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फांसी मंजूर, पर भाजपा का साथ नहीं : लालू

पटना : राजद की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली’ में समर्थकों की भीड़ देख राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद फिर पुराने अंदाज में लौटे. सत्ता से अलग होने के बाद अपनी पहली रैली में वह शुरू से अंत तक नीतीश कुमार और भाजपा पर हमलावर बने रहे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की यह आखिरी पलटीमारी […]

पटना : राजद की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली’ में समर्थकों की भीड़ देख राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद फिर पुराने अंदाज में लौटे. सत्ता से अलग होने के बाद अपनी पहली रैली में वह शुरू से अंत तक नीतीश कुमार और भाजपा पर हमलावर बने रहे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की यह आखिरी पलटीमारी है. इसके बाद वह कभी सत्ता में नहीं लौटेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हम फांसी पर चढ़ जायेंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जायेंगे. उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन में नीतीश कुमार की कोई भूमिका नहीं थी. शरद यादव ने उन्हें (नीतीश) दिल्ली में मंत्री बनवाया था. उन्होंने कहा कि एनडीए के सारे नेता मेरे प्रोडक्ट हैं. प्रशासन और पुलिस वालों से सीधे संवाद करते हुए कहा कि नीतीश कुमार दोबारा सत्ता में आनेवाले नहीं हैं. आनेवाला समय लालू प्रसाद का है.
उन्होंने कहा कि जिसका उसूल नहीं और सिद्धांत भी नहीं है, उस पर कौन भरोसा करेगा. नीतीश ने हमें असमंजस में रखा. हम भोला बाबा बने रहे. लेकिन, नीतीश को तेजस्वी से जलन थी. तेजस्वी ने ही दीघा पुल को शुरू करवाया और उसकी पहल पर ही राघोपुर में छह लेन की सड़क का निर्माण शुरू हुआ. छापेमारी के बाद कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. वह घर आया.
राबड़ी देवी के साथ दोनों लड़कों को बुलाया. कहा कि अब तो लड़कों का भविष्य हैं. पर वह उनके घर कालनेमी बन कर आया था. नीतीश कुमार जब बीमार पड़े, तो समझो कि वह खतरनाक काम कर रहे हैं. जब सीबीआइ का छापा पड़ा तो राजगीर चला गया. लेकिन, सरकार की बिना जानकारी के किसी राज्य में सीबीआइ का छापा नहीं पड़ता. अब बताओ कि लालू के पास कहा संपत्ति है. जो संपत्ति है, वह सब पब्लिक डोमेन में है.
लालू ने कहा, मैं नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं मान रहा था. दंगाई व बलवाई ताकत को दिल्ली से उतारने के लिए मन को कचोट कर महागठबंधन किया. लोगों ने मेरा चेहरा देख कर वोट किया. यहां तक नालंदा में नीतीश के कैंडिडेट को मैंने जितवाया. समर्थकों की नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की बात करनेवाला सृजन की गिरफ्त में आ गया. हमने सीबीआइ से मामले की जांच कराने की मांग की
बीजेपी ने नीतीश कुमार को जेल में ठूसने के लिए सीबीआइ की जांच स्वीकार कर ली. अब यह बचनेवाला नहीं है. अमित शाह रूपी हाथी ने नीतीश कुमार को अपनी सूंढ़ में लपेट लिया है. कभी फेंक देगा. उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाइयों को डराया जा रहा है. गोरखपुर में बीजेपी शासन में बच्चों ने आॅक्सीजन के अभाव में दम तोड़ दिया. आगे लालू प्रसाद ने बाढ़ की चर्चा की और कहा कि बाढ़ आयी नहीं, बाढ़ को लाया गया है.
अरबों का घपला होगा. एक ही जाति के ठेकेदार और एक ही जाति के इंजीनियरों द्वारा बांध के नाम पर लूट किया जायेगा. इन लोगों के पास ही बाढ़ मरम्मत का पैसा जायेगा. बाढ़ के लिए सरकार जिम्मेवार है. इन लोगों पर मर्डर का केस होना चाहिए. विधायकों से अनुरोध किया कि वे क्षेत्र में जाकर जनता की मदद करें. यह रैली नीतीश व बीजेपी को कब्र में डालने के लिए बुलायी गयी है. महागठबंधन से नीतीश कुमार के अलग होने पर लालू ने कहा कि दुनिया के लोकतंत्र में ऐसा उदाहरण नहीं मिलेगा. अलग-अलग मैनिफेस्टों पर चुनाव लड़ने वाले मिल गये हैं.चुनाव के पहले यह कुछ और बात बोलते थे. जैसे ही सरकार बनी कि नीतीश कुमार पैंतरा बदलने लगा. सरकार बनने के बाद कहने लगा कि स्पीकर उनके दल का आदमी बनेगा. उस समय जदयू के विधायकों की स्थिति डावाडोल थी. नीतीश कुमार का एजेंट दिल्ली में बैठा हुआ है. बिहार की बेटी मीरा कुमार को वोट नहीं किया. नरेंद्र मोदी के यहां लंच किया और कहा कि वे रामनाथ कोविंद को वोट देंगे. पहले से ही लोग बोलते थे कि नीतीश कुमार भाजपा में तो नहीं जायेगा. पर, हम मानते थे कि नीतीश कुमार महागठबंधन में रहेंगे.
लालू ने कहा कि नीतीश कहते थे कि मिट्टी में मिल जायेंगे, पर भाजपा में नहीं जायेंगे. अगली रैली में जब भी आप लोग आयेंगे, तो अपने इलाके से एक-एक मुट्ठी मिट्टी लेकर आयेंगे नीतीश कुमार को देने के लिए. उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार भाजपा में शामिल हो गये तो 16 सिंगार, आंख में काजल और लिपिस्टिक लगा कर नरेंद्र मोदी को बुलाया. पटना में नरेंद्र मोदी का प्रोग्राम कैंसिल हो गया.
नीतीश कुमार पत्तल बिछा कर बैठे रहे. नरेंद्र मोदी ने लात की ठोकर से पत्तल को हटा दिया. जूठे पत्तल पर कोई खाना नहीं खाता. राजद प्रमुख ने घोषणा किया कि उनकी सरकार आयेगी, तो सतवां पास को सिपाही में बहाली होगी. यही नहीं ताड़ी को फिर से चालू किया जायेगा. उन्होंने सुझाव दिया था कि सरकारी ठेका में 50% आरक्षण दिया जाये. नीतीश कुमार ने मुखिया लोगों की दुर्दशा कर दी है.
मंच पर मौजूद थे दो पीढ़ियों के नेता
रैली में दो पीढ़ियों के नेताओं का संगम दिखा. लालू ने जिनके साथ काम किया है, उनके पुत्र एक साथ मंच पर थे. उनके दोनों पुत्र तेज प्रताप व तेजस्वी के अलावा बेटी मीसा भारती भी अग्रिम पंक्ति में बैठी थीं. वहीं, झारखंड के शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन, मुलायम के बेटे व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव व रालोद नेता अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी मौजूद थे. पुरानी पीढ़ी में शरद यादव, ममता बनर्जी, सुधाकर रेड्डी, शिवानंद तिवारी, डी राजा, रघुवंश प्रसाद सिंह, रामचंद्र पूर्वे प्रमुख थे.

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