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आहर व पइन को भर किया जा रहा है सड़क निर्माण
मसौढ़ी : किसानों की भूमि सिंचित करने व बरसात का पानी संग्रह करने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने-से-पुराना आहर व पइन की खुदाई करने के प्रति गंभीर है , ताकि किसानों को फसल की पटवन में कोई परेशानी न हो और जल संचित रह पाये.वहीं, इसके ठीक विपरीत ग्रामीण […]
मसौढ़ी : किसानों की भूमि सिंचित करने व बरसात का पानी संग्रह करने के उद्देश्य से केंद्र व राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने-से-पुराना आहर व पइन की खुदाई करने के प्रति गंभीर है , ताकि किसानों को फसल की पटवन में कोई परेशानी न हो और जल संचित रह पाये.वहीं, इसके ठीक विपरीत ग्रामीण कार्य विभाग इन आहर व पइन को भर कर सड़क निर्माण करने में लगा है. ऐसे तो अनुमंडल क्षेत्र के कई हिस्सों में आहर-पइन भर कर सड़क का निर्माण करा दिया गया है,लेकिन एक मामला पुनपुन प्रखंड की वरावां पंचायत में ग्रामीणों के विरोध के कारण प्रकाश में आया है.
वरावां के ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध किया,लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग ने उनकी एक न सुनी .थक-हार कर ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता धनंजय कुमार मधु के नेतृत्व में इसकी लिखित शिकायत जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से करते हुए स्थल जांच कर आहर व पइन पर निर्माणरत सड़क पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है. ग्रामीणों द्वारा की गयी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ग्रामीण कार्य विभाग ने बिना स्थल जांच किये ही सड़क बनाने का प्राक्कलन बना कार्य भी प्रारंभ करा दिया है .उनका आरोप है कि एसएच-78 बिहटा-सरमेरा पथ से जैतीपुर,पटनपुरा व ऐनिया समेत कई सड़क का निर्माण आहर को भर कर किया जा रहा है. इससे आहर ने नाला का रूप ले लिया है.
उनका कहना था कि इन आहर व पइन से वरावां समेत फतुहा प्रखंड के एक हिस्से की सिंचाई होती थी .गौरतलब है कि वरावां पंचायत पुनपुन व दरधा नदियों के तट पर स्थित है. दोनों नदियों के जल स्तर में वृद्धि होने या बाढ़ आने की स्थिति में वरावां पंचायत सबसे अधिक प्रभावित होता है . हालांकि, पंचायत में स्थित आहर व पइन से इसमें काफी हद तक स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है .अब जबकि इनके अस्तित्व को ही समाप्त कर दिया गया है, तो किसानों को सिंचाई में परेशानी होगी. बाढ़ आने की स्थिति में इसका भयंकर परिणाम देखने को भी मिल सकता है .
ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे धनंजय कुमार मधु का कहना था कि इससे तो अब पंचायत के निवासियों के घर का पानी भी निकलना मुश्किल हो जायेगा .
बता दें कि केंद्र सरकार किसानों के हित में सूबे की सरकार के द्वारा पुराने- से- पुराने आहर व पइन की खुदाई जल छाजन योजना के तहत पूरे जोर-शोर से करा रही है ताकि बरसात व नदी का पानी इन आहर व पइन में जमा रहे, जिससे किसानों को होने वाली परेशानी को कम किया जा सके . सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने एक आदेश में आहर व पइन को भर कर सड़क निर्माण कराने पर रोक लगा दी है .
क्या कहना है ग्रामीण कार्य विभाग का
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण से पानी कहीं अवरुद्ध नहीं हो रहा है. जब उनसे सवाल किया गया किया आहर व पइन भर कर सड़क बनाना कहां तक उचित है , जबकि इस पर न्यायालय ने भी बंदिश लगा दी है . इस पर उनका जवाब था कि ऐसे भी उक्त सड़क पीएम योजना के तहत भारत सरकार से ही स्वीकृत है .
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