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BIHAR : इस वजह से एक साल पीछे हो गयी हर घर नल-जल योजना

उदासीनता : मुखिया-वार्ड की लड़ाई में नहीं शुरू हो सका काम, सीएम ने पश्चिम चंपारण के नौतन प्रखंड से योजना की शुरुआत की थी शशिभूषण कुंवर पटना : वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल का जल और पक्की गली-नाली योजना को पहुंचाना है. मुख्यमंत्री नीतीश […]

उदासीनता : मुखिया-वार्ड की लड़ाई में नहीं शुरू हो सका काम, सीएम ने पश्चिम चंपारण के नौतन प्रखंड से योजना की शुरुआत की थी

शशिभूषण कुंवर

पटना : वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2019-20 तक राज्य के ग्रामीण इलाकों में हर घर नल का जल और पक्की गली-नाली योजना को पहुंचाना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने निश्चय यात्रा के दौरान नवंबर 2016 के दूसरे सप्ताह में इस योजना का शुभारंभ भी कर दिया.

पश्चिम चंपारण जिला के नौतन प्रखंड के पकड़िया पंचायत के मूर्तिया टोला गांव से मुख्यमंत्री ने हर घर नल का जल योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के शुरू हुए अब 10 माह पूरे हो चुके हैं. इस दौरान अभी तक सभी वार्डों में योजना को क्रियान्वित करने वाले एजेंसी का गठन नहीं किया गया है. योजना को पूरा करने का लक्ष्य मात्र आठ माह रखा गया है. योजना के 10 माह गुजरने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. योजना मुखिया और वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बीच उलझ कर रह गयी है. इस मद की राशि मुखिया के पास है. काम कराना समिति को है. मुखिया राशि का ट्रांसफर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को नहीं कर रहे हैं. योजना की स्थिति जस की तस बनी है. राज्य में 8391 ग्राम पंचायत हैं. इन पंचायतों में कुल एक लाख 14 हजार 733 वार्ड हैं. हर वार्ड में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति का गठन किया जाना है. निश्चय योजना के तरह पहले वर्ष हर पंचायत के 20 प्रतिशत वार्डों, दूसरे वर्ष 30 प्रतिशत, तीसरे साल 30 प्रतिशत और चौथे वर्ष शेष 20 प्रतिशत वार्डों में योजना का क्रियान्वयन किये जाने का लक्ष्य है. पहले वर्ष में करीब 23 हजार वार्डों में इन दोनों योजनाओं को पूर्ण कर लिया जाना है. स्थिति यह है कि इन योजनाओं को क्रियान्वयन करनेवाली एजेंसी का ही गठन सभी वार्डों में नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री निश्चय योजना से एक लाख 14 हजार 733 वार्डों में योजना को जमीन पर उतारने की जिम्मेवारी वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति पर है.

पदाधिकारियों की उदासीनता और उचित मॉनीटरिंग के अभाव में डेढ़ साल गुजरने के बाद भी कमेटी का गठन नहीं हुआ. कमेटी के अभाव में न तो किसी वार्ड में नाली-गली के लिए ईंट रखी जा रही है और न हीं नल के जल की सप्लाई के लिए मोटर और पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है.

योजना को पूरा करने की अवधि

240 दिन : योजना को पूरा करने की कुल अवधि

30 दिन : योजना की पूर्व तैयारी

30 दिन : प्लानिंग करने में

180 दिन : योजना के क्रियान्वयन में

जिन वार्डों में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है, वहां पर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति का गठन किया जा रहा है. राज्य में करीब 12 हजार वार्डों में समिति का गठन किया जा चुका है. उन्होंने स्वीकार किया कि योजना को लेकर तकनीकी परेशानी आयी. इस बाधा को दूर कर लिया गया है. योजना को लागू करने को लेकर लोगों द्वारा दूसरे तरह का प्रचार भी किया गया.

पर एक बार योजनाओं पर काम शुरू हो जायेगा तो इसमें बहुत ही तेजी से काम शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि वर्ष 2019-20 तक योजना को पूरे राज्य स्तर पर पूरा कर लिया जाये.

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