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BIHAR : राजीव नगर में झड़प: हंगामे का आंखों देखा हाल..छह घंटे यू हीं जलता रहा दीघा
जिला प्रशासन, पुलिस व आवास बोर्ड की टीम को तीन किलोमीटर तक पथराव कर खदेड़ा पटना : आवास बोर्ड की अधिग्रहित जमीन को कब्जे से मुक्त कराने पहुंची टीम और स्थानीय लोगों के बीच करीब छह घंटे तक बवाल चला. इस दौरान लोगों ने जिला प्रशासन, पुलिस व आवास बोर्ड की टीम को करीब तीन […]
जिला प्रशासन, पुलिस व आवास बोर्ड की टीम को तीन किलोमीटर तक पथराव कर खदेड़ा
पटना : आवास बोर्ड की अधिग्रहित जमीन को कब्जे से मुक्त कराने पहुंची टीम और स्थानीय लोगों के बीच करीब छह घंटे तक बवाल चला. इस दौरान लोगों ने जिला प्रशासन, पुलिस व आवास बोर्ड की टीम को करीब तीन किलोमीटर तक पथराव कर खदेड़ दिया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस रुक-रुक कर लगातार फायरिंग करती रही. पढ़िए दीघा हंगामे का आंखों देखा हाल.
आवास बोर्ड की अधिग्रहित जमीन पर कब्जा हटाने के लिए सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी व पटना सदर के एसडीएम आलोक के नेतृत्व में डीएसपी विधि व्यवस्था डाॅ मो शिबली नोमानी, दीघा थानाध्यक्ष आरके दूबे, राजीव नगर थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार, आवास बोर्ड के अधिकारी व 30 जवानों की टीम चार जेसीबी मशीन लेकर यहां पहुंचती है.
उनके साथ वज्रवाहन की गाड़ी भी होती है. आवास बोर्ड के एक अधिकारी के पास नक्शा होता है और वह नक्शा की मदद से सिटी एसपी व पटना सदर एसडीएम को उस जमीन के संबंध में जानकारी देते हैं, जिससे कब्जा हटाया जाना है. अचल कुमार की बाउंड्री किये गये प्लॉट के बाहर तीन ककर्टनुमा दुकानें थीं. इसे जेसीबी की मदद से तोड़ दी जाती है. इसके बाद दूसरे प्लॉट की भी बाउंड्री गिरा दी जाती है. चारों जेसीबी अलग-अलग प्लॉट की बाउंड्री को गिराने के कम में लग जाते हैं.
इसी बीच लोगों की भीड़ जमा होने लगती है. लोगों के पास यह मैसेज जाता है कि टीम पूरे इलाके में मकान को तोड़ने पहुंची है. कुछ ही पल में करीब तीन सौ लोगों की भीड़ जमा हो जाती है और बाउंड्री गिराने से रोकने का प्रयास करती है.
इसी दौरान लोगों की ओर से पथराव शुरू कर दिया जाता है. इससे दीघा थानाध्यक्ष आरके दूबे और राजीव नगर थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार को चोटें लगती हैं. दीघा थानाध्यक्ष का सिर फट जाता है. पुलिस लाठीचार्ज कर लोगों को खदेड़ने का प्रयास करती है.
लोगों का गुस्सा लाठीचार्ज के बाद और बढ़ गया. फिर चारों ओर से पथराव शुरू हो गया. इस दौरान लोगाें ने एक जेसीबी चालक की पिटाई कर दी. कुछ युवकों ने जेसीबी के पेट्रोल पाइप को खोला अौर पेट्रोल गिरा कर उसमें आग लगा दी. पुलिस की संख्या कम थी और वह पथराव में घिर चुकी थी. एक जेसीबी चालक किसी तरह से अपनी गाड़ी को लेकर वहां से राजीव नगर थाने की ओर भागा. अन्य जेसीबी वहीं छोड़ कर पैदल भाग निकले. पुलिस के पास भी कोई मौका नहीं बचा था. कई पुलिसकर्मियों को चोटें लग गयी थीं.
इसके बाद सिटी एसपी अमरकेश डी के बॉडीगार्ड व अन्य पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग करना शुरू की तो लोगों को लगा कि उन पर गोली चल रही है. वे कुछ देर के लिए पीछे हट गये. लेकिन, फिर से पथराव शुरू कर दिया.
पुलिस के पास भागने के अलावा कोई चारा नहीं था. दीघा थाना का चालक पुलिस जीप को लिए बिना ही भाग गया. भीड़ के एक ग्रुप ने अब दो अन्य जेसीबी और पुलिस जीप को आग लगा दी. टीम वहां से पोलसन रोड होते हुए दीघा थाने की ओर भागने लगी. एसडीएम की गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया.
लोग जब करीब पहुंचने लगते तो फिर पुलिसकर्मी रुक-रुक कर फायरिंग करते रहे. तीन किलोमीटर तक लोगों ने खदेड़ कर पथराव किया. इसमें एक थानाध्यक्ष समेत एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो चुके थे. एक चैनल के कैमरामैन का सिर भी फट गया.
पुलिस किसी तरह से दीघा थाना पहुंच जाती है. लेकिन, उग्र भीड़ दीघा थाने के गेट तक पहुंच गयी और अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया. पर, तब तक अतिरिक्त पुलिस आ चुकी थी. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग कर खदेड़ दिया.
सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी खुद ही हवाई फायरिंग करते हैं. पोलसन गांव के मोड़ पर काफी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी गयी. इसी बीच एक पुलिसकर्मी के हाथ में रहे इंसास राइफल से अचानक ही गोली चल जाती है.
हालांकि, किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. इसके बाद लोगों ने दीघा-आशियाना रोड को टायर में आग लगा कर जाम कर दिया. तुरंत ही दीघा-आशियाना मार्ग से जाम हटाया गया. इसके बाद लोगों ने फिर से पटना-दानापुर मार्ग को जाम करने का प्रयास किया. लेकिन, पुलिस ने तुरंत ही जाम हटा दिया.
यह प्रकरण शाम चार बजे तक चलता रहा. इसके बाद डीएम संजय कुमार अग्रवाल व एसएसपी मनु महाराज के साथ काफी संख्या में पुलिस दीघा-आशियाना रोड में पहुंचती है. दोनों ही अधिकारी दल-बल के साथ फ्लैग मार्च करते हैं. वे घुड़दौड़-पोलसन रोड से होते हुए दीघा थाने पर पहुंचे.
पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया जाता है. दीघा थाने पर ही डीएम संजय कुमार अग्रवाल, एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी पूर्वी विशाल शर्मा, सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी, सिटी एसपी पश्चिमी रवींद्र कुमार आदि पुलिस पदाधिकारी आगे की रणनीति बनाने में जुट जाते हैं. प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाती है. देर रात तक दीघा थाने से लेकर राजीव नगर थाने तक गश्ती लगाते रहते हैं.
40 वर्षों से अधिक समय से चल रहा दीघा का 1024.25 एकड़ भूमि अधिग्रहण विवाद
पटना : दीघा के 1024.52 एकड़ जमीन को लेकर बिहार राज्य आवास बोर्ड अधिग्रहण का मामला लगभग 40 वर्ष से अधिक पुराना है. इसको लेकर राजीव नगर व अन्य क्षेत्रों के लोग व आवास बोर्ड कई बार सामने सामने आ चुका है.
बीते 40 वर्ष में कई बार अधिग्रहण को लेकर पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोगों में झड़प हो चुकी है. आवास बोर्ड अब राज्य सरकार दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 के तहत दीघा की पूरी जमीन को 600 एकड़ व 400 एकड़ में बांट कर अलग-अलग देख रहा है.
इसमें राजीव नगर सहित 600 एकड़ भू-भाग को आवास बोर्ड तय राशि लेकर अधिग्रहण मुक्त करना चाह रहा है. जबकि, नेपाली नगर सहित दीघा आशियाना रोड के पश्चिम 400 एकड़ जमीन को आवास बोर्ड मुआवजा देकर अपने अधिग्रहण में लेने की योजना पर काम रहा रहा है. इसी 400 एकड़ में से 300 एकड़ में टाउनशिप बनाने की योजना है. गौरतलब है कि मौजूदा स्थिति में 400 एकड़ जमीन में 500 से अधिक घर बन चुके हैं.
क्या है मामला : बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से 1974 में दीघा के 1024 एकड़ को लेकर भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी की गयी थी. लेकिन, वहां के निवासियों ने इसे अस्वीकार का दिया था. मामला निचली अदालत होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. काेर्ट ने 1984 में आवास बोर्ड के फैसले को वैध ठहराया.
कोर्ट के दबाव में सरकार 2010 में दीघा एक्शन प्लान लायी. इसके तहत निर्माणों को वैध करने और कोर्ट के आदेश दोनों के बीच का रास्ता अपनाना था. फिर इसके बाद राज्य सरकार ने दीघा अर्जित भूमि अधिनियम 2013 के माध्यम से पूरे भू-भाग को दो भागों में बांट दिया.
इसमें राजीव नगर की तरफ छह सौ एकड़ जमीन और निर्माण को आवास बोर्ड शुल्क लेकर वैध करने का स्कीम बना और दीघा आशियाना के पश्चिम 400 एकड़ भूमि में रहने वाले लोगों को प्रति कट्ठा जमीन की राशि देकर उसे अतिक्रमण से मुक्त करना था, ताकि वहां आवास बोर्ड नया टाउनशिप डेवलप कर सके. अब बोर्ड दीघा अाशियाना के पश्चिम 400 एकड़ में से सौ एकड़ जमीन को विभिन्न सरकारी एजेंसियों को देने की तैयारी कर रहा है.
आवास बोर्ड दीघा के अपने अधिग्रहण के दावे के आधार पर उस चार सौ एकड़ जमीन में से सौ एकड़ जमीन में 32 एकड़ बीएमपी को, 20 एकड़ एसएसबी को और बैंक ऑफ बड़ौदा को ढाई एकड़, सीबीएसइ को छह एकड़ सहित अन्य एजेंसियों को जमीन देना चाहता है. वहीं, सौ एकड़ में उत्तरी नेपाली नगर के घौड़दौड़ रोड चौराहे से अागे एक साढ़े चार एकड़ प्लॉट की बाउंड्री तोड़ने बोर्ड की टीम गयी थी. सुप्रीम कोर्ट से मामला स्पष्ट हो जाने के बाद अधिग्रहण विवाद में स्थानीय लोग एक नया दावा कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि हाइकोर्ट ने कहा है कि जब आवास बोर्ड 40 वर्षों से अधिग्रहण की जमीन नहीं ले सका है. जमीन पर स्थानीय लोगों का कब्जा है, तो क्यों न अधिग्रहण को रद्द कर दिया जाये. ऐसे में स्थानीय लोग कर रहे हैं कि जब हाइकोर्ट ने दोबारा मामले में संज्ञान लिया है, तो क्यों बोर्ड जमीन को कब्जा करने में जुटा है.
दीघा आशियाना के पश्चिम 400 एकड़ में से सौ एकड़ जमीन विभिन्न एजेंसियों को देने की तैयारी कर रहा है आवास बोर्ड, दीघा के नेपाली नगर में चल रहे निर्माण को तोड़ने गयी थी आवास बोर्ड की टीम अधिग्रहण एक्ट के तहत काम किया जा रहा है.
आवास बोर्ड ने दीघा आशियाना रोड के पश्चिम 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी. इस चार सौ एकड़ में सौ एकड़ जमीन विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं को देना है. उसी सौ एकड़ जमीन में 2.5 एकड़ सीबीएसइ व दो एकड़ पासपोर्ट कार्यालय को दिया जाना है. बोर्ड की टीम उसी 4.5 एकड़ जमीन के नापी के लिए गयी थी. आगे भी कार्रवाई की जायेगी.
– अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एमडी, बिहार राज्य आवास बोर्ड
पटना-दानापुर मार्ग और आशियाना-दीघा मार्ग रहा डिस्टर्ब
पटना : अधिग्रहित जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान पटना-दानापुर मार्ग और आशियाना-दीघा मार्ग पूरी तरह करीब तीन घंटे तक डिस्टर्ब रहा.
लोगों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा. जिस कारण आशियाना से दीघा जाने वाले लोगों को परेशानी हुई. कई लोगों को बीच में ही उतरना पड़ा और उन लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे थे. पटना-दानापुर मार्ग में भी दीघा हाट से आगे गाड़ी नहीं बढ़ रही थी. दूसरी ओर दानापुर से आने वाले वाहन जेपी सेतु तक ही आ रहे थे.
आवास बोर्ड की नीति के विरोध में
बैठक
पटना. बिहार राज्य आवास बोर्ड की नीति के विरोध में दीघा के 1024 एकड़ के लोग बैठक करेंगे. राजीव नगर व नेपाली नगर सहित मुहल्लों के लोग बुधवार को दीघा अशियाना रोड के घुड़दौड़ रोड चौराहा पर तीनबजे बैठक कर आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे.
बोले स्थानीय लोग
हमारी पुस्तैनी जमीन है. जमीन हमारे दादा जी के नाम है. आवास बोर्ड ने न ही हमें अधिग्रहण का पैसा दिया और न ही आवास बोर्ड ने इसकी पहले से कोई सूचना दी है. अचानक टीम आ गयी और हमारे बाउंड्री तोड़ने लगी.
-अचल कुमार,
भू-मालिक, दीघा
पुलिस ने ही कानून को हाथ में ले लिया. आवास बोर्ड के अधिकारी पुलिस के दम पर लोगों की जमीन पर कब्जा करना चाह रहे हैं. यह गैरकानूनी है.
-वीरेंद्र सिंह, राजीव नगर
जब मामला हाइकोर्ट में चल रहा है, तो आवास बोर्ड को कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया है. इसलिए हम कानून के साथ हैं. अधिग्रहण गैरकानूनी है.
-आरसी सिंह, राजीव नगर
पहले पुलिस की ओर से लाठीचार्ज की गयी. इसके बाद स्थानीय लोगों ने मजबूरन पत्थरबाजी की. पुलिस की ओर से फायरिंग भी की गयी. ऐसे में किसी की भी जान सकती थी.
-अशोक कुमार, नेपाली नगर
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