Advertisement
बिहार की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत
कार्यक्रम . द्विवार्षिक अधिवेशन में बोले मुख्य न्यायाधीश पटना : बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति के 18वें द्विवार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने कहा कि बिहार की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है. इसके लिए मैं प्रयासरत हूं. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका […]
कार्यक्रम . द्विवार्षिक अधिवेशन में बोले मुख्य न्यायाधीश
पटना : बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति के 18वें द्विवार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन ने कहा कि बिहार की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है.
इसके लिए मैं प्रयासरत हूं. उन्होंने कहा कि जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात मैंने बिहार के मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि बिहार के सभी जिला अदालतों में नागरिक सुविधा बढ़ायी जाये. इसमें अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था, शौचालय, मुवक्किलों के बैठने को लेकर शेड आदि की सुविधा मुहैया कराएं. बिहार की अदालतों में मेडिएशन सिस्टम व लोक अदालतों को और सुदृढ़ किया जाये, जिसके लिए अधिवक्ताओं व न्यायिक पदाधिकारियों को बढ़-चढ़ कर आगे आने की जरूरत है. उन्होंने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व कर्नाटक की न्यायिक प्रणाली में उपरोक्त सिस्टम के मजबूत होने का जिक्र करते हुए कहा कि इस कारण मामलों के निष्पादन में काफी तेजी आयी है. बिहार में भी इस व्यवस्था को मजबूत करना है, ताकि मामलों का निष्पादन अतिशीघ्र हो सके.
बांकीपुर क्लब में आयोजित इस अधिवेशन में न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता व न्यायाधीश एक सिक्के के दो पहलू हैं तथा एक दूसरे के बिना न्यायिक प्रक्रिया को चलाना संभव नहीं है. मंच संचालन समिति के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष कुमार व धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष प्रभाकर महाराज ने किया. मंच पर जिला जज समेत कई न्यायिक पदाधिकारी तथा अधिवेशन में समिति के मौजूदा व पूर्व सदस्य तथा बिहार से आये पुरुष व महिला अधिवक्तागण उपस्थित थे.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अधिवक्ताओं को इस ख्याल को मन से निकाल देना चाहिए कि मेडिएशन सेंटर सिस्टम के मजबूत होने से वादों के निष्पादन में तेजी आयेगी, जिससे उनके पास मामलों की संख्या कम हो जायेगी, बल्कि जिनके मामलों का निष्पादन शीघ्र होगा, उनके प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा और उनके पास मामलों की संख्या बढ़ेगी. यह सही है कि न्यायालयों में मामलों का अंबार लगा हुआ है. लेकिन, इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि समाज के लोगों का अब भी भारत की न्याय प्रणाली पर विश्वास बना हुआ है.
समाज के इस विश्वास को हमें टूटने नहीं देना है. जो लोग न्याय की गुहार या मांग करें, उन्हें न्याय अवश्य मिले. उन्होंने कहा कि यदि अधिवक्ता, न्यायिक पदाधिकारी मेडिएशन सेंटर को मजबूत कर दें, तो अदालतों में आनेवाले मामलों में अपने-आप काफी कमी आ जायेगी. उन्होंने कहा िक मैं प्रयास करूंगा कि जहां भी जिला अदालतों का भवन बनाया जाये, वहां अधिवक्ता भवन का भी निर्माण हो. युवा अधिवक्ताओं से कहा कि उन्हें बहुत परिश्रम करने की जरूरत है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement