पटना: इस्कॉन परिसर में धूमधाम से रामनवमी मनायी गयी. देश-विदेश से आये भक्तों द्वारा भजन एवं कीर्तन से पूरा वातावरण राममय हो गया था. पूजन के बाद सभी भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया.
इस्कॉन के अध्यक्ष श्रीकृष्ण कृपा दास जी ने कहा कि असुरों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने राम रूप में पृथ्वी पर अवतार लिया. उनका जन्म सूर्य वंश में हुआ. जीवन में मर्यादा का पालन करने के कारण वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये. इस वर्ष उनका जन्मदिन सूर्य के स्वामित्व वाले मंगलवार को आने से यह दिन और भी महत्वपूर्ण हो गया. उनका जन्म दोपहर के ठीक 12 बजे का है, जो दिन का मध्यकाल होता है. सूर्य अपने पूरे तेज पर होता है.
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्मोत्सव तो धूमधाम से मनाया जाता है, पर उनके आदर्शो को जीवन में नहीं उतारा जाता है. जरूरी है कि उनके आदर्शो को जीवन में उतारें. दिल्ली से आये रामभद्र दास ने कहा कि अयोध्या के राजकुमार होते हुए भी भगवान श्रीराम अपने पिता के वचनों को पूरा करने के लिए संपूर्ण वैभव को त्याग करते हुए 14 वर्षो के लिए वन चले गये. भगवान श्रीराम असुरों का नाश एवं मानव मात्र के कल्याण तथा सतपुरुषों का इहलौकिक भय से रक्षा करने के लिए इस धराधाम पर अवतरित हुए. धर्म रक्षा एवं पुनस्र्थापन के लिए भगवान के आविर्भाव से लोक कल्याण का सूत्रपात हुआ. मौके पर इस्कॉन के प्रवक्ता नंद गोपाल दास सहित कई भक्त उपस्थित थे.