर्ष 2008 में आयोजित दारोगा भर्ती परीक्षा के सिलेबस की थी. लेकिन उस परीक्षा में बिहार से संबंधित काफी प्रश्न पूछे गये थे. इसलिए छात्रों को बिहार से संबंधित प्रश्नों को हल करने के ‘बिहार एक परिचय’ पढ़ सकते हैं.

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